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बिजली चोरी करने वालों पर पर ऊर्जा निगम की पैनी नजर, इस साल पकड़े गए 2500 से अधिक बिजली चोर

Uttarakhand Electricity News उत्तराखंड में बिजली चोरी करने वालों पर ऊर्जा निगम की पैनी नजर है। इस साल सितंबर तक ही ढाई हजार से अधिक बिजली चोर पकड़े जा चुके हैं। निगम लाइन लास घटाने के साथ ही बिजली चोरी रोकने के लिए प्रभावी कदम उठा रहा है। ऊधमसिंह नगर व हरिद्वार जिले बिजली चोरी के लिहाज से संवेदनशील हैं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 17 Nov 2024 10:54 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, देहरादून। बिजली चोरी करने वालों पर ऊर्जा निगम की कार्रवाई जारी है। प्रदेशभर में ऊर्जा निगम की विजिलेंस टीम के साथ ही अधिशासी अभियंता स्तर से भी निगरानी कर कार्रवाई की जा रही है। इस वर्ष सितंबर तक ही ढाई हजार से अधिक मामले पकड़े जा चुके हैं। जबकि बीते वर्षों में भी लगातार कार्रवाई कर बिजली चोरी करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की गई।

ऊर्जा निगम के निदेशक परिचालन एमआर आर्य ने बताया कि कुछ व्यक्तियों की ओर से ऊर्जा निगम की छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके तहत काशीपुर व रुड़की क्षेत्रों के अंतर्गत उद्योगों में विद्युत चोरी के संबंध में तथ्यहीन एवं भ्रामक आरोप लगाए जा रहे हैं।

ऊर्जा निगम की ओर से विगत कई वर्षों से उद्योगों के कनेक्शन की कंज्युमर सेल (केसीसी) के अंतर्गत बिलिंग की जाती है व प्रत्येक उद्योग के बिलिंग के डाटा का विश्लेषण संबंधित अधिशासी अभियंता स्तर पर प्रत्येक माह किया जाता है। लाइन लास घटाने के साथ ही निगम बिजली चोरी रोकने को प्रभावी कदम उठा रहा है।

ऊधमसिंह नगर व हरिद्वार जिले बिजली चोरी के लिहाज से संवेदनशील हैं। जिस कारण यहां विद्युत चोरी को रोकने के लिए की गई कार्रवाई के दौरान आए दिन ऊर्जा निगम के कार्मिकों से अभद्रता व हाथापाई की जाती है। जिससे निपटने के लिए पुलिस से सहयोग मांगा जाता है। इस बीच ऊर्जा निगम लगातार ऐसे मामलों में कार्रवाई कर रहा है। 

मांगों को लेकर ऊर्जा निगम मुख्यालय पर गरजे अवर अभियंता

वहीं दूसरी और देहरादून में उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन (यूपीजेईए) के आह्वान पर अवर अभियंता संवर्ग मांगों को लेकर मुखर हो गया है। ऊर्जा भवन मुख्यालय में सत्याग्रह अभियंताओं ने प्रबंधन के विरुद्ध नारेबाजी की। एसोसिएशन की ओर से सहायक अभियंता वरिष्ठता सूची जारी करते हुए अधिशासी अभियंता के रिक्त पदों पर प्रोन्नति किए जाने, सदस्यों को जीपीएफ सुविधा अनुमन्य करने, नवीन सदस्यों को टैरिफ सुविधा अनुमन्य किए जाने सहित 13 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। जल्द ही बैठक कर भावी रणनीति पर विचार किया जाएगा।

शनिवार को बल्लीवाला चौक के निकट स्थित ऊर्जा निगम मुख्यालय में बड़ी संख्या में अभियंता एकत्रित हुए। एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद सिंह रावत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रबंधन एसोसिएशन के सदस्यों की जायज मांगों के प्रति जरा भी संवेदनशील नहीं है।

प्रबंधन की ओर से पूर्व में आश्वासन दिया गया था कि सहायक अभियंता वरिष्ठता सूची मामले में जैसे ही कोर्ट का निर्णय आएगा, उसका तुरंत अनुपालन किया जाएगा। लेकिन, इसके विपरीत प्रबंधन मामले में स्पष्टता के नाम पर अनावश्यक देरी कर रहा है। केंद्रीय महासचिव पवन रावत ने कहा कि प्रबंधन की ओर से निष्पक्ष निर्णय नहीं लिए जाने से अवर अभियंता संवर्ग के सदस्य अपने भविष्य के प्रति आशंकित हैं। एसोसिएशन की ओर से लंबे समय से 13 सूत्रीय मांगों के समर्थन में आंदोलन किया जा रहा है।

सत्याग्रह में केंद्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष राहुल अग्रवाल, प्रांतीय अध्यक्ष सुनील उनियाल, प्रांतीय महासचिव भूपेंद्र फर्त्याल, विकास कुमार, मनोज कंडवाल, आरपी नौटियाल, प्रशांत जुयाल, रेणु जोशी, शिवानी, पूनम गैरोला, शीतल सैनी, ममता, स्मृता, कविता मेहरा, सोनल, अंजुला आदि शामिल रहे।

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