देश में चल रहे तनावपूर्ण हालात को देखते ऊर्जा कर्मियों ने स्थगित किया आंदोलन
उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने देश में चल रहे तनावपूर्ण हालात को देखते हुए अपने आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 28 Feb 2019 05:29 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलित ऊर्जा कर्मचारियों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने यह निर्णय देश में चल रहे तनावपूर्ण हालात को देखते हुए लिया है। मोर्चा ने अपील की है कि मांग पत्र के अनुसार तत्काल कार्रवाई की जाए।
विदित है कि नौ,14 व 19 साल की सेवा में एसीपी और समयबद्ध वेतनमान दिए जाने, तीनों निगमों में उपनल के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर ऊर्जा कार्मिक उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन के तहत कर्मचारियों ने दो दिन यूजेवीएनएल में अनशन किया। इसके बाद बुधवार को यूपीसीएल में अनशन के बाद कर्मचारियों की अगली रणनीति पिटकुल में दो दिन अनशन और उसके बाद पांच मार्च से बेमियादी हड़ताल की थी। लेकिन देश में चल रहे तनावपूर्ण हालात को देखते हुए मोर्चा ने फिलहाल अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। मोर्चा के मीडिया प्रवक्ता दीपक बेनिवाल ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में देशहित में मोर्चा का हर सदस्य सेना के साथ खड़ा है। कहा कि परिस्थिति अनुकूल होने तक आंदोलन स्थगित रहेगा। इस दौरान मोर्चा ने निगम प्रबंधनों और शासन से कर्मचारियों की मांगों पर उचित कार्रवाई की मांग की है।
कैबिनेट में जल्द प्रस्तुत होगा एकीकरण का प्रस्ताव
पेयजल निगम अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने पेयजल निगम और जल संस्थान के एकीकरण सहित लंबित वेतन और पेंशन भुगतान को लेकर सचिव पेयजल से मुलाकात की। सचिव पेयजल अरविंद हयांकी ने समिति को अवगत कराया कि दोनों विभागों के राजकीयकरण, एकीकरण की पत्रावली पूर्ण है। गुरुवार को पत्रावली पेयजल मंत्री से अनुमोदित कराकर कैबिनेट में रखी जाएंगी।
समिति के महामंत्री विजल खाली ने बताया कि बैठक में सचिव पेयजल के साथ ही अपर सचिव, प्रबंध निदेशक भी मौजूद थे। बताया कि सचिव पेयजल ने यह भी आश्वासन दिया कि शीघ्र्र ही पेंशनरों के पेंशन व लंबित वेतन भुगतान की भी व्यवस्था की जा रही है। सचिव से अनुरोध किया गया है कि राजकीयकरण की तिथि से पूर्व पेंशनरों के देयकों के भुगतान की स्पष्ट व्यवस्था शासनादेश में होनी चाहिए। सचिव ने पेंशनरों के संबंध में शीघ्र स्थायी व्यवस्था बनाने का आश्वासन दिया। बैठक में समिति की ओर से अध्यक्ष एनके चतुर्वेदी, योगेंद्र सिंह, राजकुमार, प्रवीण सिंह रावत, अरविंद सजवाण आदि मौजूद रहे।
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