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Chamoli STP Accident: खंगाली जा रही एसटीपी का संचालन करने वाली कंपनी की कुंडली, शिकंजा कसने की तैयारी

Chamoli STP Accident चमोली में सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) में हुए हादसे के बाद इस संयंत्र का संचालन करने वाली कंपनी की कुंडली खंगाली जा रही है। जयभूषण मलिक कांट्रेक्टर पटियाला और उसके ज्वाइंट वेंचर कांफिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्रा लिमिटेड के बांड को खंगालने के साथ ही अन्य राज्यों में इनके कार्यों की जानकारी जुटाई जा रही है। इनके पास चमोली-रुद्रप्रयाग में बने 17 एसटीपी के संचालन का जिम्मा है।

By kedar duttEdited By: riya.pandeyUpdated: Sat, 22 Jul 2023 11:41 PM (IST)
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Chamoli STP Accident: खंगाली जा रही एसटीपी का संचालन करने वाली कंपनी की कुंडली

राज्य ब्यूरो, देहरादून: चमोली में सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) में हुए हादसे के बाद इस संयंत्र का संचालन करने वाली कंपनी की कुंडली खंगाली जा रही है। जयभूषण मलिक कांट्रेक्टर पटियाला और उसके ज्वाइंट वेंचर कांफिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्रा लिमिटेड के बांड को खंगालने के साथ ही अन्य राज्यों में इनके कार्यों की जानकारी जुटाई जा रही है। इन दोनों के पास नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में बने 17 एसटीपी के संचालन का जिम्मा है।

एसटीपी निर्माण का जिम्मा पेयजल निगम को सौंपा

राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता के दृष्टिगत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत नमामि गंगे परियोजना के प्रथम चरण में गोमुख से लेकर हरिद्वार तक के 15 नगरों में एसटीपी निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया। इनके निर्माण का जिम्मा पेयजल निगम को सौंपा गया। अधिकांश का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।

निर्माण पूरा होने के बाद जयभूषण मलिक को रखरखाव का जिम्मा

इस बीच कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, चमोली, गोपेश्वर व रुद्रप्रयाग में 17 एसटीपी का निर्माण पूर्ण होने के बाद इनके रखरखाव का जिम्मा 15 वर्ष के लिए जयभूषण मलिक कांट्रेक्टर पटियाला और उसके ज्वाइंट वेंचर कांफिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्रा लिमिटेड कोयंबटूर को सौंपने का निर्णय लिया गया। बताया गया कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन से अनुमोदन मिलने के बाद ज्वाइंट वेंचर वाली इस कंपनी को यह कार्य दिया गया।

रखरखाव के लिए कंपनी को सौंपे गए 12 एसटीपी

रखरखाव के लिए इस कंपनी को सौंपे गए 12 एसटीपी उत्तराखंड जल संस्थान को हस्तांतरित किए जा चुके हैं, जबकि पांच अभी पेयजल निगम के पास हैं। चमोली में जिस एसटीपी में हादसा हुआ, वह वर्ष 2021 में जल संस्थान को हस्तांतरित हुआ था। एसटीपी के संचालन में कंपनी की लापरवाही उजागर होने के बाद उसे नोटिस देने के साथ ही कंपनी और उसके ज्वाइंट वेंचर के बारे में विभिन्न स्रोतों से जानकारी जुटाई जा रही है।

पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक एससी पंत के अनुसार इस कंपनी के बांड निकाले जा रहे हैं। अन्य राज्यों में इसके कार्यों की क्या स्थिति रही, इसका ब्योरा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण की जांच चल रही है, लेकिन अन्य कानूनी पहलुओं पर भी विमर्श चल रहा है।