Move to Jagran APP

Coronavirus: उत्तराखंड में आइसीयू और आइसोलेशन बेड की संख्या बढ़ाने की तैयारी

उत्तराखंड में कोरोना का प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। उपचार के लिए अधिकृत अस्पतालों में आइसोलेशन बेड बढ़ाने के साथ ही आइसीयू की क्षमता बढ़ेगी।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Fri, 03 Apr 2020 09:46 PM (IST)
Hero Image
Coronavirus: उत्तराखंड में आइसीयू और आइसोलेशन बेड की संख्या बढ़ाने की तैयारी
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में कोरोना का प्रकोप भले ही अभी थमा हो, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। कोरोना के उपचार के लिए अधिकृत अस्पतालों में जहां आइसोलेशन बेड बढ़ाए जा रहे हैं, वहीं आइसीयू की भी क्षमता बढ़ेगी। जिसका प्लान भी तैयार है। 

देहरादून में ही वर्तमान समय में पांच अस्पतालों में 1400 बेड कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए आरक्षित हैं। जबकि वेंटिलेटर सहित 74 आइसीयू बेड की व्यवस्था है। जिससे अगले एक माह के भीतर और बढ़ा दिया जाएगा। तकरीबन दो हजार आइसोलेशन बेड व 215 आइसीयू बेड केवल कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित होंगे।

देश में जिस तरह से कोरोना के मरीज बढ़े हैं, चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं। यही वजह है कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार विस्तार देने में जुटी है। पिछले दो दिन में जहां 477 नए चिकित्सकों की नियुक्ति सरकार ने की है। फोकस इस बात पर है कि इलाज में किसी तरह की कोई कमी न रहे। 

दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के अलावा निजी अस्पतालों में भी बेड आरक्षित किए गए हैं। संसाधन भी बढ़ाए जा रहे हैं। अप्रैल अंत तक आइसीयू बेड करीब तीन गुना बढ़ जाएंगे। आइसोलेशन बेड में भी बढ़ोत्तरी की जा रही है।

निजी अस्पतालों को मिलेगी सुरक्षा किट

कोरोना के उपचार के लिए आरक्षित निजी अस्पतालों को अब राज्य सरकार ही एन-95 मास्क और पीपीई किट मुहैया कराएगी। दरअसल अस्पतालों को अपने स्तर पर खरीद में दिक्कत हो रही है। बताया गया कि सरकार ये सामान एकसाथ खरीदेगी। जिसका अस्पताल भुगतान करेंगे। अटल आयुष्मान में शामिल अस्पताल के क्लेम से भी इस रकम की कटौती का विकल्प रखा गया है।

बता दें, प्रदेश में अभी तक कोरोना के सात मामले सामने आ चुके हैं। साथ ही संदिग्ध मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोरोना के उपचार के लिए आरक्षित रखा है। इसके अलावा एम्स ऋषिकेश, हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट, श्री महंत इंदिरेश अस्पताल व सैन्य अस्पताल में भी उपचार की व्यवस्था है। 

अभी तीन दिन पहले अस्पताल के प्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ बैठक हुई थी। जिसमें आगे की तैयारियों पर विमर्श किया गया। निजी अस्पतालों का कहना था कि उन्हें एन-95 मास्क, पीपीई किट आदि खरीदने में दिक्कत पेश आ रही है। यह सामान आसानी से उपलब्ध भी नहीं हो पा रहा है। 

उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने भी यह मुद्दा उठाया। ऐसे में यह तय किया गया है कि राज्य सरकार ही एकसाथ सामान खरीदेगी। एचएलएल लाइफकेयर को सामान का ऑर्डर दिया भी जा चुका है। सरकार के स्तर से ही सामान अस्पतालों को मुहैया कराया जाएगा। जिसकी प्रतिपूर्ति अस्पतालों से की जाएगी। वे सीधा इसका भुगतान करेंगे या फिर पैसा अटल आयुष्मान के क्लेम की राशि से काट लिया जाएगा।

वीटीएम में भी अस्पतालों को मदद देगी सरकार

निजी अस्पतालों का कहना है कि उन्हें वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया (वीटीएम) की व्यवस्था करने में भी दिक्कत आ रही है। दरअसल, जांच सैंपल के ट्रांसपोर्टेशन के लिए एक विशेष प्रकार का वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया यानी कलेक्शन ट्यूब चाहिए होती है। यहां तक कि सैंपल भेजने को भी विशिष्ट इंतजाम होते हैं। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि वीटीएम आवश्यकता अनुसार अस्पतालों को उपलब्ध कराए जाएंगे। यह भी कहा गया है कि कोरोना के मरीज के लिए यदि अलग एंबुलेंस की आवश्यकता है तो सरकार इंतजाम करेगी।

नर्सों ने रखी स्थायी नियुक्ति की मांग 

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में चिकित्सक व नर्स सबसे आगे खड़े हैं। इस संकटकाल में राज्य सरकार ने चिकित्सकों की तो नियमित भर्ती की, पर नसिर्ंग का स्टाफ अस्थायी रखा जा रहा है। जिस पर नर्सेज एसोसिएशन ने एतराज जताया है। संगठन ने इस संदर्भ में सीएम को पत्र भेजा है। 

उत्तराखंड नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला व महामंत्री कांति राणा का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा में काफी पद रिक्त है, पर इन्हें नहीं भरा जा रहा। कहा कि नसोर्ं की अस्पतालों में मरीजों की देखभाल एवं अस्पताल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। राज्य सरकार ने चिकित्सकों की स्थायी नियुक्तियां की, लेकिन नर्सों की एनएचएम के माध्यम से मात्र कुछ माह के लिए केवल 15 हजार रुपये प्रति माह पर भर्तियां की जा रही हैं। यह सही नहीं है। 

यह भी पढ़ें: Coronavirus: मेला अस्पताल में पांच और मरीज आइसोलेशन में, 208 क्वारंटाइन; 175 लोगों की स्क्रीनिंग

उन्होंने कहा कि कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों की देखरेख में लगी नसोर्ं को पर्याप्त मात्र में मास्क और पीपीई किट दी जानी चाहिए। उनकी सुरक्षा को भी खतरा है। राज्य सरकार को स्टाफ के लिए परिवहन की व्यवस्था भी करनी चाहिए।

यह भी पढ़ें: Coronavirus: रुड़की में हरियाणा और दिल्ली से आए तीन लोग भर्ती, जांच को भेजे सेंपल

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।