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उत्तराखंड में बिजली क्षेत्र में निजी कंपनियों की होगी एंट्री, सौंपा जाएगा ये काम

पिटकुल अब राज्य में नए बनने वाले बिजली घरों और पारेषण लाइनों को निजी या अन्य बिजली कंपनियों को सौंपने की तैयारी कर रहा है।

By BhanuEdited By: Updated: Tue, 28 May 2019 08:53 PM (IST)
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उत्तराखंड में बिजली क्षेत्र में निजी कंपनियों की होगी एंट्री, सौंपा जाएगा ये काम
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में बिजली क्षेत्र में निजी कंपनियों की एंट्री होने वाली है। टैरिफ बेस्ड कॉम्पेटीटिव बिडिंग (टीबीसीबी) के अतंर्गत पिटकुल जल्द ही 132 केवी के एक बिजलीघर और दो पारेषण लाइनों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। पिटकुल के मुताबिक, इस बिजलीघर और पारेषण लाइन के निर्माण का लक्ष्य वर्ष 2023 रखा गया है।

बिजली घरों के निर्माण व पारेषण लाइनों को बिछाने में करोड़ों रुपये का खर्चा आता है। पिटकुल को न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार से नए बिजलीघरों और पारेषण लाइनों के निर्माण के लिए धनराशि मिल रही है। स्वयं भी पिटकुल अपने दम पर बिजली घरों और पारेषण लाइनों के निर्माण का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं है। 

लिहाजा पिटकुल अब राज्य में नए बनने वाले बिजली घरों और पारेषण लाइनों को निजी या अन्य बिजली कंपनियों को सौंपने की तैयारी कर रहा है। फिलहाल पिटकुल ने उधमसिंह नगर के खुरपिया फार्म बिजलीघर के निर्माण और इससे संबंधित लगभग 194 किमी पारेषण लाइन के साथ ही 220 केवी डबल सर्किट अल्मोड़ा-जौलजीबी लाइन (260 किमी) को निजी कंपनियों को सौंपने का प्रस्ताव बनाया है। इसके अंतर्गत इन बिजली घरों और लाइनों पर पूरा नियंत्रण संबंधित कंपनियों का ही रहेगा। इसके लिए पिटकुल ने वर्ष 2023 तक का लक्ष्य रखा है। 

तैयार किया गया प्रस्ताव 

पिटकुल के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल के अनुसार, नए बिजली घरों और पारेषण लाइनों के निर्माण में खर्च अधिक आता है। फिलहाल पिटकुल नए बिजली घर और पारेषण लाइनें बिछाने में समक्ष नहीं है। इसलिए टीबीसीबी के अंतर्गत खुरपिया फार्म उपकेंद्र और अल्मोड़ा-जौलजीवी लाइन के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया है। 

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