उत्तराखंड की इस 'मिठास' की तारीफ कर चुके हैं पीएम मोदी, अंग्रेज भी थे दीवाने, घर पर बनाकर आप भी लीजिए स्वाद
Bal Mithai Recipe अल्मोड़ा की बाल मिठाई 1865 से लोगों में मिठास घोल रही है। कहा जाता है कि 1865 में लाला बाजार में सबसे पहले बाल मिठाई बनाई गई थी। प्रधानमंत्री मोदी को यह मिठाई खूब लुभाती है। देश और विदेश में भी इसकी डिमांड है।
टीम जागरण, देहरादून : Bal Mithai Recipe : उत्तराखंडी पारंपरिक खाने के साथ ही यहां की मिठाई के चर्चे भी दूर-दूर तक हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी यह मिठाई खूब लुभाती है। इतना ही नहीं देश और विदेश में भी इसकी डिमांड है।
उत्तराखंड में वैसे कई मिठाइयों की दुकानों पर बाल मिठाई उपलब्ध होती है, लेकिन अल्मोड़ा की बाल मिठाई का कोई सानी नहीं है। इसलिए तो जब अल्मोड़ा के अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन बैंकाक में थामस कप जीता तो प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे बाल मिठाई की डिमांड कर डाली। आइए जानते हैं इसकी खासियत और घर पर बनाने की विधि :
- अल्मोड़ा की बाल मिठाई 1865 से लोगों में मिठास घोल रही है। कहा जाता है कि 1865 में लाला बाजार में सबसे पहले बाल मिठाई बनाई गई थी और इसका श्रेय जोगा साह को दिया जाता है।
- और वर्तमान में आलम यह है कि अल्मोड़ा में ही करीब 100 से अधिक बाल मिठाई की दुकानें स्थित हैं। प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद योजना में भी बाल मिठाई को जगह दी गई है। अन्य जिले में भी यह बनने लगी है पर अल्मोड़ा की मिठाई का स्वाद ही अलग है।
- अल्मोड़ा की बाल मिठाई का डिब्बा स्थानीय लोगों द्वारा पुराने तरीके से ही बनाया जाता है। उसका रंग, आकार, डिजाइन देखकर ही अल्मोड़ा की बाल मिठाई की पहचान होती है।
- मिठाई विक्रेता व निर्माता अमर सिंह ने बताया कि यह बाल मिठाई देश दुनिया में भी प्रसिद्ध है। प्रदेश के अन्य जिलों व प्रदेशों से भी लोग आकर मिठाई ले जाते हैं। वहीं विदेशों में रहने वाले लोग भी अपने रिश्तेदारों से इस मिठाई की डिमांड करते हैं।
- ब्रिटिश राज में अंग्रेजों को भी इसका स्वाद खूब पसंद था। गर्मियों में गोरे पहाड़ पर छुट्टी मनाने आते थे तो इसका खूब स्वाद लेते थे और आज अल्मोड़ा की बाल मिठाई यहां के लोगों की पहचान बन गई है।
घर पर कैसे बनाएं बाल मिठाई?
- बाजार से खोया लाएं और खोए को तब तक पकाएं जब तक वह कत्थई रंग न ले लें।
- उसमें स्वाद अनुसार चीनी डालें।
- उसे एक समतल ट्रे में फैला लें।
- इसके बाद सफेद दाने जिसे बालदाना कहा जाता है उसे मिश्रण के ऊपर डालें।
- मिठाई को सेट होने के लिए कुछ देर के लिए छोड़ दें।
पहले पहाड़ी गाय या भैंस के दूध से खोया बनाया जाता था और उससे बाल मिठाई बनाई जाती थी। अब पहाड़ में दुग्ध उत्पादन कम होने के चलते बाहर से मंगवाए खोये बाल मिठाई बनाई जाती है।
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