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वर्षाकाल में जंगलों में फलदार पौधों के रोपण को मिलेगी तवज्जो

इस वर्षाकाल में जंगली जानवरों के लिए जंगल में भोजन के पर्याप्त इंतजाम हो सके इसके लिए पौधरोपण में फलदार प्रजातियों को विशेष तवज्जो दी जाएगी।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 02 Jul 2019 08:12 PM (IST)
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वर्षाकाल में जंगलों में फलदार पौधों के रोपण को मिलेगी तवज्जो
देहरादून, राज्य ब्यूरो। 71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड के जंगलों की हरियाली कायम रहे, इसके लिए इस वर्षाकाल में विभिन्न प्रजातियों के 159.33 लाख पौधे लगाने का निश्चय किया गया है। वन महकमे का दावा है कि पौधरोपण के लिए उसके पौधालयों में दो करोड़ से अधिक पौधे वर्तमान में उपलब्ध हैं। यही नहीं, जंगली जानवरों के लिए जंगल में भोजन के पर्याप्त इंतजाम हो सके, इसके लिए पौधरोपण में फलदार प्रजातियों को विशेष तवज्जो दी जाएगी। साथ ही रोपित पौधों की उचित देखभाल के इंतजाम के निर्देश भी वन मुख्यालय ने सभी वन संरक्षकों और डीएफओ को दिए हैं।

मानसून के दस्तक देने के साथ ही वन विभाग ने पौधरोपण के लिए कवायद शुरू कर दी है। वन मुख्यालय से मिली जानकारी पर गौर करें तो इस वर्ष गढ़वाल मंडल में 9677.17 हेक्टेयर जंगल में 92.85 लाख पौधे और कुमाऊं मंडल में 6805.88 हेक्टेयर में 66.48 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। पौधरोपण के लिए पौधालयों में विभिन्न प्रजातियों के 206.14 लाख पौधे तैयार हैं।

खास बात यह है कि पौधरोपण में फलदार पौधों के रोपण को तवज्जो दी जाएगी। असल में राज्यभर में बंदर, लंगूर, भालू, सूअर जैसे जानवरों ने लोगों की नींद उड़ाई हुई है। ये जानवर भोजन की तलाश में जंगल की देहरी लांघ आबादी के नजदीक आकर फसलों को चौपट तो कर ही रहे, लोगों के लिए भी खतरा बने हुए हैं। ऐसे में विभाग की नींद उड़ी हुई है।

प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जय राज के मुताबिक जंगलों में फलदार पौधे लगाने के पीछे मंशा यही है कि वहां वन्यजीवों के लिए भोजन की उपलब्धता बनी रहे। इस क्रम में जंगली फल प्रजातियों के रोपण को महत्व दिया जा रहा है। साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे पौधरोपण की सफलता के लिए हरसंभव प्रयास करें।

इस वर्ष पौधरोपण का लक्ष्य

  • जिला------------------पौधे (लाख में)
  • उत्तरकाशी------------6.90
  • चमोली----------------19.59
  • टिहरी-----------------26.55
  • देहरादून--------------10.94
  • पौड़ी-------------------23.96
  • रुद्रप्रयाग--------------2.44
  • हरिद्वार--------------2.45
  • नैनीताल------------12.69
  • ऊधमसिंहनगर-------6.99
  • अल्मोड़ा------------10.66
  • बागेश्वर------------10.53
  • पिथौरागढ़----------18.49
  • चंपावत--------------7.09
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