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कांग्रेस के जिम्मेदार पदाधिकारियों को अध्यक्ष की नसीहत, चुनाव को बनाई रणनीति

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने नसीहत दी कि जिम्मेदार पदों पर बैठे नेताओं को सार्वजनिक बयानबाजी और अनुशासनहीनता से बचना चाहिए।

By BhanuEdited By: Updated: Thu, 13 Dec 2018 10:26 AM (IST)
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कांग्रेस के जिम्मेदार पदाधिकारियों को अध्यक्ष की नसीहत, चुनाव को बनाई रणनीति
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह बड़े नेताओं के पार्टी के खिलाफ मीडिया में बयानबाजी से खफा हैं। उन्होंने नसीहत दी कि जिम्मेदार पदों पर बैठे नेताओं को सार्वजनिक बयानबाजी और अनुशासनहीनता से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ सभी को एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी। साथ ही कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने की लिए रणनीति बनाई है। 

विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने बीते रोज हल्द्वानी में मीडिया से बातचीत में प्रदेश संगठन को निशाने पर लिया था। पूर्व महासचिव खजान पांडे और नैनीताल कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मारुति शाह के निष्कासन पर रोष जताते हुए उन्होंने संगठन पर मनमानी और तानाशाही का आरोप लगाया था। यही नहीं उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति को भी निशाने पर लिया था। 

विधायक करन माहरा के इस रुख पर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने संयत प्रतिक्रिया के साथ नसीहत भी दे डाली। मीडिया से बातचीत में माहरा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को सीधे मीडिया से अपनी बात कहने से बचना चाहिए। बतौर प्रदेश अध्यक्ष वह पार्टी अनुशासन से बंधे हुए हैं। अनुशासन को किसी कीमत पर तोड़ा नहीं जाना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में एकजुट होकर जीत हासिल की है। उत्तराखंड में भी भाजपा को हराने के लिए सभी को मिलजुलकर लड़ाई लड़नी होगी।

अब बूथवार जनता के द्वार जाएगी कांग्रेस

तीन प्रदेशों में शानदार वापसी करने के बाद उत्तराखंड में भी पार्टी ने बढ़े मनोबल के साथ लोकसभा चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी और विधायक और जिलाध्यक्ष अब बूथवार जनता के द्वार जाएंगे। हालांकि लोकसभा चुनाव की तैयारी को कदम आगे बढ़ाने के साथ पार्टी नगर निकाय चुनाव के नतीजों पर भी मंथन कर रही है। 

खासतौर पर जिन क्षेत्रों में विधायकों और विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों की पसंद से टिकट दिए, वहां पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। इस सिलसिले में 16 दिसंबर को पार्टी प्रदेश मुख्यालय में बैठक बुलाई गई है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस बैठक को अहम माना जा रहा है। कांग्रेस प्रदेश में अपनी सियासी पकड़ मजबूत करने के लिए हाथ-पांव मार रही है।

नगर निकाय चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा है। हालांकि, अंदरखाने पार्टी को यह मलाल भी है कि कुछ क्षेत्रों में टिकट वितरण में विधायक, पूर्व विधायक और विधानसभा प्रत्याशी रहे नेताओं ने जिन सूरमाओं की पैरवी की, वे ढेर हो गए। वहीं कई स्थानों पर पार्टी के बागियों ने जीत हासिल की। 

इसे देखते हुए पार्टी अब निकाय चुनाव नतीजों के आधार पर टिकट की पैरवी करने वाले नेताओं की जनता की नब्ज पकड़ने में हुई चूक की समीक्षा भी करेगी। 16 दिसंबर को होने वाली इस समीक्षा को अगले वर्ष होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिहाज से अहम माना जा रहा है। 

बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह, सभी जिला व महानगर इकाइयों के अध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य व बड़े नेता मौजूद रहेंगे। 

बैठक में निकाय चुनाव नतीजों के साथ ही लोकसभा चुनाव की रणनीति पर काम किया जाएगा। कोशिश ये भी की जा रही है कि निकाय चुनाव के नतीजों से सबक लेकर कमजोरियों को दूर कर लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने को ताकत झोकी जाए। 

पार्टी ने अब बूथवार जनसंपर्क तेज करने का निर्णय लिया है। इसके तहत बूथवार जनता के द्वार कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में संबंधित जिलाध्यक्ष, विधायक अथवा विधानसभा क्षेत्र प्रत्याशी भाग लेंगे।

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