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दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने पर देहरादून के निजी बस ऑपरेटरों की चांदी, वसूल रहे हैं मनमाना किराया; लुट रहे बे-बस यात्री

दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने से परिवहन निगम की वोल्वो बसों का संचालन बंद हो गया है। इसका फायदा निजी बस ऑपरेटर उठा रहे हैं और मनमाना किराया वसूल रहे हैं। देहरादून से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को ढाई से तीन हजार रुपये तक किराया देना पड़ रहा है जबकि पहले यह किराया आठ सौ से एक हजार रुपये तक था। इससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।

By Ankur Agarwal Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 19 Nov 2024 03:08 PM (IST)
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आइएसबीटी में बसें न चलने से परेशान बैठे यात्री। जागरण
जागरण संवाददाता, देहरादून। दिल्ली के लिए अधिक किराया देकर सुविधायुक्त यात्रा करने वालों की मजबूरी का निजी बस आपरेटर जमकर फायदा उठा रहे हैं। अभी तक यह यात्री परिवहन निगम की वोल्वो बसों में यात्रा करते थे, लेकिन दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के कारण बीएस-4 बसों का संचालन शनिवार से बंद होने के बाद परिवहन निगम की 41 वोल्वो बसें खड़ी हो गई हैं।

परिवहन निगम की 53 वोल्वो में केवल 12 बसें ही बीएस-6 श्रेणी की हैं, इनमें भी देहरादून से सात का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में निजी आपरेटरों की बसों में यात्री ढाई से तीन हजार रुपये किराया देकर यात्रा कर रहे, जबकि पूर्व में इनका किराया आठ सौ से एक हजार रुपये तक था।

दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगने से पहले देहरादून से दिल्ली के लिए 27 वोल्वो का नियमित संचालन किया जा रहा था। सुबह पांच बजे से रात्रि 12 बजे के बीच संचालित यह सभी वोल्वो नान-स्टाप दौड़ते हुए साढ़े चार घंटे में दून-दिल्ली की दूरी तय कर रही थी।

इसके अतिरिक्त इसी मार्ग पर दो वोल्वो दिल्ली होकर गुरुग्राम के लिए भी संचालित की जा रही थी। रविवार से कुल सात बसों का संचालन हो रहा है, जिनमें पांच दिल्ली जबकि दो गुरुग्राम जा रहीं। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या वोल्वो बसों के यात्रियों को लेकर आ रही है।

परिवहन निगम के लिए दिल्ली मार्ग सबसे मुनाफे का मार्ग है, जिस पर प्रतिदिन 40 से 50 हजार यात्री आवागमन करते हैं। यही कारण है कि पूरे प्रदेश का आधा बस बेड़ा यानी 540 बसें केवल इसी मार्ग पर संचालित की जाती हैं।

अब बसों की कमी के कारण परिवहन निगम को रोजाना 40 से 50 लाख रुपये का घाटा हो रहा। वोल्वो बसों को लेकर परेशानी यह भी है कि इन बसों की पहले से आनलाइन टिकट बुकिंग थी और बसें निरस्त होने की वजह से यात्रियों को रिफंड करना पड़ रहा है।

41 बसों से ही चलाया काम

देहरादून से दिल्ली के लिए परिवहन निगम ने सोमवार को भी 41 बसों से ही काम चलाया, जबकि पहले यह संख्या 150 से ऊपर थी। सोमवार को भी 30 अनुबंधित सीएनजी, सात वोल्वो और चार बीएस-6 बसों को ही दिल्ली भेजा गया। हालांकि, सोमवार को यात्रियों की संख्या अधिक न होने के कारण निगम को राहत रही, पर वोल्वो बसों में जाने वाले यात्रियों को निराश होना पड़ा। यही स्थिति दिल्ली से आने वाले यात्रियों की भी रही।

अन्य मार्गों पर बढ़ेंगी वोल्वो बसें

दिल्ली मार्ग से हटी 41 वोल्वो बसों को अब परिवहन निगम दूसरे मार्गों पर संचालित करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए वोल्वो प्रदाता बस आपरेटरों से मार्ग का सुझाव मांगा गया है। परिवहन निगम सूत्रों की मानें तो अब देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार व हल्द्वानी से चंडीगढ़, लखनऊ, लुधियाना एवं अमृतसर के लिए वोल्वो बसें चलाई जा सकती हैं। इनमें कुछ बसें वाया पांवटा साहिब हिमाचल प्रदेश होकर जबकि कुछ बसें सहारनपुर-अंबाला होकर चलाई जा सकती हैं।

दूसरे शहरों के लिए बढ़ेंगी साधारण बस सेवा

वोल्वो के साथ ही अब परिवहन निगम दूसरे शहरों के लिए साधारण बस सेवाओं में वृद्धि का प्रयास भी कर रहा है। परिवहन निगम के महाप्रबंधक पवन मेहरा की ओर से सभी डिपो के एजीएम को पत्र भेजकर निर्देश दिए गए हैं कि जो साधारण बीएस-4 बसें दिल्ली नहीं जा पा रही हैं, उनका संचालन नोएडा, मोहननगर, मेरठ, रुड़की, सहारनपुर, पटियाला, लुधियाना, पांवटा साहिब, चंडीगढ़, धर्मशाला आदि मार्गों पर यात्रियों की भीड़ के हिसाब से किया जाए। इस दौरान दूसरे राज्यों से हुए परस्पर समझौते का ध्यान रखने को भी कहा गया है, ताकि बसों को बंधक बनाने की स्थिति न आए।

कुछ बस आपरेटर शीघ्र बसें देने को राजी

दिल्ली के लिए किसी भी तरह बीएस-6, सीएनजी या इलेक्ट्रिक बसों के जुगाड़ में लगे परिवहन निगम को कुछ बस आपरेटरों ने शीघ्र नई बसें उपलब्ध कराने की बात कही है। एक बस आपरेटर ने छह एसी बसों को महज एक हफ्ते के भीतर उपलब्ध कराने को कहा है, लेकिन उसने इन बसों के लिए अस्थायी परमिट मांगे हैं। जिस पर परिवहन निगम प्रबंधन ने विचार की बात कही है।

जिस समय मुझे दिल्ली जाना है, उस समय परिवहन निगम की वोल्वो बस उपलब्ध नहीं है। जो वोल्वो समय-सारणी में उपलब्ध है, वह काफी देर से है, ऐसे में उससे नहीं जा सकती। इसलिए मैनें निजी वोल्वो में ढाई हजार रुपये खर्च कर टिकट खरीदा है, जबकि परिवहन निगम की बस में साढ़े नौ सौ रुपये किराया है। - पुष्पा देवी

मुझे दिन में वोल्वो बस से जाना था, लेकिन बस मिली ही नहीं। करीब एक घंटे के इंतजार के बाद उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की वोल्वो मिली, लेकिन उसमें अधिकांश टिकट आनलाइन बुक थे। बामुश्किल एक टिकट मिला, लेकिन वह भी सबसे पीछे की सीट का। अब मजबूरी है, इसी में जाना पड़ेगा। - प्रेम सिंह

दिल्ली के लिए आनलाइन टिकट बुक कर रही थी, पता चला कि वोल्वो की आनलाइट बुकिंग बंद कर दी गई है। आइएसबीटी पहुंची तो यहां पता चला कि वोल्वो हैं ही नहीं। ऐसे में निजी बस का 2800 रुपये में आनलाइन टिकट किया है। मेरा मंगलवार को एक कंपनी में इंटरव्यू है, ऐसे में ज्यादा किराये में जाना मजबूरी है। - पल्लवी कुमारी

मैं परिवार के साथ दिल्ली जा रहा हूं, लेकिन न तो उत्तराखंड की वोल्वो उपलब्ध है और न ही उत्तर प्रदेश की। निजी बस में सुरक्षा का खतरा रहता है और अगर वह रास्ते में खराब हो जाती हैं तो दूसरी बस नहीं मिल पाती। ऐसे में अब साधारण बस से दिल्ली जा रहा हूं। - नीरज गुप्ता

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