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क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के खिलाफ 15 सितंबर से बंद रहेंगे निजी चिकित्सालय

केंद्र सरकार की ओर से लाए जा रहे क्लीनिकल एक्ट के खिलाफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है। 15 सितंबर से निजी चिकित्सालयों को बंद कर दिया जाएगा।

By BhanuEdited By: Updated: Mon, 10 Sep 2018 12:54 PM (IST)
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क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के खिलाफ 15 सितंबर से बंद रहेंगे निजी चिकित्सालय
ऋषिकेश, [जेएनएन]: केंद्र सरकार की ओर से लाए जा रहे क्लीनिकल एक्ट के खिलाफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है। इसके तहत 12 सितंबर से सभी प्राइवेट अस्पतालों क्लीनिकों में डॉक्टर कार्य से बहिष्कार करेंगे। 13 सितंबर को अस्पताल में ऊपचार करवा रहे, सभी मरीजों को छुट्टी दे दी जाएगी तथा 15 सितंबर से निजी चिकित्सालयों को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। 

आईएमए ऋषिकेश शाखा के अध्यक्ष डॉ. हरिओम प्रसाद ने ऋषिकेश प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान  बताया कि संसद द्वारा बनाए गए 2010 कानून के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में कार्यरत सभी क्लीनिकों के डॉक्टर अपने व्यवसाय को लेकर काफी चिंतित हैं। 

उन्होंने कहा कि जो मानक उत्तराखंड में लागू किए जा रहे हैं। उन पर यहां कोई भी चिकित्सक खरा नहीं हो पाएगा। जिसके कारण अपना इलाज कराने वाले मरीजों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि इस अधिनियम के अंतर्गत सरकारी एवं गैर सरकारी चिकित्सालयों के लिए अलग-अलग मापदंडों का निर्धारण किया गया। जो मूल अधिकारों का हनन है। 

उन्होंने कहा इस कानून के लागू होने के बाद इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि जो कमेटी गठित की गई है, उसमें पुलिस अधीक्षक नगर पुलिस आयुक्त को कमेटी का सदस्य बना दिया गया है। इस कमेटी में किसी भी चिकित्सक को नहीं रखा गया है। 

उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग का कार्य अपराध रोकने एवं अपराधियों का अन्वेषण करना है। इस कमेटी में किसी भी डॉक्टर का ना होना तानाशाही को बढ़ावा देगा। जिसका प्रभाव चिकित्सकों मरीजों तथा तीमारदारों पर भी पड़ेगा। 

प्रेस वार्ता में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ऋषिकेश के सचिव यूएस खरोला, कोषाध्यक्ष अमित अग्रवाल, डॉ बी एम सोनी, वीके पुरी, सोनम सक्सेना, विजय जोशी, राजेश अग्रवाल, हरीश द्विवेदी, नरेंद्र रतूड़ी आदि भी उपस्थित थे।

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