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मांग को लेकर निजी अस्पताल और क्लीनिक बंद, पढ़िए पूरी खबर

क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की जगह उत्तराखंड हेल्थकेयर एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू करने की मांग को लेकर निजी चिकित्सक शुक्रवार से बेमियादी हड़ताल पर हैं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 15 Feb 2019 09:57 AM (IST)
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मांग को लेकर निजी अस्पताल और क्लीनिक बंद, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, जेएनएन। क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की जगह उत्तराखंड हेल्थकेयर एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू करने की मांग को लेकर निजी चिकित्सक शुक्रवार से बेमियादी हड़ताल पर हैं।। निजी अस्पताल, नर्सिंग होम व क्लीनिक बंद रहने से मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई है। अस्पताल व नर्सिंग होम में नए मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे हैं और न ही आपातकालीन सेवाओं का संचालन हो रहा है। 

निजी चिकित्सकों का कहना है कि प्रदेश सरकार के बार-बार के आश्वासनों से वह आजिज आ चुके हैं। खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भरोसा दिलाया था कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में लाकर इसको लागू किया जाएगा। लेकिन आश्वासन के बाद भी इस पर सरकार द्वारा अमल किया नहीं किया। ऐसे में निजी चिकित्सकों के पास दोबारा आंदोलन शुरू करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के प्रांतीय सचिव डॉ. डीडी चौधरी ने कहा कि सीएम के निर्देश पर ही क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की जगह उत्तराखंड हेल्थकेयर एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का मसौदा तैयार किया गया था। पर इस पर अभी तक भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे निजी चिकित्सक खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। जब तक उनकी पांच सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा।

बड़े अस्पतालों के हड़ताल पर न होने से राहत 

उत्तराखंड में करीब 3000 निजी अस्पताल, नर्सिंग होम एवं क्लीनिक हैं। वहीं, देहरादून जिले में इनकी संख्या करीब 700 है। निजी चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। राहत की बात यह कि श्री महंत इंदिरेश, मैक्स, कैलाश समेत तमाम बड़े अस्पताल हड़ताल में शामिल नहीं हैं। ऐसे में मरीजों की दिक्कत कुछ कम होगी।

स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर 

निजी चिकित्सकों की हड़ताल की हड़ताल को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी कमर कस ली है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता का कहना है कि सभी जिला अस्पतालों, सीएचसी, दून अस्पताल, कोरोनेशन और एम्स को भी मेल भेजकर हड़ताल के संबंध में अवगत करा दिया गया है। उनसे कहा गया है कि इमरजेंसी सेवाएं दुरुस्त रखे एवं अतिरिक्त डॉक्टरों की भी ड्यूटी लगाई जाए। ताकि किसी मरीज को परेशानी का सामना न करना पड़े।

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