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नोटिस का जवाब तक देना मुनासिब नहीं समझ रहे कई निजी स्कूल

महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा की ओर से 181 निजी स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबें न लागू करने समेत अन्य बिंदुओं पर नोटिस भेजा था, लेकिन अभी तक करीब 50 ही स्कूलों ने जवाब दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 04 Oct 2018 01:21 PM (IST)
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नोटिस का जवाब तक देना मुनासिब नहीं समझ रहे कई निजी स्कूल
देहरादून, [जेएनएन]: निजी स्कूलों को किसी का खौफ नहीं है। हद ये कि वह शिक्षा विभाग के नोटिस का जवाब तक देना मुनासिब नहीं समझ रहे। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा की ओर से 181 निजी स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबें न लागू करने समेत अन्य बिंदुओं पर नोटिस भेजा था। जिन्हें चार अक्टूबर तक अपना जवाब देना था। पर अभी तक करीब 50 ही स्कूलों ने नोटिस का जवाब दिया है। ऐसे में साफ है कि यह स्कूल विभाग की सख्ती पर भी नहीं चेत रहे। 

हाल में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने चार जिलों के निजी स्कूलों में निरीक्षण किया था। इन अधिकारियों ने कुल 226 स्कूलों का मुआयना किया। इसमें 181 स्कूलों एनसीईआरटी की किताबों के लेकर जारी निर्देशों की अवहेलना व अन्य कई कमियां सामने आई। बता दें कि राज्य सरकार ने निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू करने की अनिवार्यता की है। जिसके खिलाफ निजी स्कूल संचालक हाईकोर्ट चले गए थे। जिस पर कोर्ट ने भी इस आदेश को सही माना था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि कोई भी स्कूल एनसीईआरटी की कीमत से ज्यादा की पुस्तकें लागू नहीं करेगा। पर स्कूलों की लगातार शिकायतें सामने आ रही थी। अभिभावकों का कहना था कि स्कूलों ने एनसीईआरटी के अतिरिक्त भी कई किताबें लगाई हैं। इससे इतर रेफरेंस बुक का बोझ भी उनपर पड़ रहा है। जिस पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने स्कूलों के निरीक्षण के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। निरीक्षण के आधार पर स्कूलों को नोटिस भेजे गए थे। लेकिन 181 स्कूलों में से 50 स्कूलों ने ही अभी जवाब दाखिल किया है। 

20 खंड शिक्षाधिकारियों को शिक्षा विभाग भेजेगा नोटिस

शिक्षा विभाग  20 खंड शिक्षाधिकारियों को मासिक परीक्षाओं का परिणाम समय पर उपलब्ध न कराने पर नोटिस जारी करेगा। महानिदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने अधिकारियों को इसके निर्देश दिए हैं। उन्होंने मासिक परीक्षाओं का परिणाम ई-पोर्टल पर भी डालने को कहा है ताकि इसे ऑनलाइन देखा जा सके।

महानिदेशक ने बुधवार को एससीईआरटी के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने मासिक परीक्षाओं के परिणाम समय पर उपलब्ध न कराने पर नाराजगी व्यक्त की। बताया कि केवल 75 ब्लॉक के परीक्षा परिणाम ही अब तक उपलब्ध हो पाए हैं। बाकि 20 ब्लॉक ने अब तक परिणाम नहीं भेजा है। यह भी बताया गया कि कई स्कूलों ने परीक्षा कराई ही नहीं है। इसके अलावा कुछ स्कूलों ने तय कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा नहीं कराई। इस पर महानिदेशक ने 20 खंड शिक्षाधिकारियों को नोटिस भेज स्पष्टीकरण लेने को कहा।

अधिकारियों ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत 83 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृति हुई है, जिससे एससीईआरटी व डायट भवन बनने हैं। महानिदेशक ने अचीवमेंट सर्वे की कमियां दूर करने और टीचर ऑफ द मंथ की शुरुआत भी जल्द करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने सभी बच्चों के आधार न बनने पर भी नाराजगी जताई। बैठक में निदेशक सीमा जौनसारी, अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा डॉ. मुकुल सती आदि उपस्थित रहे।

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