भारी जुर्माने के विरोध में उत्तराखंड के निजी वाहन संचालक रहे हड़ताल पर, लोगों की फजीहत
मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माना राशि कई गुना बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले के विरुद्ध उत्तराखंड में लगभग डेढ़ लाख निजी वाहन संचालक हड़ताल पर चले गए। इससे लोगों की फजीहत हुई।
By BhanuEdited By: Updated: Wed, 11 Sep 2019 08:30 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। केंद्र सरकार की ओर से मोटर वाहन अधिनियम में किए जुर्माने के कड़े प्रावधान के खिलाफ बुधवार को उत्तराखंड में लगभग डेढ़ लाख वाहनों के पहिए थमे रहे। पहाड़ पर इसका सर्वाधिक असर देखने को मिला मगर शहर में हड़ताल बेअसर रही।
हड़ताल में मैक्सी कैब, टैक्सी, निजी बसें, ट्रक व ऑटो आदि न चलने से करीब 100 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का दावा हड़ताली ट्रांसपोर्टरों की ओर से किया जा रहा है। हड़ताल होने से हजारों यात्रियों को परेशानी हुई। स्कूली ऑटो न चलने से बच्चों को पैदल या निजी वाहनों से स्कूल जाना पड़ा। दैनिक यात्रियों को काफी परेशानी हुई। हालांकि, दून शहर में कुछ रूटों पर विक्रम व सिटी बसें चलने से हड़ताल का खास असर देखने को नहीं मिला। इस दौरान ई-रिक्शा संचालकों द्वारा जमकर चांदी काटी गई व मनमाना किराया वसूला गया।
उत्तराखंड परिवहन महासंघ के बैनर तले प्रदेशव्यापी हड़ताल का असर पहाड़ी मार्गों पर पड़ा। चूंकि, पहाड़ी मार्गों पर टैक्सी एवं मैक्सी कैब ही परिवहन की लाइफ-लाइन मानी जाती हैं, लिहाजा इनका संचालन ठप होने से पर्वतीय जनपदों में परिवहन सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं। पर्वतीय मार्गों पर चलने वाली निजी बसें भी ठप रहीं। इन मार्गों पर रोडवेज बसों का संचालन सुचारू रहा मगर संख्या बेहद सीमित होने के कारण यात्रियों को कोई खास सुविधा नहीं मिली।
पर्वतीय मार्गों के बस, टैक्सी-मैक्सी स्टैंड पर सुबह से शाम तक यात्रियों की कतारें लगी रहीं व परेशान यात्री दूसरे विकल्प तलाशते दिखाई दिए। गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल में पर्वतीय व दूरस्थ मार्गों पर कमोबेश एक जैसा दृश्य रहा। परिवहन विभाग ने रोडवेज प्रबंधन को प्रदेश में अतिरिक्त बसें लगाने के निर्देश दिए थे पर रोडवेज सुचारू सेवाएं देने में नाकाम रहा। दून में पर्वतीय मार्गों के रिस्पना मैक्सी स्टैंड व परेड ग्राउंड पर विश्वनाथ बस सेवा स्टैंड पर यात्री इधर से उधर भटकते रहे।
यह भी पढ़ें: ब्रेफिक्र रहें, अभी नहीं हो रहा है वाहनों का चालान Dehradun Newsवहीं, दून शहर में विकासनगर-डाकपत्थर रूट की निजी बसें, रायपुर-सुद्धोवाला समेत क्लेमेनटाउन-राजपुर मार्ग की सिटी बसों के ऑपरेटरों ने खुद को हड़ताल से अलग रखा और इनका संचालन सुचारू रहा। कुछ रूटों पर विक्रमों का संचालन भी होता रहा, मगर ऑटो दोपहर तक नहीं चले।
यह भी पढ़ें: डिजिलॉकर उत्तराखंड में है मान्य, बेफिक्र हो गाड़ी चलाएं, पढ़िए पूरी खबरऑटो संचालन न होने से सुबह व दोपहर को स्कूली बच्चों को भी परेशानी उठानी पड़ी। दोपहर के बाद शहर में ज्यादातर रूट पर सिटी बस, विक्रम व ऑटो का संचालन शुरू हो गया, जिससे यात्रियों ने राहत की सांस ली। इससे पहले हड़ताल की वजह से आइएसबीटी व मसूरी बस अड्डे पर यात्रियों की खासी भीड़ लगी रही। शाम को ट्रकों का संचालन भी सुचारू हो गया। प्रदेश में हड़तालियों द्वारा कहीं भी विवाद की सूचना नहीं मिली है।
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