छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी ने अनुराग शंखधर पर कसा शिकंजा
हरिद्वार के पूर्व समाज कल्याण अधिकारी और वर्तमान में डिप्टी उप निदेशक जनजाति कल्याण अनुराग शंखधर की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 03 May 2019 01:57 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपों से घिरे हरिद्वार के पूर्व समाज कल्याण अधिकारी और वर्तमान में डिप्टी उप निदेशक जनजाति कल्याण अनुराग शंखधर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भ्रष्टाचार में मुकदमा दर्ज करने के बाद एसआइटी ने शंखधर की गिरफ्तारी के लिए शासन से अनुमति मांगी है। इसके लिए बुधवार को एसआइटी ने शासन को पत्र भेज दिया है।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति में करोड़ों का घोटाला हुआ है। हरिद्वार के एसपी सिटी आइपीएस मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में इस प्रकरण की एसआइटी जांच की जा रही है। एसआइटी ने हरिद्वार के चार कॉलेजों के छह संचालकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन पर 50 करोड़ से ज्यादा की छात्रवृत्ति फर्जी छात्रों के नाम से हड़पने के आरोप हैं। एसआइटी का कहना है कि करोड़ों की छात्रवृत्ति हरिद्वार में समाज कल्याण अधिकारी रहे अनुराग शंखधर के कार्यकाल में रिलीज हुई है। ऐसे में उनकी भूमिका भी घोटाले में स्पष्ट है। एसआइटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि आरोपित शंखधर के खिलाफ शासन को पत्र भेज दिया है। आरोपी की गिरफ्तारी की अनुमति मिलते ही कोर्ट से भी वारंट लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी सप्ताह हाईकोर्ट में भी जांच रिपोर्ट दी जाएगी।
इधर, सूत्रों का कहना है कि घोटाले में नाम आने के बाद शंखधर ने मोबाइल फोन बंद कर रखा है। वह परिजनों के भी संपर्क में नहीं हैं। विभाग शंखधर के छुट्टी पर होने की बात कह रहा है। 40 दिन की छुट्टी के बाद यदि शंखधर सामने नहीं आया तो विभाग उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर सकते हैं। इसे लेकर विभागीय अधिकारियों में मंथन चल रहा है। यह भी पढ़ें: घपले में फंसे लोनिवि के अधिशासी अभियंता, जानिए पूरा मामला
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