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Dehradun के छह चौराहों पर जुलूस-प्रदर्शन पर प्रतिबंध, डीएम ने किया आदेश

Dehradun News देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने शहर के छह प्रमुख चौराहों पर जुलूस और प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिलाधिकारी ने गुरुवार को इसका आदेश भी जारी कर दिया। यह कदम शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए उठाया गया है। जिलाधिकारी ने सचिवालय मुख्यमंत्री आवास और राजभवन कूच के कार्यक्रमों के लिए भी अलग से व्यवस्था लागू की है।

By Suman semwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 10 Oct 2024 07:51 PM (IST)
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Dehradun News: देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल। जागरण

जागरण संवाददाता, देहरादून। Dehradun News: दून की सड़कों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। जो सड़कें और चौराहे यातायात के मौजूदा दबाव को झेलने में असमर्थ साबित हो रही हैं, उन पर जुलूस और प्रदर्शन भी किए जाते हैं।

ऐसे में यातायात की स्थिति और भी बद्तर हो जाती है। शहर की प्रमुख सड़कों और चौराहों को जुलूस-प्रदर्शन से दूर रखने के लिए तमाम प्रयास किए गए हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई के आभाव में कुछ नहीं हो पाया।

06 चौराहों को जुलूस-प्रदर्शन प्रतिबंधित

हाल में जागरण ने भी सड़कों और चौराहों की डिजाइन क्षमता और बढ़ते यातायात दबाव को लेकर खबरों की श्रृंखला प्रकाशित की। अच्छी बात यह है कि जिलाधिकारी सविन बंसल ने इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने इस दिशा में तत्परता के साथ कदम उठाते हुए शहर के 06 चौराहों को जुलूस-प्रदर्शन के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

अत्यधिक यातायात दबाव वाले इन चौक/स्थल जुलूस, प्रदर्शन आदि के लिए प्रतिबंधित रहेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू भी करा दिया गया है।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के साथ गहन मंथन के बाद जिलाधिकारी ने गुरुवार को इसका आदेश भी जारी कर दिया।

ये हैं छह चौक

  • घंटाघर,
  • गांधी पार्क,
  • एस्लेहाल चौक,
  • दर्शन लाल चौक,
  • तहसील चौक,
  • बुद्धा चौक,

सचिवालय, मुख्यमंत्री आवास और राजभवन कूच के लिए अगल व्‍यवस्‍था

इसके साथ ही जिलाधिकारी ने सचिवालय, मुख्यमंत्री आवास और राजभवन कूच के कार्यक्रमों के मद्देनजर भी अलग से व्यवस्था लागू की है। ताकि विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठन लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत विरोध-प्रदर्शन कर सकें, लेकिन उससे शहर की यातायात व्यवस्था अधिक प्रभावित न हो सके।

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सचिवालय कूच के लिए परेड ग्राउंड के बाहर एकत्रित होंगे संगठन

जिलाधिकारी की नई व्यवस्था के अनुसार सचिवालय कूच जैसे कार्यक्रम के लिए राजनीतिक या अन्य संगठन परेड ग्राउंड के बाहर एकत्रित होंगे। जिसके बाद जुलूस/रैली कनक चौक होते हुए पैसिफिक तिराहा से आगे बढ़ते हुए आयकर तिराहे तक पहुंचेगी। इसी तरह परेड से राजभवन/मुख्यमंत्री आवास कूच करने वाले जनसमूह को पैसिफिक तिराहे पर ही रोका जाएगा।

पारंपरिक शोभायात्रा और धार्मिक जुलूसों के लिए तैयार होगी कार्ययोजना

जिलाधिकारी सविन बंसल के अनुसार शहर में पारंपरिक शोभायात्रा और धार्मिक जुलूसों के लिए भी रूट का निर्धारण किया जाएगा। क्योंकि, इस तरह के आयोजनों से भी नागरिकों को घंटों जाम में फंसा रहना पड़ता है। कई दफा एंबुलेंस तक आगे नहीं बढ़ पाती है। इस तरह के आयोजनों को व्यवस्थित रूप प्रदान करने के लिए विशेष परिस्थितियों में समय, मार्ग व संख्या के निर्धारण की तैयारी की जा रही है। कार्ययोजना बनाने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस/ यातायात की संयुक्त बैठक के बाद निर्णय किया जाएगा।

जागरण से जनता से साझा की पीड़ा

शहर की यातायात व्यवस्था पर चलाई गई खबरों की श्रृंखला में आमजन और प्रबुद्ध व्यक्तियों ने जागरण के साथ पीड़ा साझा की और अपने सुझाव भी दिए। जिसमें नागरिकों का दो टूक कहना था कि सड़कों पर किसी भी तरह का आयोजन यातायात व्यवस्था की कीमत पर नहीं होना चाहिए।

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डिजाइन क्षमता से छह गुना तक पहुंचा पीसीयू

दून की सडकों और जंक्शन (चौक/तिराहे) को जितने पीसीयू (पैसेंजर कार यूनिट) पर डिजाइन किया गया है, वहां यातायात का दबाव 06 गुना तक पहुंच गया है। मुख्य तौर पर जिलाधिकारी ने घंटाघर और इससे जुड़े स्थलों के जंक्शन/स्थल पर जुलूस/प्रदर्शन प्रतिबंधित किए हैं। घंटाघर क्षेत्र को प्रति घंटे 3600 पीसीयू दबाव के लिए डिजाइन किया गया है, जबकि यहां वाहनों का दबाव 14282 पीसीयू पहुंच गया है।

यही हाल इससे जुड़े अन्य स्थलों का भी है। ऐसे में राजधानी दून की सड़कों पर जाम की जो स्थिति दिन शुरू होते ही पैदा हो जाती है, वह देर रात तक रहती है। इससे न सिर्फ समय की बर्बादी होती है, बल्कि ईंधन की खपत बढ़ने से वायु प्रदूषण में भी इजाफा होता है और साइलेंस जोन तक में ध्वनि प्रदूषण का ग्राफ बढ़ जाता है।

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