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उत्तराखंड में बिजली का झटका, दरें छह फीसद बढ़ाने का प्रस्ताव

महंगी होती रसोई गैस और पेट्रो पदार्थों के बीच यूपीसीएल ने भी बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह बढ़ोतरी छह फीसद हो सकती है।

By BhanuEdited By: Updated: Wed, 28 Nov 2018 09:02 PM (IST)
उत्तराखंड में बिजली का झटका, दरें छह फीसद बढ़ाने का प्रस्ताव
देहरादून, जेएनएन। महंगी होती रसोई गैस और पेट्रो पदार्थों के बीच यूपीसीएल ने भी बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह बढ़ोतरी छह फीसद हो सकती है। वहीं,  व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए 12 से 15 फीसद बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है। प्रस्ताव को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को मंजूरी के लिए भेजा गया है।  

यूपीसीएल की बोर्ड बैठक में टैरिफ में वृद्धि को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। सदस्यों ने बढ़ते खर्च के कारण बिजली दरों को बढ़ाने पर जोर दिया। इसके तहत विभिन्न वर्गों में बिजली की दरों में 15 से 17 फीसद इजाफा करने का प्रस्ताव बनाया गया था, लेकिन सचिव ऊर्जा राधिका झा के हस्तक्षेप के बाद बीपीएल व सामान्य परिवारों को राहत देने का फैसला किया गया। 

बाद में घरेलू कनेक्शन को इस सीमा से बाहर रख उनके लिए छह फीसद वृद्धि पर सहमति बनी। जबकि व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए यह वृद्धि 12 से 13 फीसद और उद्योगों के लिए 15 से 17 प्रतिशत बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर ली। यूपीसीएल के प्रवक्ता एके सिंह ने बताया कि प्रस्ताव 30 नवंबर तक यूईआरसी को भेजा जाएगा।

संभावित टैरिफ 

कनेक्शन----------------बढ़ोतरी (फीसद में)

बीपीएल--------------------शून्य

घरेलू------------------------6

व्यावसायिक--------------12 से 13

औद्योगिक---------------15 से 17

साहब! रकम लेने बाद यूपीसीएल नहीं लगाता पोल 

साहब नया कनेक्शन लेने पर यूपीसीएल पैसा तो पूरा लेता मगर, पोल, केबिल और कनेक्शन से जुड़ी सामग्री की जानकारी नहीं देता। यही नहीं, बिजली के बिल भी अंतिम तिथि के बाद पहुंचते हैं। ऐसे में ऑनलाइन भी बिल जमा नहीं हो पाता है। 

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में बिजली कनेक्शन और बिलिंग को लेकर तैयार ड्राफ्ट पर जन सुनवाई हुई। इस दौरान पहुंचे चुनिंदा उपभोक्ताओं ने आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार के समक्ष यूपीसीएल की व्यवस्थाओं और उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की जानकारी दी। 

प्रेमनगर के मोहनपुर सब स्टेशन क्षेत्र से पहुंचे बीरू बिष्ट ने कहा कि कनेक्शन लेते वक्त खंभा, केबिल और अन्य सामग्री का पूरा पैसा लिया जाता है। इसकी डिटेल उपभोक्ता को नहीं दी जाती है। शहर में 75 फीसद कनेक्शन निजी केबिल से जोड़े गए हैं। ऐसे में विभाग की केबिल और खंभे कहां जा रहे, इसकी जांच होनी चाहिए। 

इसी तरह उद्योगपति अनिल मारवाह ने कहा कि डिजिटल दौर में बिजली के बिल अंतिम तिथि को दिए जाते हैं। ईमेल, व्हाट्सएप जैसी सुविधाओं के बावजूद बिलिंग मैनुअली की जा रही है। उन्होंने ऑन लाइन नेटवर्क से बिलिंग कराने का सुझाव दिया। साथ ही नए ड्राफ्ट में उद्योगों के लिए कनेक्शन की 10 हजार रुपये की प्रोसेसिंग फीस में छूट देने की मांग की।

इसी तरह पंकज गुप्ता ने सुझाव दिया कि वेबसाइट पर नए कनेक्शन के लिए जो दस्तावेज चाहिए, उसकी सूची और मार्गदर्शिका तक नहीं दी गई है। इसी तरह दिवस जोशी ने कनेक्टेड लोड, मीटर टेस्टिंग आदि विषयों को लेकर आपत्ति दर्ज कराई। कमल दीप ने कनेक्शन जारी करने की जटिल प्रक्रिया को आसान बनाने का सुझाव दिया। 

सीनियर सिटीजन जीडी मढोक ने यूपीसीएल की खामियां गिनाते हुए लिखित आपत्ति दर्ज कराई। अंत में आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने कहा कि सभी आपत्ति और सुझाव पर आयोग गंभीरता से विचार करेगा। इसके बाद ही नए नियम को लागू किया जाएगा। इस मौके पर सचिव नीरज सती, निदेशक तकनीक प्रभात डिमरी, निदेशक, रजनीश माथुर, उप निदेशक यशवर्धन डिमरी आदि मौजूद रहे। 

शादी-समारोह में मीटर से जारी हों बिल 

शादी-समारोह में बिजली खर्च करने के अलग मानक और बिल के एक मानक पर भी आपत्तियां आई। कहा कि इसके लिए शुल्क मीटिर रीडिंग के हिसाब से जारी किया जाए। प्रीपेड या अस्थायी मीटर लगाया जाए। ताकि उपभोक्ताओं का उत्पीडऩ न हो। इसके अलावा पोल और घर से बाहर लगने वाले मीटर की सुरक्षा का जिम्मा यूपीसीएल को स्वयं लेने की बात भी उठी। 

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