Citizenship Amendment Act: सीएए के खिलाफ मुस्लिम समुदाय का धरना जारी, मिल रहा कई संगठनों का समर्थन
सीएए के खिलाफ परेड ग्राउंड में चल रहा मुस्लिम समुदाय का धरना छठे दिन शनिवार को भी जारी रहा। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 01 Feb 2020 08:39 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहा मुस्लिम समुदाय का धरना छठे दिन शनिवार को भी जारी रहा। सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध करते हुए प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि वे सरकार के इस फैसले के खिलाफ धरने पर डटे रहेंगे। कांग्रेस समेत अन्य कई संगठनों के सदस्य भी सीएए के विरोध में धरने में शामिल है।
शनिवार को भी परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर मुस्लिम समुदाय के लोगों का आंदोलन जारी है। सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे लोगों ने बड़ी संख्या में यहां एकत्रित होकर सरकार से ये कानून वापस लेने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने इसे धर्म के आधार पर लोगों को बांटने वाला कानून बताया। साथ ही चेतावनी दी कि आंदोलन से पीछे नहीं हटा जाएगा। जब तक सरकार ऐसे कानून को वापस नहीं लेती समुदाय के लोग सड़कों पर रहेंगे।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना भी धरने को समर्थन देने पहुंचे। यहां पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जनता पर कानून थोप रही है। सरकार की मंशा लोगों को बांटने की है और वोट की खातिर यह सब किया जा रहा है। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी समेत विभिन्न कॉलेजों के पूर्व छात्रों ने भी धरने में शामिल होकर सीएए का विरोध किया।यह भी पढ़ें: Citizenship Amendment Act: सीएए को लेकर विरोध जारी, कांग्रेस ने दिया समर्थन
जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष का भी समर्थनसीएए के विरोध में चल रहे धरने को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के भूतपूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष बीजू कृष्णन का भी समर्थन मिला है। शनिवार को परेड ग्राउंड पहुंचकर उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। बीजू कृष्णन ने कहा, सीएए और एनआरसी को लेकर देश की जनता मे आक्रोश व्याप्त है। मोदी सरकार इसके जरिए जनता का ध्यान मुख्य मुद्दों से हटाना चाहती है। उन्होंने केंद्र सरकार का विरोध करते हुए कहा कि सरकार के नीतिगत फैसले जन हित में नहीं हैं। धर्म के आधार पर लोगों को बांटने का काम किया जा रहा है। प्रदर्शन में एसएफआइ के प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा, सचिव हिमांशु चौहान समेत अन्य शामिल रहे।
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