काबीना मंत्री आर्य के घर के बाहर किया प्रदर्शन, नारेबाजी भी Dehradun News
उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच ने काबीना मंत्री यशपाल आर्य के आवास पर जमकर प्रदर्शन किया।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:20 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच ने काबीना मंत्री यशपाल आर्य के आवास पर प्रदर्शन किया। रैली के रूप में यमुना कॉलोनी पहुंचे मंच के सदस्यों ने मंत्री के आवास के बाहर जमकर नारेबाजी की।
मंगलवार को उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के बैनर तले बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी परेड ग्राउंड से यमुना कॉलोनी के लिए रवाना हुए। मंच के प्रदेश संयोजक दौलत कुंवर ने कहा कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने, सभी मार्गों पर ई-रिक्शा संचालन की अनुमति देने, रोस्टर प्रणाली को यथावत जारी रखने, भूमिहीनों को जमीन प्रदान करने आदि मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन सरकार इसकी सुध नहीं ले रही है। जब तक उनकी मांगों पर अमल नहीं होता आंदोलन जारी रहेगा।दौलत कुंवर ने बताया काबीना मंत्री यशपाल आर्य घर पर नहीं थे, लिहाजा उनके पीए ने फोन पर उनसे बात करवाई। जिस पर आर्य ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को कैबिनेट की आगामी 22 फरवरी को होने वाली बैठक में रखा जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में मूंगी देवी, संदीप पाल, लक्ष्मी देवी, सुरेंद्र रावत, श्याम सिंह भारती, आजम खान, रानी देवी, दुर्गा देवी, कल्पना देवी, शकुंतला देवी, निर्मला देवी, कुलदीप आदि मौजूद रहे।
बिना अनुमति रैली पर दौलत कुंवर समेत कई पर मुकदमा उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के प्रदेश संयोजक दौलत कुंवर और अन्य 30-40 के खिलाफ मंगलवार को मुकदमा दर्ज कर लिया गया। संगठन ने बिना अनुमति परेड ग्राउंड से परिवहन मंत्री के यमुना कॉलोनी स्थित आवास तक रैली निकाली थी।
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पुलिस के अनुसार, परेड ग्राउंड से रैली निकालने को लेकर जब दौलत कुंवर से अनुमति पत्र दिखाने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि इसकी सूचना पहले ही दे दी गई। पुलिस ने उन्हें रैली निकालने से मना किया, लेकिन दोपहर में 30-40 लोग दौलत कुंवर की अगुवाई में यमुना कॉलोनी के लिए निकल पड़े। रैली के रूप में सार्वजनिक मार्ग को अवरुद्ध कर सरकारी कार्य में बाधा पैदा की। डालनवाला इंस्पेक्टर मणिभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि रैली निकाल रहे लोगों को अवगत भी कराया गया कि डीआइजी की ओर से रैली आदि की सात दिन पूर्व अनुमति लेने का आदेश जारी किया गया है। अनुमति के बाद ही वह रैली निकाल सकते हैं। फिर भी नारेबाजी करते परिवहन मंत्री के घर तक गए।
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