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भारतीय मजदूर संघ का प्रदर्शन, पुलिस से धक्का-मुक्की; सीएम के आश्वासन पर माने

भारतीय मजदूर संघ ने विभिन्न मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया। इस दौरान उनकी पुलिस से भी धक्का मुक्की हुर्इ।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 02 Oct 2018 01:01 PM (IST)
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भारतीय मजदूर संघ का प्रदर्शन, पुलिस से धक्का-मुक्की; सीएम के आश्वासन पर माने
देहरादून, [जेएनएन]: भारतीय मजदूर संघ ने श्रमिकों की विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। संगठन की ओर से सोमवार को किए गए सचिवालय कूच में आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ता, भोजनमाता, संविदा कर्मचारी संघ, ऑटो रिक्शा यूनियन समेत 108 संगठनों ने एक मंच पर आकर अपनी आवाज बुलंद की। कूच के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बेरिकेड लगाकर रोक लिया। इस पर उनकी पुलिस के के साथ नोकझोंक भी हुई और प्रदर्शनकारी वहीं पर धरने पर बैठ गए। हालांकि, बाद में सीएम ने वार्ता कर श्रमिकों को मांगों पर विचार करने के लिए 23 अक्टूबर तक का आश्वासन दिया, जिस पर वह शांत हुए।   

सोमवार सुबह भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले विभिन्न संगठनों ने परेड ग्र्राउंड से सचिवालय कूच किया। कूच के दौरान संगठनों ने विभिन्न मांगों को लेकर नारेबाजी की और श्रमिक वर्ग के साथ न्याय करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों के सचिवालय के पास पहुंचने से पहले ही पुलिस ने बेरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया। बेरिकेडिंग पार करने के फेर में पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की होने लगी। इससे नाराज प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरना देकर बैठ गए। करीब दो घंटे के बाद सीएम ने प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया गया। सीएम आवास में हुई वार्ता में सीएम ने श्रमिकों को आश्वासन दिया कि 23 अक्टूबर को वह मुख्य सचिव व मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इसमें संगठनों की विभिन्न मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। 

बीएमएस के प्रदेशध्यक्ष ऋषिपाल सिंह ने साफ किया कि यदि सरकार वादे से पीछे हटी तो वे आंदोलन तेज कर देंगे। इस दौरान केंद्रीय महामंत्री बृजेश उपाध्याय, महामंत्री शेखरानंद पांडे, संगठन मंत्री बृजेश बनकोटी, कार्यकारी अध्यक्ष अनिल राठी, उत्तरांचल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संगठन की प्रदेश महामंत्री सुशीला खत्री समेत कई अन्य उपस्थित रहे। 

लाठीचार्ज होते-होते बचा 

कूच के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों के साथ उलझने लगे थे। एसपी सिटी प्रदीय राय के साथ भी धक्का-मुक्की होने लगी थी। इससे गुस्साए पुलिसकर्मी लाठियां लेकर पहुंच गए। जैसे ही उन्होंने लाठियां भांजनी शुरू की, एसपी सिटी ने उन्हें रोका और किसी तरह स्थिति संभाली। 

ये हैं मुख्य मांगें 

- श्रम कानूनों का सख्ती से पालन किया जाए।

-सुधारों के नाम पर कानून से छेड़छाड़ न हो।

-न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये हो।

-आंगनबाड़ी/आशा कार्यकर्ता व भोजनमाताएं राजकीय कर्मचारी घोषित हों।

-ईपीएफ, ईएसआइ समेत अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाएं सभी संस्थानों में लागू हों।

-एंबुलेंस व एनएचएम कर्मचारियों की सेवा नियमावली बने।

-परिवहन निगम का राजकीयकरण हो। 6000 से अधिक को रोजगार मिले।  

-बंद पड़े उद्योग/चीनी मिलें पुन: संचालित हों।

-ऑटो रिक्शा का परमिट 25 किलोमीटर से बढ़ाकर 40 किलोमीटर हो व डीजल ऑटो की प्लेसमेंट अविलंब खोली जाए।

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