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Photos: उत्तराखंड में आंदोलनकारियों का मुख्यमंत्री आवास कूच, पुलिस से हुई तीखी नोकझोंक; दी ये चेतावनी

दिलाराम चौक पर बड़ी संख्या में राज्य आंदोलनकारी एकत्र हुए। यहां से प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री आवास के लिए निकले। पुलिस ने हाथीबड़कला में प्रदर्शनकारियों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने बताया कि 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारी लंबे समय से आंदोलनरत हैं लेकिन सरकार मांग को गंभीरता से नहीं ले रही है।

By jaideep jhinkwan Edited By: Aysha Sheikh Published: Mon, 01 Jul 2024 01:10 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2024 01:10 PM (IST)
आंदोलनकारियों की पुलिस से हुई तीखी नोकझोंक। जागरण

जागरण संवाददाता, देहरादून। मूल निवास, भू कानून एवं क्षैतिज आरक्षण की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने सचिवालय कूच किया, लेकिन पुलिस ने हाथीबड़कला में प्रदर्शनकारियों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस दौरान आंदोलनकारियों की पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई। प्रशासन ने आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता का आश्वासन दिया, जिस पर वह शांत हुए।

रविवार को दिलाराम चौक पर बड़ी संख्या में राज्य आंदोलनकारी एकत्र हुए। यहां से प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री आवास के लिए निकले। आंदोलनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगा दी। इसके साथ ही भारी पुलिस बल भी तैनात कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग पार करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक लिया।

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक

इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। जिसके बाद प्रदर्शनकारी सड़क में धरने पर बैठ गए। देर शाम प्रशासन की ओर से सीएम से वार्ता करवाने का आश्वासन के बाद उन्होंने धरना समाप्त कर दिया। राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने बताया कि 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारी लंबे समय से आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार मांग को गंभीरता से नहीं ले रही है।

इसके अलावा सशक्त भू कानून, मूल निवास लागू किए जाने को लेकर सरकार आमजन को गुमराह करने का काम कर रही है। उन्होंने चेतावानी दी कि मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर जगमोहन सिंह नेगी, सुरेश कुमार, कल्पेश्वरी नेगी, सुभागा फर्स्वाण, प्रभात डंडरियाल, चिंतन सकलानी, धर्मानंद भट्ट, महेश आदि मौजूद रहे।

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