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करोड़ों खर्च, फिर भी दूर नहीं हुआ बिजली का मर्ज; पढ़िए पूरी खबर

शहरवासियों को पर्याप्त बिजली मुहैया कराना ऊर्जा निगम के लिए हमेशा चुनौती बना रहता है। जबकि हल्के अंधड़ से ही शहरभर में दर्जनों फॉल्ट आ जाते हैं और घंटों बिजली गुल रहती है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 04 May 2019 08:22 PM (IST)
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करोड़ों खर्च, फिर भी दूर नहीं हुआ बिजली का मर्ज; पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, जेएनएन। बिजली सुधार के नाम पर ऊर्जा निगम अब तक करोड़ों रुपये खर्च कर चुका है। हर साल मेंटेनेंस के नाम पर भी लाखों रुपये ठिकाने लगाए जा रहे हैं। बावजूद इसके, शहरवासियों को पर्याप्त बिजली मुहैया कराना ऊर्जा निगम के लिए हमेशा चुनौती बना रहता है। जबकि, हल्के अंधड़ से ही शहरभर में दर्जनों फॉल्ट आ जाते हैं और घंटों बिजली गुल रहती है। पिछले दो दिन में आंधी के कारण दून में बिजली की जो स्थित रही, उससे ऊर्जा निगम के सभी सुधारीकरण कार्यों और व्यवस्थाओं की भी पोल खुल गई। कुछ जगह पेड़ गिरने से बनी समस्या के कारण पूरे दून को अंधेरे में रहना पड़ा। सवाल यह उठता है कि राजधानी, जहां प्रदेश के तमाम मंत्री, अधिकारी, वीआइपी रहते हैं, वहीं यह हाल है तो प्रदेश के दुरूह क्षेत्रों की स्थिति क्या होगी। 

ऊर्जा निगम उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति का दावा करता है, लेकिन गर्मी शुरू होते ही निगम के यह दावे हवाई साबित हो जाते हैं। 24 घंटे तो दूर उपभोक्ताओं को 12 घंटे भी लगातार बिजली मयस्सर नहीं हो पाती। यह स्थित तब है जब ऊर्जा निगम पिछले पांच सालों में दून में बिजली सुधार के लिए पुनगर्ठित त्वरित विद्युत योजना (आरएपीडीआरपी) स्कीम के तहत 180 करोड़ से अधिक खर्च कर चुका है। निगम का दावा है कि इस योजना के तहत दून में 100 किलोवाट के सात सौ ट्रांसफॉर्मर बदलने के साथ ही एटीबीटी केबल, कई किलोमीटर एलटी लाइन, 11केवी की लाइनों के साथ ही 33 केवी नई लाइनें बिछाई गई हैं। कई सब स्टेशनों में पैनल और स्विच गेयर आदि बदलने का कार्य किया है। गर्मी से पहले मेंटेनेंस के नाम पर भी लाखों रुपये ठिकाने लगाए जाते हैं, लेकिन हाल जस के तस हैं।  

यह किए गए कार्य 

-292 किलोमीटर 11केवी लाइन बदली 

-985 किलोमीटर एलटी लाइन का निर्माण 

-766 किमी 33 केवी लाइन बदली 

-करीब 100 किलोवाट के नए ट्रांसफार्मर बदले गए 

-सब-स्टेशनों में स्विच गेयर बदले गए। 

-मीटर सुधार का कार्य  

यूपीसीएल के मुख्य अभियंता और प्रवक्ता एके सिंह ने बताया कि तूफान के कारण पेड़ गिरने से कई जगह लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई थीं। जिनको ठीक करने के लिए विभाग के अधिकारी व कर्मचारी दिन-रात जुटे रहे। नुकसान ज्यादा हुआ था, इसलिए समय भी अधिक लगा। लेकिन, विभाग का प्रयास रहता है कि जल्द ही फॉल्ट को ठीक कर विद्युत आपूर्ति सुचारू की जाए। 

कई क्षेत्रों में देर शाम तक सुचारू हो पाई विद्युत आपूर्ति 

बुधवार और गुरुवार को आए आंधी-तूफान का असर  शुक्रवार को भी देखने को मिला। करनपुर क्षेत्र में जहां देर शाम के बाद विद्युत आपूर्ति सुचारू हो पाई, अन्य क्षेत्रों में भी दोपहर में ही आपूर्ति सुचारू कर दी गई थी। तीसरे दिन भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 

विदित है कि बुधवार और गुरुवार को आए तेज आंधी-तूफान ने शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति ध्वस्त हो गई थी। कई जगह बिजली लाइनों पर पेड़ और टहनियां गिरने, जंपर, फ्यूज उडऩे के कारण पूरे शहर में बत्ती गुल रही। शुक्रवार को भी इसका असर देखने को मिला। सर्वे चौक के पास पेड़ गिरने से क्षतिग्रस्त हुई विद्युत लाइन की मरम्मत न हो पाने के कारण पूरे करनपुर क्षेत्र, रायपुर रोड, राजपुर रोड आदि क्षेत्रों में बिजली बाधित रही। देर शाम तक किसी तरह से यहां आपूर्ति सुचारू की गई।  

उधर मोहनपुर विद्युत वितरण खंड के अंतर्गत भी बनियावाला, गणेशपुर, सेवली,बड़ोवाला, गोखरपुर,पीतांबर पुर आदि क्षेत्रों सहित खंड निरंजनपुर, टर्नर रोड, वंसत विहार में भी दिनभर की आंख मिचौनी जारी रही। कारगी, बंजारावाला, क्षेत्र में भी लोगों को विद्युत कटौती का सामना करना पड़ा। रायपुर विद्युत वितरण खंड के ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग बिजली न होने के कारण परेशान रहे। हालांकि ऊर्जा निगम के प्रवक्ता व चीफ इंजीनियर एके सिंह ने कहा कि सुबह अधिकांश क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति सुचारू कर दी गई थी। जहां समस्या थी वहां भी दोपहर बाद तक आपूर्ति शुरू कर दी गई है। 

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