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गेम चेंजर साबित होंगी उत्‍तराखंड सरकार की छह योजनाएं, मिलेगा जाम से छुटकारा; खर्चा 10 हजार करोड़

Uttarakhand Government Schemes लोक निर्माण विभाग की नजरें इस समय छह गेम चेंजर परियोजनाओं पर है। इनको पूरा करने में लगभग 10 हजार करोड़ की लागत अनुमानित है। तीन साल के अंदर इन्हें पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इन कार्यों को गति देने के निर्देश दिए हैं।

By Vikas gusain Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 01 Sep 2024 11:38 AM (IST)
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Uttarakhand Government Schemes: मुख्यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने दिए निर्देश। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। Uttarakhand Government Schemes: प्रदेश सरकार लगातार शहरों में बढ़ रहे यातायात दबाव को घटाने व यात्रियों के सुगम सफर को नई योजनाओं पर काम कर रही है। इस कड़ी में लोक निर्माण विभाग की नजरें इस समय छह गेम चेंजर परियोजनाओं पर है।

देहरादून से लेकर हल्द्वानी की इन परियोजनाओं के आगणन तैयार किए गए हैं। इन सभी योजनाओं को पूरा करने में लगभग 10 हजार करोड़ की लागत अनुमानित है। तीन वर्ष की अवधि में इन्हें पूरा किया जाएगा।

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राज्य गठन के बाद यदि किसी शहर पर सबसे अधिक यातायात दबाव बढ़ा है तो वह अंतरिम राजधानी देहरादून है। यही कारण है कि लोक निर्माण विभाग की छह गेम चेंजर परियोजनाओं में से पांच इसी जिले की हैं।

इसमें देहरादून शहर से लेकर मसूरी और ऋषिकेश के लिए योजनाएं बनाई गई हैं। यद्यपि इन्हें पूरा करने में अभी विभाग के सामने कई चुनौतियां हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में इस संबंध में बैठक लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इन कार्यों को गति देने के निर्देश दिए हैं।

रिस्पना एवं बिंदाल नदी पर चार लेन एलिवेटेड रोड का निर्माण

इस योजना के तहत पहली एलिवेटेड रोड रिस्पना पुल से लेकर नागल पुल तक बनाई जाएगी। इसकी कुल दूरी 10.946 किलोमीटर आंकी गई है। इसमें सहस्रधारा चौक और आइटी पार्क रोड में अहम जंक्शन रखे गए हैं। इस परियोजना की लागत 2509 करोड़ है। इस योजना में सिंचाई विभाग से अनुमति, बजट व भूमि अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रही है।

इस योजना के अंतर्गत दूसरा मार्ग बिंदाल पुल, कारगी चौक से लेकर राजपुर रोड के साईं मंदिर के बीच का रखा गया है। इसकी कुल दूरी 14.800 किमी है। इसमें लालपुल चौक, चकराता रोड का बिंदाल तिराहा और मसूरी डायवर्जन के रूप में तीन जंक्शन सम्मिलित हैं। इसकी अनुमानित लागत 3743 करोड़ रुपये है। इसकी मुख्य चुनौती सिंचाई विभाग से अनुमति, भू अधिग्रहण, बजट और वन विभाग से अनुमति लेना है।

अजबपुर आरओबी से लेकर मोहकमपुर आरओबी तक एलिवेटेड रोड

इस योजना के तहत अजबपुर आरओबी से लेकर मोहकमपुर आरओबी के बीच 2.50 किमी लंबी एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी। इसमें तकरीबन 452 करोड़ रुपये की लागत आएगी। प्रदेश सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार को आगणन प्रेषित कर दिया है।

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ऋषिकेश बाइपास

इस योजना में नेपाली फार्म से लेकर गरुड़चट्टी तक बाइपास बनाया जाना प्रस्तावित है। 17.88 किमी लंबे इस बाइपास में पांच स्थानों पर टनल का निर्माण प्रस्तावित है। श्यामपुर चौक व नटराज चौक इसके दो जंक्शन रखे गए हैं। इसमें 2400 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।

देहरादून-मसूरी संयोजकता

इस योजना के तहत प्रेमनगर के निकट सुद्धोवाला से मसूरी लाइब्रेरी चौक के बीच 40 किमी लंबा मार्ग बनाया जाना प्रस्तावित है। इस दो स्थानों पर ट्विन ट्यूब टनल बनाई जानी प्रस्तावित है। इस योजना के निर्माण में 3700 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। इस योजना के अंतर्गत निजी व सरकारी वन क्षेत्र आ रहे हैं। इनकी स्वीकृति प्राप्त करना विभाग के सामने बड़ी चुनौती है।

देहरादून एलिवेटेड रिंग रोड

राजधानी को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए 40 किमी लंबे इस मार्ग को बनाने के लिए काफी समय से मशक्कत चल रही है। यह रिंग रोड जोगीवाला से शुरू होकर आशारोड़ी तक जाएगी। यह कार्य एनएचएआइ के पास है। इसमें , मालदेवता रोड, रिस्पना पुल, आइएसबीटी व आशारोड़ी में जंक्शन बनाए जाने प्रस्तावित हैं। इसकी लागत की अभी गणना की जा रही है।

हल्द्वानी पेरिफेरल रिंग रोड

हल्द्वानी शहर में बढ़ते यातायात के दबाव को कम करने के लिए इसका निर्माण किया जाएगा। इसके निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग व एनएचएआइ मिलकर करेंगे। अभी इसका सर्वे व फिजिबिलिटी स्टडी का कार्य चल रही है। इसमें 544 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।

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