Punjab Political Crisis: हरीश रावत बोले, बेअदबी मामले में कार्रवाई न होने के लिए अमरिंदर कसूरवार; दी ये चेतावनी
Punjab Political Crisis पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर के बयानों को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि उनके हालिया बयानों से लगता है कि वे किसी तरह के दबाव में है। उनका ये भी कहना है कि कैप्टन को दोबारा विचार करना चाहिए।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Fri, 01 Oct 2021 09:52 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Punjab Political Crisis कांग्रेस ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पार्टी को बाय-बाय कहते ही उनके खिलाफ मोर्चा खोलने में देर नहीं लगाई। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में दोषियों पर कार्रवाई नहीं करने के लिए पार्टी ने उन्हें कसूरवार ठहराया, साथ में इसे ही मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने की प्रमुख वजह भी बता दिया। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने नसीहत और चेतावनी देते हुए कहा कि कैप्टन को पंजाब में भाजपा का मुखौटा बनने से बचना चाहिए।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से मुखातिब हुए तो उनके निशाने पर सीधे तौर पर कैप्टन अमरिंदर सिंह रहे। पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपने अपमान और कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने की जानकारी नहीं देने के अमरिंदर के बयान पर हरीश रावत ने चुप्पी तोड़ने के साथ ही पलटवार भी किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह और उनके परिवार का खूब सम्मान किया। उन्हें तीन दफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार सौंपा गया। 2002 से 2007 और फिर 2017 से 2021 तक साढ़े नौ साल मुख्यमंत्री का पदभार सौंपा गया।
रावत ने कहा कि जिस व्यक्ति को कांग्रेस ने इतना अधिक अवसर दिया, उन्हें लोकतंत्र बचाने की लड़ाई के इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का साथ देना चाहिए था। बेअदबी के मामले में बतौर मुख्यमंत्री अमङ्क्षरदर सिंह के रवैये को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने जनता से दोषियों पर कार्रवाई का वायदा किया था। उन्होंने कहा कि अकाली दल की साजिश से बेअदबी हुई और इसके खिलाफ आवाज उठाने वालों पर गोलियां चलाई गईं।
अमरिंदर पर अकालियों से मिलीभगत का आरोप उन्होंने कहा कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद अमरिंदर सिंह ने जनता से किए गए वायदे को नहीं निभाया। इससे पार्टी विधायकों की भावनाएं आहत हुईं। हाईकोर्ट में भी इस मसले की ठीक से पैरवी नहीं की गई। इस वजह से हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। पार्टी के तीन सदस्यीय पैनल ने 18 सूत्रीय एक्शन प्रोग्राम मुख्यमंत्री को सौंपा था, उसे भी दरकिनार कर दिया गया। उन्होंने अकालियों और अमरिंदर सिंह पर मिलीभगत का आरोप लगाया।
अमरिंदर और भाजपा को दी चेतावनी
हरीश रावत ने आरोप लगाया कि भाजपा पंजाब में अमरिंदर का मुखौटे के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती है। अमरिंदर के बयानों से यह भी साफ हो रहा है कि वह किसी दबाव में हैं। अमरिंदर के कांग्रेस को लेकर अपनाए गए रुख से पार्टी में बेचैनी भी दिखाई दी। पंजाब प्रभारी रावत ने अमरिंदर और भाजपा, दोनों को चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को किसान विरोधी भाजपा को अप्रत्यक्ष तौर पर मदद नहीं पहुंचानी चाहिए। इससे उनकी अब तक पंथ निरपेक्ष छवि पर भी असर पड़ेगा। यह भी कहा कि पंजाब में भाजपा को किसी मुगालते में नहीं रहना चाहिए।
सिद्धू की भावनाओं का होगा सम्मानउन्होंने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में अच्छा काम कर रही सरकार को गिराने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। चन्नी सरकार ने पंजाब में बिजली के बकाया बिलों को माफ करने का कदम उठाया। जल्द ही सरकार 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने जा रही है। नवजोत सिंह सिद्धू के हालिया रवैये पर उन्होंने कहा कि वह भावुकता में कदम उठा देते हैं। पंजाब को लेकर सिद्धू की भावनाओं का कांग्रेस सम्मान करेगी।
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