Rafting in Rishikesh: गंगा की लहरों पर रोमांच के लिए अब बस दो सप्ताह, 30 जून से बंद हो जाएगी रिवर राफ्टिंग
Rafting in Rishikesh इस सत्र में अब तक करीब चार लाख पर्यटक गंगा में रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा चुके हैं। यदि आप भी गंगा में राफ्टिंग का शौक रखते हैं तो राफ्टिंग सत्र के यह आखिरी दिन आपकी हसरत को पूरा कर सकते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sun, 18 Jun 2023 11:27 AM (IST)
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : Rafting in Rishikesh: मानसून सत्र में 30 जून से 31 अगस्त तक गंगा में रिवर राफ्टिंग की गतिविधि बंद रहेगी। लिहाजा गंगा की लहरों में राफ्टिंग के रोमांच के लिए अब दो सप्ताह से कम का समय ही शेष रह गया है। यदि आप भी गंगा में राफ्टिंग का शौक रखते हैं तो राफ्टिंग सत्र के यह आखिरी दिन आपकी हसरत को पूरा कर सकते हैं। इस सत्र में अब तक करीब चार लाख पर्यटक गंगा में रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा चुके हैं।
गंगा में 40 किलोमीटर लंबा कौड़ियाला-मुनिकीरेती ईको टूरिज्म जोन रिवर राफ्टिंग के लिए विश्व भर में पहचान बना चुका है। तीन दशक पूर्व शुरू हुआ राफ्टिंग का सफर अब खूब फल-फूल गया है। वर्तमान में करीब ढाई सौ से अधिक कंपनियों की साढ़े छह सौ राफ्टें गंगा में संचालित हो रही हैं। करीब 10 हजार लोग परोक्ष जबकि इससे अधिक लोग अपरोक्ष रूप से राफ्टिंग व्यवसाय से अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं।
मानसून काल में 31 जून को दो माह के लिए होती है बंद
गंगा की लहरों पर रोमांच का सत्र हर वर्ष एक सितंबर को शुरू होता है और मानसून काल में 31 जून को दो माह के लिए बंद हो जाता है। राफ्टिंग के लिए सर्वाधिक पर्यटक स्थानीय के अतिरिक्त, दिल्ली, एनसीआर, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, हरियाणा तथा पंजाब से पहुंचते हैं।जबकि देश के अन्य राज्यों तथा विदेशों से भी खासी संख्या में पर्यटक राफ्टिंग के लिए पहुंचते हैं। व्यवसाय के लिहाज से यह यह सत्र बेहद उत्साहजनक रहा। इस सत्र में अब तक करीब चार लाख पर्यटक गंगा में राफ्टिंग का लुत्फ उठा चुके हैं। जबकि पिछले वर्ष गंगा में राफ्टिंग करने वाले पर्यटकों की संख्या करीब सवा चार लाख रही थी।
अब सशर्त जारी किए जाते हैं परमिट
राफ्टिंग संचालन के लिए पर्यटन विभाग की ओर से प्रतिवर्ष परमिट जारी किए जाते हैं। वर्ष 2013 की आपदा में 16-17 जून को गंगा में आई बाढ़ के बाद राफ्टिंग व्यवसाय को खासा नुकसान पहुंचा था। तब 16 जून को ही राफ्टिग पर ब्रेक लग गए थे, जबकि इसके बाद वर्ष 2014 में पर्यटन विभाग ने सिर्फ 15 जून तक के लिए ही परमिट जारी किए।वर्ष 2015 में भी 15 जून को ही राफ्टिग पर रोक लगा दी गई थी, मगर मानसून के बिलंब से पहुंचने पर बाद में आखिरी चार दिनों के लिए फिर से राफ्टिग खोल दी गई थी। वर्ष 2016 के बाद पर्यटन विभाग की जो परमिट जारी किए जा रहे हैं उनमें 31 जून तक की अनुमति सशर्त दी जा रही है। जिसके तहत गंगा का जलस्तर बढ़ने पर स्वत: ही राफ्टिग को बंद कर दिया जाता है। इस वर्ष अभी तक गंगा का जलस्तर राफ्टिग के अनुकूल बना हुआ है, जिससे 30 जून तक राफ्टिंग सत्र जारी रहने की उम्मीद है।
अभी तक गंगा का जलस्तर राफ्टिंग के अनुकूल बना हुआ है, यदि मौसम ठीक रहा और गंगा का जलस्तर न बढ़ा तो 31 जून तक राफ्टिंग सत्र जारी रहेगा। हालांकि पर्यटन विभाग जलस्तर पर लगातार नजर बनाए हुए है। यदि जलस्तर बढ़ता है तो तत्काल राफ्टिंग का रोक दिया जाएगा। इस वर्ष राफ्टिंग के लिए पहुंचने वाले पर्यटकों के आंकड़े बेहद उत्साहजनक रहे हैं। - केएस नेगी, जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी, टिहरी गढ़वाल
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- माह, पर्यटकों की संख्या
- सितंबर, 464
- अक्टूबर, 7,634
- नवंबर, 14,176
- दिसंबर, 15,177
- जनवरी, 9,814
- फरवरी, 14,258
- मार्च, 35,031
- अप्रैल, 47,116
- मई, 38,137
- 15 जून तक, 18,717
ब्रह्मपुरी से राफ्टिंग करने वाले पर्यटक
- माह, पर्यटकों की संख्या
- सितंबर, 9,877
- अक्टूबर, 31,685
- नवंबर, 10,437
- दिसंबर, 4,282
- जनवरी, 2,733
- फरवरी, 5,044
- मार्च, 12,974
- अप्रैल, 21,138
- मई, 29,532
- 15 जून तक, 14,660
क्लब हाउस (फूलचट्टी) से राफ्टिंग करने वाले पर्यटक
- माह, पर्यटकों की संख्या
- सितंबर, 943
- अक्टूबर, 6,091
- नवंबर, 3,435
- दिसंबर, 2,630
- जनवरी, 1,905
- फरवरी, 2,093
- मार्च, 3,563
- अप्रैल, 5,502
- मई, 6,033
- 15 जून तक, 7,453