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उत्तराखंड पर राहुल गांधी की नजर है और भरोसा भी

कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर बांटे जा रहे सांगठनिक दायित्व में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर उत्तराखंड पर भरोसा जताया है।

By Edited By: Updated: Fri, 24 Aug 2018 11:24 AM (IST)
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उत्तराखंड पर राहुल गांधी की नजर है और भरोसा भी
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर बांटे जा रहे सांगठनिक दायित्व में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर उत्तराखंड पर भरोसा जताया है। वहीं सह प्रभारी की नियुक्ति कर उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि प्रदेश पर उनकी सीधी नजरें बनी रहेंगी। 

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजपाल बिष्ट को मिजोरम के लिए बनाई गई दो सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी में स्थान दिया है। उत्तराखंड में पार्टी के सामने भीतर और बाहर मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह को एक सहयोगी मिल गया है। पार्टी ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व विधायक राजेश धर्माणी को राष्ट्रीय सचिव बनाते हुए उत्तराखंड में सह प्रभारी नामित किया है। 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी को मजबूत व एकजुट करने के लिए प्रदेश के दिग्गज नेताओं को नसीहत दे चुके हैं। इस नसीहत के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल खुद गुटीय संतुलन साधते हुए प्रदेश में मौजूद पार्टी के मजबूत नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर अहम जिम्मेदारी से नवाज चुके हैं। 

उत्तराखंड से दो राष्ट्रीय सचिव प्रकाश चंद्र जोशी और काजी निजामुद्दीन के बाद दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को राष्ट्रीय महासचिव, असम प्रभारी के साथ ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य नामित किया जा चुका है। 

इस कड़ी में अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजपाल बिष्ट को मिजोरम के लिए गठित स्क्रीनिंग कमेटी का सदस्य नामित किया गया है। बिष्ट को राष्ट्रीय सचिव प्रकाश चंद्र जोशी का करीबी माना जाता है। उत्तराखंड के लिए एक और अहम नियुक्ति की गई। 

प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह की मदद के लिए राजेश धर्माणी को सह प्रभारी का जिम्मा दिया गया है। धर्माणी हिमाचल प्रदेश से हैं। हिमाचल प्रदेश से सह प्रभारी नामित किए जाने को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के लिए मुफीद माना जा रहा है। 

प्रदेश में जिलाध्यक्षों की सूची जारी करने के बाद से प्रीतम सिंह पार्टी के भीतर ही कई नेताओं के निशाने पर हैं। ये नेता प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह को भी विभिन्न मौकों पर खरी-खरी सुनाने से पीछे नहीं रहे हैं। प्रदेश में पार्टी के भीतर गुटीय खींचतान पर अंकुश लगाने में प्रभारी को अब सह प्रभारी का साथ भी मिल सकेगा।

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