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Rain in Uttarakhand: झमाझम बारिश से लहलहाई फसल, ओलावृष्टि से लीची को हुआ नुकसान; बाजार में पसरा सन्नाटा

Rain in Uttarakhandकृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के विज्ञानी डा. संजय राठी ने वर्षा को हर फसल के लिए लाभदायक बताया है। मंगलवार सुबह से अपराह्न तीन बजे तक सूर्यदेव व बादलों की लुका छुपी चली। तीन बजे के बाद झमाझम वर्षा शुरू हो गई।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 31 May 2023 07:44 AM (IST)
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झमाझम बारिश से लहलहाई फसल, ओलावृष्टि से लीची को हुआ नुकसान
विकासनगर, जागरण संवाददाता। मंगलवार को झमाझम वर्षा से किसानों के चेहरे खिल उठे, लेकिन ओलावृष्टि से बागवानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दी। ओलावृष्टि से लीची को हुआ नुकसान। कई जगह ओले से लीची फटने से गुणवत्ता खराब हो गई। वहीं, वर्षा से पालिका क्षेत्र में जलभराव की समस्या से भी लोग परेशान दिखाई दिए। वर्षा से वनाग्नि की घटनाओं पर भी अंकुश लगा।

कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के विज्ञानी डा. संजय राठी ने वर्षा को हर फसल के लिए लाभदायक बताया है। मंगलवार सुबह से अपराह्न तीन बजे तक सूर्यदेव व बादलों की लुका छुपी चली। तीन बजे के बाद झमाझम वर्षा शुरू हो गई। बीच में थोड़ी देर तक ओलावृष्टि भी हुई। वर्षा होने के कारण बाजार में सन्नाटा पसर गया। नगर पालिका विकासनगर के क्षेत्र में इंदिरा उद्यान मार्ग, सिनेमा गली, सैयद रोड, कैनाल रोड पर भारी जलभराव से लोगों की परेशानियां भी बढ़ी। नगर पालिका के नाली नालों के सफाई के दावों की भी वर्षा ने पोल खोल दी। कई नालियों में अभी तक गंदगी अटी है, घास जमा हुआ है, जिनकी सफाई नहीं कराई गई है।

मई में औसत तापमान सामान्य रहने से होगी ज्यादा उपज

कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के विज्ञानी डा. संजय राठी ने बताया कि सामान्यतः मई माह का यह मौसम शुष्क, गर्म व तेज हवाओं के चलने का होता है, लेकिन इस बार मई माह में कई बार तेज हवाएं, आंधी के साथ वर्षा होने से औसत तापमान काफी सामान्य रहा है। वर्षा होने पर भूमि में नमी की मात्रा भी बढ़ी है, जिससे शुष्क क्षेत्रों में जहां पर सिंचाई की सुविधाएं नहीं होती, वहां पर उद्यान, सब्जी की फसलें काफी अच्छी उगाई जा रही हैं।

वर्षा से इन फसलों को मिला फायदा

जायद के मौसम में उगाई जाने वाली चारे की फसलें चेरी, जवार, मल्टीकट बाजरा इत्यादि की बुआई किसानों द्वारा कर ली गई है। इस बार वर्षा न होती तो अतिरिक्त सिंचाई पर किसानों को खर्च करना पड़ता। वर्षा के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में बोई गई अदरक, हल्दी, अरबी, टमाटर की फसल में इस वर्षा का काफी लाभ होगा। लीची व आम के उद्यानों में मई में पानी लगाना पड़ता है, जिससे उत्पादन लागत बढ़ जाती है, लेकिन वर्षा ने उद्यानों का भी फायदा किया है। भिंडी की फसल व मैदानी क्षेत्रों में गन्ने की बुआई का कार्य भी ठीक रहेगा।

जानिए क्या है वर्षा के फायदे

  • इस बार वर्षा से तापमान कम रहने पर आगजनी की घटनाएं कम हुई हैं। जिससे जंगल में रहने वाले पशु पक्षी भी राहत में हैं।
  • पर्वतीय क्षेत्रों में सिंचाई साधनों की कमी वर्षा होने से दूर हो गई है। इस वर्षा से प्राप्त नमी से फसल की बढ़वार अच्छी होगी।
  • पशुपालन करने वाले किसानों के लिए उनके खेतों में इस वर्षा से जो नमी बढ़ी है, वह किसान चारे की फसल की बुवाई कर सकते हैं।
  • वर्षा से मृदा और जल संरक्षण दोनों ही में सुधार होगा, जल स्रोत रिचार्ज हो जाएंगे।
  • मक्का की बुआई के लिए खेत में पर्याप्त नमी का होना अति आवश्यक है, ऐसे में बारिश फायदेमंद है।
  • यदि वर्षा काफी देर में होती अथवा किसानों को पलेवा लगाना पड़ता तो फसल की बुआई में देरी होती, उत्पादन लागत बढ़ जाती, पर वर्षा ने किसानों की यह समस्या भी दूर कर दी है।
  • धान की पौध लगाने वाले किसानों को भी वर्षा ने राहत दी है। धान की खेती करने वाले किसान जो पौध नर्सरी डालते हैं, उनके लिए भी यह बारिश बहुत ही कारगर सिद्ध होगी। तेज गर्मी से धान की पौध झुलसने की समस्या भी नहीं रहेगी।
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