Move to Jagran APP

राजेश टंडन को उत्तराखंड विधि आयोग का अध्यक्ष बनाया

उत्तराखंड विधि आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी उत्तराखंड हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग सदस्य रहे राजेश टंडन को दी गई। इस पद पर वह दूसरी बार काबिज हुए।

By BhanuEdited By: Updated: Tue, 16 Jan 2018 09:04 PM (IST)
Hero Image
राजेश टंडन को उत्तराखंड विधि आयोग का अध्यक्ष बनाया

देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग सदस्य रहे राजेश टंडन को उत्तराखंड विधि आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि, इससे पहले भी टंडन अल्पकाल (जनवरी 2017 से अप्रैल 2017) के लिए इस पद पर रहे थे, लेकिन फिर सरकार ने यह जिम्मेदारी उनसे वापस ले ली थी। अब नई नियुक्ति के रूप में उन्हें दोबारा अध्यक्ष बनाया गया है।

राजेश टंडन को अध्यक्ष बनाने के आदेश प्रमुख सचिव न्याय आलोक कुमार वर्मा ने जारी किया। इस आदेश में उन्हें 10 बिंदुओं पर काम करने की जिम्मेदारी भी दी गई। हालांकि इससे पहले अल्प कार्यकाल में उन्होंने तीन तलाक पर राष्ट्रीय विधि आयोग को अपनी महत्वपूर्ण संस्तुति भी भेजी थी। साथ ही राज्य में विश्वविद्यालयों के लिए नियम-कानून बनाने की दिशा में भी उन्होंने शुरू कर दिया था। 

पदभार ग्रहण करने के बाद दैनिक जागरण से बातचीत में नवनियुक्त अध्यक्ष राजेश टंडन ने कहा कि पूर्व के शेष कार्यों को पूरा करने के साथ ही वह सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर काम करेंगे।

आयोग की यह रहेगी जिम्मेदारी

- पर्वतीय राज्य की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए नए कानून तैयार कर अपनी संस्तुति के साथ सरकार को उपलब्ध कराना।

- ऐसे कानूनों की पहचान करना, जिनकी जरूरत राज्य को नहीं है ताकि राज्य हित में उनमें संशोधन किया जा सके।

- आर्थिक उदारीकरण की दृष्टि से प्रचलित कानूनों पर राज्य के हिसाब से सुझाव देना।

- लिंग समानता की उन्नति के लिहाज से उपलब्ध विधियों का परीक्षण और संशोधन।

- समय-समय पर आने वाली विधान संबंधी विधिक कठिनाइयों पर सुझाव देना।

यह भी पढ़ें: प्रो. एबी भट्ट बने गढ़वाल केंद्रीय विवि के नए कुलपति

यह भी पढ़ें: केंद्रीय गढ़वाल विवि के कुलसचिव डॉ. झा ने संभाला कार्यभार

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें