रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बोले, समान नागरिक संहिता का आ गया है समय
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस समारेाह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा समान नागरिक संहिता का समय आ गया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 09 Nov 2019 08:07 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। दून के परेड मैदान में आयोजित उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस समारेाह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लैंडमार्क जजमेंट करार देते हुए कहा कि फैसले का सुप्रीम सम्मान भी होना चाहिए। समान नागरिक संहिता पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसका समय आ गया है।
उत्तराखंड राज्य के 20वें स्थापना दिवस समारोह में पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री आवास में मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि इससे सर्व धर्म समभाव को मजबूती मिलेगी। आपस में लोगों रिश्ते मजबूत होंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कुछ नेताओं के असंतोष जाहिर किए जाने के मामले में उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। देश में समान नागरिक संहिता पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने जवाब दिया, अब समय आ गया है।
भारत में संस्कृति एक-दूसरे को जोड़ती हैइससे पूर्व परेड मैदान में आयोजित राज्य स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ही ऐसा देश है जहां संस्कृति एक-दूसरे को जोड़ती है। सहिष्णुता, सर्व धर्म समभाव, विविधता में एकता, वीरता और सामथ्र्य की यह अद्भुत संस्कृति और सांस्कृतिक पहचान पूरे देश को राष्ट्र बनाती है। केवल भारत में ही इस्लाम के 72 फिरके मिलते हैं। इस्लाम को मानने वाले किसी देश में इतने फिरके नहीं मिलते। देश की सांस्कृतिक ताकत का हवाला देने के लिए उन्होंने पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, अल्लामा इकबाल और स्वामी विवेकानंद का जिक्र भी किया।
उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू ने लंबे समय तक विदेशों में शिक्षा प्राप्त की, लेकिन भारत में आने पर उन्होंने भी सांस्कृतिक एकता को अनुभव किया। इकबाल के शेर 'यूनान, मिस्र, रोमां सब मिट गए जहां से, का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि विविधता में एकता पैदा करने का यही काम भारतीय संस्कृति करती है। दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश देने वाला भारत ही है। प्राचीनकाल में भारत समृद्ध राष्ट्र था। हमारे प्राचीन सांस्कृतिक मूल्यों को ताकत देने का काम नौजवान ही कर सकता है। समारोह को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी संबोधित किया।
यह भी पढ़ें: इगास पर्व के रंग देख अभिभूत हुए संबित पात्रा, कहा-परंपराओं को बढ़ावा देकर होगा रिवर्स पलायनसीएम ने राज्य वर्षगांठ पर प्रदेशवासियों शुभकामनाएं दी
समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संबोधन में राज्य वर्षगांठ पर प्रदेशवासियों शुभकामनाएं दी। साथ ही आंदोलनकारियों व शहीदों को श्रद्धांजलि दी। सीएम ने कहा कि 19 साल में राज्य की कैपिटल इनकम बढ़ी है। 33 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। रैबार से स्थापना दिवस कार्यक्रम की शुरूआत की गई। कहा, कोशिश यह के प्रदेश कैसे सर्वांगीण विकास करे। इस दौरान सीएम ने कई घोषणाएं की।
सीएम की घोषणाएं
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए सप्ताह में चार दिन दूध, दो दिन अंडा और दो दिन केला उपलब्ध होगा।
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के समान ही वीर शिरोमणि माधोसिंह भंडारी राज्य कृषि विकास परियोजना लागू होगी।
- वृद्धावस्था, विकलांगता, विधवा पेंशन में दो सौ रुपये की वृद्धि की जाएगी, जो एक जनवरी 2020 से लगू होगी।
- उपनल और पीआरडी कर्मचारियों का मनादेय बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिदिन किया जाएगा। यह भी एक जनवरी 2020 से लागू होगा।
- ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई जाएगी।
- सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना लायी जाएगी। इससे पहाड़ों और दूरस्थ क्षेत्रों से पलायन रुक सकेगा। साथ ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- राज्य में रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर्स की स्थापना की जाएगी।
- कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल के लिए सेलाकुई व रुद्रपुर में महिला हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा।
- राज्य में पशुओं का बीमा कराए जाने के लिए बीमा धनराशि की गैप फंडिंग की भरपाई राज्य सरकार की ओर से की जाएगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना बनाई जाएगी।
- राज्य में दीनदयाल उपाध्याय एकीकृत भूकंप सुरक्षा कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जाएगा।
- प्राथमिक स्कूलों व उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को सप्ताह में एक दिन फोर्टिफाइड मीठा दूध उपलब्ध कराया जाएगा।
- पारंपरिक अनाजों जैस मंडुआ, झंगोरा, पाफर तथा दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को स्वीकृति दी जाएगी।
- एरोमा पार्क पॉलिसी बनाई जाएगी।
- होमस्टे योजना पर राज्य सरकार की ओर से स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी।