किन्नर रजनी रावत के मैदान में उतरने से कर्इ दिग्गजों के छूट रहे पसीने
मैडम रजनी रावत के चनावी मैदान में होने से कर्इ दिग्गज नेताओं के पसीने छूट रहे हैं।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 02 Nov 2018 09:12 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: आम आदमी पार्टी ने निकाय चुनाव में रजनी रावत(किन्नर) को जिस उम्मीद के साथ मैदान में उतारा, वे उन उम्मीदों पर खरा उतरने की तमाम कोशिशें कर रही हैं। मैडम रजनी रावत ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। खासबात ये है कि रजनी रावत प्रचार के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने में भी पीछे नहीं है। इसलिए उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग से एलईडी स्क्रीन वाले प्रचार वाहन की अनुमति मांगी। हालांकि, उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिल पार्इ।
उत्तराखंड में निकाय चुनाव में अपना परचम फहराने के लिए कोर्इ भी दल पीछे नहीं रहना चाहता है। आम आदमी पार्टी भी चुनाव के लिए पूरी तरह से कमर कस चुकी है और प्रचार तेज कर दिया है। लेकिन आम आदमी पार्टी की महापौर प्रत्याशी मैडम रजनी रावत के प्रचार की एक अनुमति से राज्य निर्वाचन आयोग भी चकरा गया। यह अनुमति एलईडी स्क्रीन वाले प्रचार वाहन की थी। पहले तो जिला निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों ने वाहन को अभूतपूर्व बताते हुए रेट तय न होने की बात कहकर उलझाए रखा और फिर कहा कि अनुमति उसी शर्त पर दी जाएगी, जब वाहन का संचालन दिन में किया जाएगा। हालांकि अब अधिकारी इस मसले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
आम आदमी पार्टी प्रत्याशी ने यह विशेष वाहन रुद्रपुर से किराए पर मंगाया था। इस पर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार किया जाना था। इसके संचालन की अनुमति प्रत्याशी के प्रतिनिधियों ने मांगी तो अधिकारियों ने कह दिया कि उनके पास इसके रेट नहीं हैं और इससे पहले चुनाव में इसका उपयोग भी नहीं किया गया। हालांकि बात फिर पुलिस के सिर डाल दी गई। पुलिस ने भी अजब-गजब बात कही कि एलईडी स्क्रीन वाले वाहन का संचालन सिर्फ दिन में करना होगा। जबकि स्पष्ट है कि दिन के उजाले स्क्रीन पर स्पष्ट नजर नहीं आता है। थक हारकर मैडम रजनी रावत ने वाहन को वापस लौटाने में ही भलाई समझी।
मैडम रजनी के मीडिया प्रभारी राकेश काला के मुताबिक, वाहन पर रोजाना का खर्च आ रहा था, जिसे देखते हुए वाहन को लौटा दिया गया। वहीं, एसपी सिटी प्रदीप राय के अनुसार, वाहन संचालन की अनुमति संबंधित रिटर्निंग अधिकारी से लेनी थी और उन्हें वहीं भेजा गया था। इसके बाद अनुमति की बात दोबारा उन तक नहीं आई। जबकि रिटर्निंग अधिकारी अरविंद कुमार पांडेय का कहना है कि उनके रिकॉर्ड में कोई भी अनुमति का आवेदन दर्ज नहीं है।
रजनी रावत की एंट्री, कइयों को दिखाया बाहर का रास्ता
रजनी रावत निकाय चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हुर्इ। उनके पार्टी में शामिल होते ही कर्इ कार्यकर्ताओं की पार्टी से छुट्टी भी कर दी गर्इ। क्योंकि रजनी रावत भी एक प्रबल दावेदार के रूप में देखी जाती हैं। ऐसे में उन्हें महापौर का टिकट देकर आम आदमी पार्टी ने अपना दांव खेला। ऐसे में रजनी रावत भी पार्टी की उम्मीदों में खरा उतरने में कोर्इ कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। आपको बता दें कि रजनी रावत के मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
प्रचार टीम पूरी तरह से मुस्तैद आम आदमी पार्टी की महापौर प्रत्याशी मैडम रजनी रावत ने प्रचार पूरी तरह से तेज कर दिया है। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान हर एक काम के लिए अलग-अलग टीमें बनार्इ हैं। ये टीमें हर नियम कायदे को ध्यान में रख रही हैं। किसी भी कार्यक्रम के आयोजन से पहले उसकी सही तरीके से अनुमति ली जा रही है।
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