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Rishikesh Rain: ऋषिकेश में गंगा का रौद्र रूप, भू-कटाव के चलते राम झूला हुआ बंद; जानिए इस पुल का इतिहास

Rishikesh Ram Jhula Closed राम झूला पुल के जनपद टिहरी वाले छोर पर पुल का पुस्ता क्षतिग्रस्त होने लगा है। नदी के बढ़ते जलस्तर और भूकटाव के चलते पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रशासन की ओर से सावधानी बरतते हुए पुल पर आवाजाही अग्रिम आदेश तक बंद कर दी गई है। प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि लोक निर्माण विभाग की टीम मौके पर बुलाई गई है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghPublished: Thu, 17 Aug 2023 09:28 AM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2023 01:05 PM (IST)
भू-कटाव के चलते राम झूला हुआ बंद; जानिए इस पुल का इतिहास

ऋषिकेश, जागरण संवाददाता। Rishikesh Ram Jhula Closed:  इन दिनों ऋषिकेश में गंगा अपना रौद्र रूप दिखा रही हैं। गंगा का जलस्तर निरंतर बड़ा होने के कारण तटीय इलाकों में भूकटाव हो रहा है। भगवान भोलेनाथ की बनी मूर्ति एक बार फिर से पानी में डूबने लगी है। इसी बीच गुरुवार को राम झूला आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है।

दरअसल राम झूला पुल के जनपद टिहरी वाले छोर पर पुल का पुस्ता क्षतिग्रस्त होने लगा है। नदी के बढ़ते जलस्तर और भूकटाव के चलते पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रशासन की ओर से सावधानी बरतते हुए पुल पर आवाजाही अग्रिम आदेश तक बंद कर दी गई है। प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि लोक निर्माण विभाग की टीम मौके पर बुलाई गई है। पुल के नीचे कटाव होने से यह कदम उठाया गया है।

लगातार हो रहा भूकटाव

राम झूला पुल के नीचे हो रहे भू कटाव के चलते पुल पर आवाजाही रोकी गई है। बड़ी संख्या में पर्यटक तथा स्थानीय नागरिक यहां स्वर्ग आश्रम क्षेत्र में जाने के लिए पहुंच रहे हैं, जिन्हें जानकी सेतु से आगे भेजा जा रहा है। पुल के नीचे करीब 30 मी तक कटाव हो गया है। गंगा का जलस्तर अभी भी बढ़ा हुआ है, जिससे कटाव लगातार बढ़ रहा है। मुनिकीरेती तथा स्वर्ग आश्रम-लक्ष्मण झूला को जोड़ने के लिए अब एकमात्र जानकी सेतु ही विकल्प रह गया है।

ये है राम झूले का इतिहास

राम झूला पुल का निर्माण 07 मार्च 1985 से आरंभ हुआ था जो 05 अप्रैल 1986 को पूरा हो पाया। तत्कालीन उत्तर प्रदेश राज्य में 1.02 करोड़ की लागत से बना यह पुल उस समय राज्य का सबसे लंबा झूला पुल था। पुल का निर्माण उत्तर प्रदेश शासकीय निर्माण विभाग की ओर से कराया गया था।

पहले ये था झूले के नाम

शुरुआत में इस पुल का नाम शिवानंद झूला रखा गया था, जो बाद में राम झूला के नाम से प्रसिद्ध हुआ। 220.4 मीटर लंबाई तथा 02 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल के टावर की ऊंचाई 21 मीटर है, जो 44 मिमी व्यास के 24 रस्सों पर टिका हुआ है।

लक्ष्मण झूला पहले ही किया जा चुका है बंद

खास बात ये है कि ऋषिकेश में नदी के दो किनारों को पार करने के लिए दो पुल बने हैं। एक राम झूला और दूसरा लक्ष्मण झूला। लक्ष्मण झूला तो पहले ही लोगों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। लक्ष्मण झूला को 13 जुलाई 2019 को सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट के बाद आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। जिसके बाद यहां विकल्प के रूप में बजरंग सेतु का निर्माण जारी है।


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