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Ram Mandir के रूप में हो रहा राष्ट्र मंदिर का निर्माण, विश्व हिंदू परिषद ने कहा- 500 वर्षों का इतिहास होगा रेखांकित

विहिप नेता आलोक कुमार ने श्रीराम मंदिर के 500 वर्षों के इतिहास को रेखांकित करते हुए कहा कि श्रीराम मंदिर हम सबका मंदिर है जो हजारों-हजार वर्ष तक खड़ा रहेगा। यहां पांच वर्ष के बालक के रूप में प्रभु श्रीराम की प्रतिमा विराजित की जाएगी। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के रूप में राष्ट्र मंदिर का भी निर्माण हो रहा है। यह शंखनाद आगामी जनवरी को होने जा रहा है।

By Shubham SharmaEdited By: Shubham SharmaUpdated: Wed, 25 Oct 2023 05:30 AM (IST)
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श्रीराम मंदिर के रूप में हो रहा राष्ट्र मंदिर का निर्माण।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन में आयोजित मां शबरी रामलीला महोत्सव में पहुंचे विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि रामलीला में कुछ विलक्षणता और विशिष्टता है। इसलिए हम रामलीला बार-बार देखते हैं। प्रभु धरती पर इसलिए अवतरित होते हैं कि वे अपने जीवन मूल्यों से हमें शिक्षित कर सकें। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर का ही नहीं, बल्कि श्रीराम मंदिर के रूप में राष्ट्र मंदिर का भी निर्माण हो रहा है।

500 वर्षों के इतिहास को करेगा रेखाकिंत

विहिप नेता आलोक कुमार ने श्रीराम मंदिर के 500 वर्षों के इतिहास को रेखांकित करते हुए कहा कि श्रीराम मंदिर हम सबका मंदिर है, जो हजारों-हजार वर्ष तक खड़ा रहेगा। यहां पांच वर्ष के बालक के रूप में प्रभु श्रीराम की प्रतिमा विराजित की जाएगी।

जिस दिन प्रभु मंदिर में विराजित होंगे, सभी भारतवासी अपने आसपास के मंदिरों में जाकर प्रभु की आरती में सहभाग अवश्य करें। कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर के रूप में राष्ट्र मंदिर का भी निर्माण हो रहा है। यह शंखनाद आगामी जनवरी को होने जा रहा है।

विजयादशमी हमें विजयश्री का देता है संदेश

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि विजयादशमी का दिन हमें विजयश्री का संदेश देता है। असत्य पर सत्य की विजय, बुराई पर अच्छाई की विजय और आतंक पर शांति की स्थापना का संदेश देता है। विजयदशमी का उत्सव हम इसलिए मनाते हैं, क्योंकि प्रभु श्रीराम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी, मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर आतंक को समाप्त किया था और अर्जुन ने बुराई को समाप्त करने के लिए आज के ही दिन अपने अस्त्र-शस्त्र को पुनः प्राप्त किया था।

ये तीनों अलग-अलग युग में घटे प्रसंग हमें यह प्रेरणा देते हैं कि मानवता की सेवा करना ही मानव जीवन का लक्ष्य है। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद ने विहिप नेता आलोक कुमार, हर्ष मल्होत्रा, शक्ति बख्शी व विश्व मोहन को रुद्राक्ष का पौधा भेंटकर सभी का अभिनंदन किया।

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