नियमित शिक्षकों ने हाईकोर्ट में केविएट दाखिल की, पढ़िए पूरी खबर
राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े माध्यमिक शिक्षकों ने अब तदर्थ नियुक्त शिक्षकों को पक्षकार बनाते हुए हाई कोर्ट में केविएट दाखिल कर दी है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 21 Oct 2019 03:29 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में नियमित और तदर्थ नियुक्त हुए शिक्षकों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दोनों के बीच वरिष्ठता को लेकर शुरू हुई टकरार शांत होने का नाम नहीं ले रही। राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े माध्यमिक शिक्षकों ने अब तदर्थ नियुक्त शिक्षकों को पक्षकार बनाते हुए हाई कोर्ट में केविएट दाखिल कर दी है। हाई कोर्ट ने 23 शिक्षकों और आठ विभागीय अधिकारियों को केविएट का नोटिस भी जारी कर दिया है।
राजकीय माध्यमिक स्कूलों में आयोग और विभाग की भर्ती से नियुक्त शिक्षकों ने पूर्व में उत्तराखंड पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल में तदर्थ माध्यम से भर्ती शिक्षकों की वरिष्ठता और पदोन्नति पर रोक लगाने की मांग की थी। जिस पर 16 अक्टूबर को ट्रिब्यूनल ने अगला फैसला नहीं आने तक तदर्थ शिक्षकों की वरिष्ठता और पदोन्नति पर रोक लगा दी थी। अब शिक्षिका प्रेमलता बौड़ाई और अन्य ने हाई कोर्ट में केविएट दाखिल की है।
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राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व प्रांतीय प्रवक्ता अजय राजपूत ने कहा कि इन तदर्थ शिक्षकों के मामले में तदर्थ सेवा नियमावली 1979 और 2002 का पालन नहीं किया गया। जिस कारण सीधी भर्ती के लगभग 20 हजार शिक्षकों की वरिष्ठता प्रभावित हो रही है। ट्रिब्यूनल ने अगला आदेश जारी होने तक इनकी वरिष्ठता पर रोक लगा दी थी। अब केविएट दाखिल होने के बाद हाई कोर्ट को हमारा पक्ष भी सुनना होगा। इसके बाद ही कोर्ट इस मामले में अगला फैसला दे सकेगा।
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