यहां दाखिले के संकट से जूझ रहे आयुष कॉलेजों को मिली राहत, जानिए
उत्तराखंड में दाखिले के संकट से जूझ रहे कॉलेजों को आयुष मंत्रालय ने बड़ी राहत दी है। आयुष-यूजी में दाखिले की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 01 Oct 2019 02:32 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। दाखिले के संकट से जूझ रहे कॉलेजों को आयुष मंत्रालय ने बड़ी राहत दी है। आयुष-यूजी में दाखिले की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। अभी तक यह तिथि 30 सितम्बर निर्धारित थी। बता दें, प्रदेश के आयुर्वेदिक कॉलेजों में चार राउंड की काउंसिलिंग के बावजूद आयुष-यूजी की 206 सीटें खाली रह गई हैं। आयुष मंत्रालय के इस फरमान के बाद अब कॉलेज संचालकों ने राहत की सांस ली है।
प्रदेश में आयुष शिक्षा अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। हालात ये कि पांच आयुर्वेदिक, दो होम्योपैथिक और एक यूनानी कॉलेज को इस सत्र में मान्यता ही नहीं मिली। इनमें एक होम्योपैथिक कॉलेज को कोर्ट के अंतरिम आदेश के तहत सशर्त काउंसिलिंग में शामिल किया गया। पर स्थिति स्पष्ट न होने के कारण छात्रों ने यहां दाखिला लेने में रुचि नहीं दिखाई। यही नहीं आयुर्वेदिक कॉलेजों में भी ज्यादातर सीटें खाली रह गई। विशेष काउंसिलिंग आयोजित करने के बाद भी स्थिति में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया।
इस राउंड में भी 266 रिक्त सीटों के सापेक्ष 59 ही सीटें आवंटित हो पाई हैं। दाखिले का यह संकट प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर के आयुष कॉलेजों में रहा है। ऐसे में विभिन्न राज्यों व काउंसिलिंग अथॉरिटी ने आयुष मंत्रालय से दाखिले की कटऑफ डेट बढ़ाने का आग्रह किया था। जिस पर अब मंत्रालय ने पंद्रह दिन का समय बढ़ा दिया है। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील जोशी का कहना है कि यूजी में अभी भी काफी सीटें रिक्त हैं। दाखिले की कटऑफ डेट बढ़ने से अब एक और राउंड काउंसिलिंग आयोजित की जा सकेगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि इसमें ज्यादातर सीटें भर जाएंगी।
आयुष-पीजी की भी कटऑफ डेट बढ़ी यूजी की तरह आयुष-पीजी में भी हालात बहुत अच्छे नहीं है। इसमें भी दाखिले की कमोबेश वही स्थिति है। ऐसे में आयुष मंत्रालय ने आयुष-पीजी में दाखिले की कटऑफ डेट भी बढ़ाई है। अभी तक दाखिले की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर तय थी, जिसे अब 31 अक्टूबर कर दिया गया है।
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आयुर्वेद विवि में दायित्वों में फेरबदल उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में दायित्वों में फेरबदल किया गया है। हर्रावाला कैंपस में आयुर्वेद संकाय के परिसर निदेशक का जिम्मा संभाल रहे प्रो. पंकज कुमार शर्मा से यह प्रभार हटा दिया गया है। वह गुरुकुल परिसर में शल्यतंत्र विभाग के विभागाध्यक्ष का अपना मूल पद संभालेंगे। गुरुकुल परिसर में निदान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राधा वल्लभ सती को हर्रावाला कैंपस में आयुर्वेद संकाय का परिसर निदेशक बनाया गया है।
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