नीट में 25 साल से ऊपर के छात्रों को मिली राहत, जानिए
सुप्रीम कोर्ट ने 25 साल या उससे ऊपर के छात्रों को नीट-यूजी में शामिल होने की इजाजत दे दी है। यह भी स्पष्ट किया है कि परीक्षा में पास होने वालों का दाखिला कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा।
By Edited By: Updated: Fri, 30 Nov 2018 09:27 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उम्र की बाध्यता के कारण नीट का फॉर्म भरने से महरूम छात्रों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने 25 साल या उससे ऊपर के छात्रों को नीट-यूजी में शामिल होने की इजाजत दे दी है। हालाकि, यह भी स्पष्ट किया है कि परीक्षा में पास होने वालों का दाखिला कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा। कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को निर्देश दिए हैं कि वह नीट फार्म भरने की डेडलाइन को एक हफ्ता बढ़ा दे, ताकि छात्र फॉर्म भर सकें।
राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा यानी नीट के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर है। देशभर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए अब नीट का ही विकल्प है। केवल एम्स व जिपमर अपनी अलग परीक्षा कराते हैं। नीट का आयोजन अभी तक सीबीएसई करता था, पर अब राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। नीट के लिए ऊपरी आयु सीमा तय की गई थी।इस नियम के मुताबिक, सामान्य श्रेणी के 25 वर्ष से ज्यादा और आरक्षित श्रेणी के 30 वर्ष से ज्यादा उम्र के अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते थे। हालाकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से छात्रों को फौरी राहत मिली है।
एम्स एमबीबीएस को मूल पंजीकरण शुरू अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा के लिए 30 नवंबर से मूल पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। यह प्रक्रिया तीन जनवरी तक चलेगी। बता दें कि इस बार छह नए एम्स और जुड़ गए हैं। अभी देश के नौ एम्स में एमबीबीएस की 807 सीटें हैं। 50 सीटों से नए एम्स शुरू होने पर 300 सीटें एम्स में बढ़ जाएंगी। ऐसे में कुल सीटों की संख्या 1100 के आसपास पहुंच जाएंगी। एम्स एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा 25 व 26 मई को होगी।
इसके लिए प्रोस्पेक्टिव एप्लीकेंट्स एडवास रजिस्ट्रेशन (पीएएआर) की व्यवस्था शुरू की गई है। हर बार आवेदक रजिस्ट्रेशन कराते समय कोई न कोई कमी छोड़ देते थे, जिस कारण उनका आवेदन रद हो जाता था। इसलिए पहले मूल पंजीकरण होगा। अगर पंजीकरण में कोई कमी रह गई है तो उसे पूरा करने का समय भी दिया जाएगा। पंजीकरण स्वीकार होने पर न केवल इसकी सूचना, बल्कि आइडेंटिफिकेशन नंबर भी अभ्यर्थी को दिया जाएगा। इस आइडेंटिफिकेशन नंबर पर उसका पूरा डाटा स्टोर होगा।खास बात यह कि मूल पंजीकरण के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा। आवेदक जिन्होंने मूल पंजीकरण पूर्ण किया और इसे स्वीकार कर लिया गया है, यह निर्णय उनका होगा कि वह इस सत्र की परीक्षा में सम्मलित होंगे या बाद में। अंतिम पंजीकरण की प्रक्रिया में शामिल न होने पर भी उनका डाटा आगे की परीक्षाओं के लिए भी वैध रहेगा।
एम्स नर्सिग प्रवेश परीक्षा के लिए आज से पंजीकरण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा के लिए मूल पंजीकरण 30 नवंबर से शुरू होने जा रहे हैं। बीएससी नर्सिग (पोस्ट बेसिक) के लिए एक जून, बीएससी (पैरामेडिक) के लिए 15 जून व बीएससी नर्सिग (ऑनर्स) के लिए 23 जून को परीक्षा आयोजित की जाएगी। एम्स प्रशासन की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार मूल पंजीकरण की प्रक्रिया तीन जनवरी तक चलेगी। सात जनवरी को इसकी स्टेटस रिपोर्ट अपलोड की जाएगी। जबकि आठ से 18 जनवरी के बीच अभ्यर्थियों को त्रुटि सुधारने का अवसर मिलेगा। फाइनल स्टेटस 22 जनवरी को अपलोड होगा। सूचना विवरणिका 12 मार्च को उपलब्ध होगी। अंतिम पंजीकरण 29 मार्च से पांच अप्रैल तक होगा। प्रवेश पत्र 16 मई तक अपलोड कर दिए जाएंगे।
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