Coronavirus: बड़े अस्पतालों में ओपीडी खुलने से मरीजों को राहत, छोटे अब भी बंद
लॉकडाउन के बीच कुछ निजी अस्पताल व नर्सिंग होम की ओपीडी खुलने से मरीजों को कुछ राहत मिली है। देहरादून समेत प्रदेश के अन्य स्थानों पर कई निजी अस्पताल व क्लीनिक की ओपीडी खुली।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Wed, 01 Apr 2020 10:40 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन के बीच कुछ निजी अस्पताल व नर्सिंग होम की ओपीडी खुलने से मरीजों को कुछ राहत मिली है। देहरादून समेत प्रदेश के अन्य स्थानों पर कई निजी अस्पताल व क्लीनिक की ओपीडी खुली। हालांकि, कई छोटे नर्सिंग होम अभी भी बंद हैं। चिकित्सकों का कहना है कि बाजार में एन-95 मास्क व अन्य सामान नहीं मिल रहा। ऐसे में संक्रमण का खतरा है।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम व बचाव के लिए देश-प्रदेश में पिछले सप्ताहभर से लॉकडाउन है। इसके मद्देनजर निजी अस्पतालों की ओपीडी भी बंद कर दी गई थी। इस दौरान चुनिंदा बड़े सरकारी अस्पतालों में ही ओपीडी चलती रही। ऐसे में मरीजों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ हुई थी। इस दौरान निर्णय लिया गया कि मरीजों की सहूलियत के लिए निजी अस्पतालों की ओपीडी भी सुचारु की जाए। इस क्रम में देहरादून समेत अन्य जगह निजी अस्पतालों में ओपीडी खुल गई। हालांकि पहले दिन बहुत कम संख्या में ही मरीज उपचार के लिए पहुंचे। वहीं, कई छोटे नर्सिंग होम अभी भी बंद हैं।
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल मे फ्लू ओपीडी चौबीस घंटे चल रही है। जहां पर प्रतिदिन डेढ़ सौ से अधिक मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं, कोरोनेशन व गांधी शताब्दी अस्पताल (जिला अस्पताल) में भी नियमित रूप से ओपीडी चल रही है। हालांकि चिकित्सक अपील कर रहे हैं कि बहुत जरूरी होने पर ही लोग अस्पताल पहुंचे।कोरोनेशन में मास्क पर मचा घमासान
कोरोनेशन अस्पताल में मंगलवार को एन-95 मास्क पर घमासान मचा रहा। मामला तब बढ़ा जब एक चिकित्सक के मास्क की डिमांड करने पर प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने उन्हें टिपल लेयर मास्क के नीचे गमछा पहनने की सलाह दे डाली। चिकित्सक व पीएमएस के बीच यह व्हाट्सएप मैसेज कुछ ही देर में वायरल हो गया।
डिमांड करने वाले चिकित्सक का कहना था कि कोटद्वार में एक संदिग्ध को उन्होंने देखा था। बाद में वह पॉजिटिव मिला। ऐसे में उन्हें भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। स्टोर में मास्क पर्याप्त हैं, लेकिन उन्हें नहीं दिए जाते। यह भी पढ़ें: Coronavirus: उत्तराखंड में होम्योपैथिक चिकित्सक भी देंगे परामर्श, निदेशक ने जारी किए फोन नंबर
बहरहाल, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला का कहना है कि जिसको जरूरत है, मास्क व अन्य सामान मुहैया कराया जा रहा है। आपात स्थिति में समझ-बूझकर ही इसका इस्तेमाल करना है। उन्होंने स्वीकार किया कि मैंने टिपल लेयर मास्क के नीचे गमछा लगाने की सलाह दी। क्योंकि गमछा भी वहीं काम करता है जो मास्क। जागरुकता के लिहाज से ऐसा कहा गया था। अगर यह स्क्रीनशॉट वायरल हुआ है तो जांच कराई जाएगी।
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