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Tiger Death in Uttarakhand: बाघों की मौत को लेकर रिपोर्ट तैयार, दो की मौत संदिग्ध; एक को दिया गया था जहर

Tiger Death in Uttarakhand उत्तराखड में बाघों की मौत चर्चा का विषय बन गया है। इस साल जनवरी से मई तक विभिन्न क्षेत्रों में हुई 12 बाघों की मौत के कुछ मामलों में लापरवाही की बात सामने आई है। रिपोर्ट के मानें तो बाघों की मौत के कुछ मामलों में लापरवाही सामने आई है। दो बाघों की मौत संदिग्ध मानी गई है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 05 Jul 2023 09:07 AM (IST)
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बाघों की मौत को लेकर रिपोर्ट तैयार, दो की मौत संदिग्ध; एक को दिया गया था जहर
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में इस साल जनवरी से मई तक विभिन्न क्षेत्रों में हुई 12 बाघों की मौत के कुछ मामलों में लापरवाही की बात सामने आई है। इससे कुछ कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है। प्रकरण की जांच में दो बाघों की मौत को संदिग्ध माना गया है। यह बात भी सामने आई है कि इनमें से एक को जहर दिया गया था। वन मुख्यालय जांच रिपोर्ट का गहन अध्ययन कर रहा है और जल्द ही इसे शासन को सौंपा जाएगा।

कार्बेट टाइगर रिजर्व समेत कुमाऊं क्षेत्र में हुई बाघों की एक के बाद एक मौत की घटनाओं से विभाग में हड़कंप मच गया था। इसे लेकर सरकार भी सक्रिय हो गई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन प्रकरणों की गहनता से जांच करने और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए थे। वन मुख्यालय ने वन संरक्षक कुमाऊं से प्रकरण की जांच कराई।

सौंपी गई रिपोर्ट

प्रारंभिक रिपोर्ट मिलने के बाद इसमें कुछ बिंदुओं पर स्पष्टता चाही गई। साथ ही इसमें बाघों की विसरा रिपोर्ट प्राप्त करने को भी कहा गया। मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं पीके पात्रो ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डा समीर सिन्हा को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में बाघों की हो रही लगातार मौत के कारणों का पता लग पाया है।

बाघों की मौत के पीछे लापरवाही मुख्य कारण

छन-छन कर आ रही बातों के मुताबिक बाघों की मौत के कुछ मामलों में लापरवाही सामने आई है। दो बाघों की मौत संदिग्ध मानी गई है। इनमें से एक की विसरा रिपोर्ट में जहर की बात सामने आई है। इस सबको देखते हुए वन मुख्यालय विभाग के कुछ कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति कर सकता है।

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