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गर्मियों की दस्तक के साथ बढ़ने लगी पानी की किल्लत, क्षेत्रवासियों ने की नए नलकूपों का संचालन शुरू करने की मांग

गर्मियों की दस्तक के साथ पानी की किल्लत भी बढऩे लगी है। आरकेडिया और ठाकुरपुर क्षेत्र में लो प्रेशर और आपूर्ति बाधित रहने की शिकायत आने लगी है। ऐसे में क्षेत्रवासियों ने नवनिर्मित नलकूपों का शीघ्र संचालन शुरू करने की मांग की है। क्षेत्र में ऐसे छोटे-बड़े 12 नलकूप हैं।

By Sumit KumarEdited By: Updated: Fri, 12 Mar 2021 03:38 PM (IST)
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क्षेत्रवासियों ने नवनिर्मित नलकूपों का शीघ्र संचालन शुरू करने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: गर्मियों की दस्तक के साथ पानी की किल्लत भी बढऩे लगी है। आरकेडिया और ठाकुरपुर क्षेत्र में लो प्रेशर और आपूर्ति बाधित रहने की शिकायत आने लगी है। ऐसे में क्षेत्रवासियों ने नवनिर्मित नलकूपों का शीघ्र संचालन शुरू करने की मांग की है। क्षेत्र में ऐसे छोटे-बड़े 12 नलकूप हैं, जिनका संचालन अभी तक शुरू नहीं हुआ है।

क्षेत्रवासियों ने विश्व बैंक परियोजना पेयजल निगम के महाप्रबंधक के नाम पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने क्षेत्र की पेयजल समस्या से अवगत कराया है। क्षेत्रवासी व सामाजिक कार्यकत्र्ता वीरू बिष्ट ने बताया कि आरकेडिया व ठाकुरपुर ग्रामसभा में मेहूंवाला क्लस्टर पेयजल योजना के तहत 12 नलकूपों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन इनके निर्माण के बाद भी अभी तक संचालन नहीं किया जा रहा है। जबकि, क्षेत्र में पेयजल की समस्या बनी हुई है। गर्मी को ध्यान में रखते हुए शीघ्र नलकूपों के संचालन कराया जाए। बताया कि नवनिर्मित नलकूपों के संचालन के लिए बिजली के कनेक्शन नहीं मिल हैं। हालांकि, क्षेत्रवासियों ने कनेक्शन के लिए ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता से भी वार्ता की है। जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया है कि आवेदन के बाद नलकूपों को शीघ्र कनेक्शन आवंटित कर दिया जाएगा। क्षेत्र में गर्मियों में हर साल भारी पेयजल किल्लत से लोग हलकान रहते हैं।

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शि‍क्षकों में मांगों की सुनवाई की उम्मीद जगी

 प्रदेश को नए मुख्यमंत्री मिलने के साथ ही शिक्षक संगठनों की उम्मीदें भी जग गई हैं। संगठनों का विश्वास है कि राज्य के पहले शिक्षा मंत्री रहे तीरथ सिंह रावत शिक्षकों की समस्याओं को समझकर सुलझाने के लिए सटीक एक्शन ले सकते हैं। शायद यही कारण है कि तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद से शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी लगातार उनसे मुलाकात कर रहे हैं। वहीं संगठनों ने उनसे निजी बैठकों के लिए भी समय लेेने का जुगाड़ लगाना भी शुरू कर दिया है। 

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