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उत्तराखंड: शिक्षा विभाग के नौ अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल, सीमा जौनसारी को निदेशक माध्यमिक शिक्षा का दायित्व

उत्तराखंड में शिक्षा विभाग में बड़े स्तर पर फेरबदल हुआ है। नौ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई है। आरके कुंवर को निदेशक शोध और प्रशिक्षण अकादमी बनाया गया है। दरअसल आरके कुंवर लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Mon, 19 Jul 2021 01:01 PM (IST)
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उत्तराखंड: शिक्षा विभाग के नौ अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में शासन ने शिक्षा विभाग में नौ अधिकारियों के तबादले किए हैं। सीमा जौनसारी को निदेशक माध्यमिक शिक्षा का पदभार सौंपा गया है। अभी तक इस पद पर तैनात आरके कुंवर को निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान का जिम्मा दिया गया है। 

सोमवार को सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम द्वारा जारी आदेशों के अनुसार रामकृष्ण उनियाल को प्रभारी निदेशक प्रारंभिक शिक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वीरेंद्र सिंह रावत को प्रभारी अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, मंडल पौड़ी गढ़वाल के पद पर तैनात किया गया है। एसपी खाली को प्रभारी अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के साथ प्रभारी अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

डा मुकुल कुमार सती को मौजूदा पदभार के साथ ही मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। आशारानी पैन्यूली को संयुक्त निदेशक एससीइआरटी की जिम्मेदारी दी गई है। विनोद कुमार सेमल्टी को प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी उत्तरकाशी के पद के साथ-साथ जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा उत्तरकाशी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं, जितेंद्र सक्सेना को प्रभारी प्राचार्य डाइट उत्तरकाशी की जिम्मेदारी दी गई है।

 

राष्ट्रीय ई-चिंतन सत्र में शामिल हुए मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को पांचवें राष्ट्रीय ई-चिंतन सत्र में वर्चुअली भाग लिया। वर्चुअल चिंतन सत्र में विदेश मंत्री डा एस जयशंकर ने 'भारत की विदेश नीति और उपलब्धियां' विषय पर बात रखी।विदेश मंत्री ने भारत की विदेश नीति में आए बदलाव और इसके प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में दुनिया ने भारत की क्षमताओं को पहचाना और माना है।

भारत की छवि केवल मार्केट की नहीं, बल्कि सशक्त राष्ट्र की बनी है, जो न केवल स्वाभिमान के साथ अपनी सुरक्षा में सक्षम है, बल्कि अन्य देशों की मदद को भी तत्पर है। बड़े देशों के साथ समानता के आधार पर साझेदारी बनी है। विश्व ने नए भारत की नई डिप्लोमेसी देखी है। भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर तक ले जाने में सफलता मिली है। सत्र से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कई केंद्रीय मंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री जुड़े।

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