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Rishikesh Accident: ट्रायल के दौरान फटा टायर, वन क्षेत्राधिकारी समेत चार की खाई में गिरकर मौत; एक लापता और पांच घायल

राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में शक्ति नहर के किनारे बड़ी दुर्घटना हुई। वन्यजीवों की सुरक्षा व बचाव कार्य को खरीदे गए इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर वाहन का ट्रायल के दौरान टायक फट गया। इससे वन क्षेत्राधिकारी समेत चार लोगों की खाई में गिरकर मौत हो गई जबकि पशु चिकित्साधिकारी समेत पांच अन्य घायल हो गए। वहीं एक महिला नहर में जा गिरी।

By Ankur Agarwal Edited By: Aysha SheikhUpdated: Tue, 09 Jan 2024 08:33 AM (IST)
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Rishikesh Accident: ट्रायल के दौरान फटा टायर, वन क्षेत्राधिकारी समेत चार की खाई में गिरकर मौत
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में वन्यजीवों की सुरक्षा व बचाव कार्य को खरीदे गए इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर वाहन के ट्रायल के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने से वन क्षेत्राधिकारी (रेंजर) व एक उप वन क्षेत्राधिकारी (डिप्टी रेंजर) समेत चार लोगों की मौत हो गई।

दुर्घटना के समय वन विभाग की वन्य जीव प्रतिपालक महिला अधिकारी वाहन से छिटककर चीला नहर में जा गिरीं, जबकि पशु चिकित्साधिकारी समेत पांच अन्य घायल हो गए। नहर में गिरी महिला अधिकारी की एसडीआरएफ की टीम गोताखोरों की मदद से तलाश कर रही है।

चीला शक्ति नहर में सर्चिंग अभियान चलाती एसडीआरएफ की टीम। जागरण

दुर्घटना वाहन का बायीं तरफ का पिछला टायर फटने से हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वाहन की गति काफी तेज थी, जिस कारण टायर फटने के बाद चालक नियंत्रण खो बैठा। वाहन पहले सड़क किनारे एक पेड़ से टकराया और इसके बाद चीला नहर की सुरक्षा दीवार से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

मृतक वन क्षेत्राधिकारी शैलेश घिल्डियाल प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल के भाई हैं। सभी घायलों का ऋषिकेश एम्स में उपचार चल रहा है। उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत ने दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।

चीला के समीप शक्ति नहर के पास इस स्थान पर हुई दुर्घटना। जागरण

सोमवार शाम करीब पांच बजे की घटना

दुर्घटना सोमवार शाम करीब पांच बजे ऋषिकेश से 15 किमी आगे चीला जल विद्युत गृह के पास हुई। यह स्थान हरिद्वार शहर से करीब सात किमी की दूरी पर है। वन विभाग ने पिछले दिनों बेंगलुरु की प्रवेग डायनामिक्स कंपनी से वन्यजीवों की सुरक्षा व बचाव कार्य के लिए इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर वाहन खरीदा था।

सोमवार शाम इस वाहन का ट्रायल लेने के लिए वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी व वाहन निर्माता कंपनी के कर्मचारी वन विभाग के चीला कार्यालय से ऋषिकेश की ओर आ रहे थे।

वाहन मुश्किल से 700 मीटर ही चला होगा कि चीला शक्ति नहर मार्ग पर पिछला टायर फटने से चालक नियंत्रण खो बैठा। पेड़ से टकराने के बाद नहर की सुरक्षा दीवार से वाहन के टकराने के दौरान उसमें सवार वन अधिकारियों समेत चार लोग सड़क किनारे खाई में जा गिरे, जबकि महिला अधिकारी आलोकी शक्ति नहर में गिर गईं। वाहन में चालक समेत 10 लोग सवार थे।

दुर्घटन की सूचना पाकर एम्स ऋषिकेश पहुंचे मृतकों के स्वजन। जागरण

खाई में गिरे चारों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच घायल हो गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस व वन विभाग के कर्मचारियों ने घायलों को ऋषिकेश एम्स पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने शैलेश घिल्डियाल (वन क्षेत्राधिकारी), प्रमोद ध्यानी (उप वन क्षेत्राधिकारी), सैफ अली खान व कुलराज सिंह को मृत घोषित कर दिया।

शेष पांच घायलों का उपचार चल रहा है। वहीं, वन्य जीव प्रतिपालक आलोकी का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। पुलिस तथा एसडीआरएफ की टीम चीला शक्ति नहर में उनकी तलाश में जुटी हुई हैं। वन विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी चीला कालोनी के रहने वाले, जबकि कंपनी के कर्मचारी बेंगलुरु के निवासी बताए जा रहे।

कंपनी का चालक चला रहा था वाहन

दुर्घटना के समय वाहन का संचालन कंपनी का चालक अश्विन बिजू कर रहा था। इस दौरान वन विभाग के दो अन्य चालक भी वाहन में सवार थे और वाहन संचालन की जानकारी ले रहे थे।

वन मंत्री ने दिए जांच के आदेश

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। दुर्घटना के समय वन मंत्री अधिकारिक दौरे पर भुवनेश्वर गए हुए थे। 'दैनिक जागरण' को फोन पर उन्होंने बताया कि वह तत्काल वापस आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ है, इसका पहले ट्रायल हो चुका था।

वन निदेशक समेत अन्य उच्चाधिकारियों ने इसका ट्रायल लिया था। इसके बावजूद दुर्घटना कैसे हुई, इसकी विशेष जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की संवेदना मृतकों के स्वजन व घायलों के साथ है। दुर्घटना में वन विभाग ने अपने पुरस्कार प्राप्त अधिकारियों को खोया है।

पंजीकृत नहीं हुआ था वाहन

दुर्घटना का शिकार हुआ इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर वाहन अभी परिवहन विभाग में पंजीकृत नहीं हुआ था। सूत्रों की मानें तो वन विभाग इसे टाइगर सफारी में संचालित जिप्सी के विकल्प के तौर पर भी उपयोग करने की तैयारी कर रहा है। जिप्सी में चालक समेत आठ यात्रियों के बैठने की क्षमता होती है। इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर में भी चालक समेत आठ यात्रियों के बैठने की क्षमता बताई जा रही है। ऐसे में दुर्घटना के समय यह वाहन ओवरलोड भी था।

दुर्घटना में मृतक

-शैलेश घिल्डियाल (42 वर्ष) (वन क्षेत्राधिकारी)

-प्रमोद ध्यानी (43 वर्ष) (उप वन क्षेत्राधिकारी)

-सैफ अली खान (25 वर्ष) (संविदा चालक वन विभाग)

-कुलराज सिंह (35 वर्ष) (वाहन कंपनी कर्मचारी)

दुर्घटना में घायल

-डा. राकेश नौटियाल (पशु चिकित्सक, राजाजी नेशनल पार्क)

-हिमांशु गोसाई (वाहन चालक)

-अमित सेमवाल (वाहन चालक)

-अश्विन बिजू (कंपनी का चालक)

-अंकुश (वाहन कंपनी कर्मचारी)

नहर में गिरकर लापता

सुश्री आलोकी (वन्य जीव प्रतिपालक)

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