दीपावली के जश्न में ऋषिकेश की हवा भी हुई जहरीली, यकीन नहीं करेंगे- पहाड़ों से सटे शहर का AQI भी इतना पहुंच गया
दीपावली के दौरान ऋषिकेश में वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है जो चिंता का विषय है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 30 अक्टूबर को एक्यूआइ 64 दर्ज किया गया जो 31 अक्टूबर को 90 पहुंचा। एक नवंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक 173 तक पहुंच गया जो खतरनाक माना जाता है। निगम आयुक्त ने शहरवासियों से पर्यावरणीय अनुकूल तौर-तरीकों से दीपावली मनाने की अपील की है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। वैसे तो दीपावली खुशी व उल्लास का पर्व है, मगर इस पर्व पर नागरिकों का जश्न पर्यावरण पर हावी पड़ता जा रहा है। तभी तो दीपावली से एक दिन पहले जो एयर क्वालिटी इंडेक्स 64 था, वह एक नवंबर की शाम को 173 एक्यूआइ दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता में दोगुने से ज्यादा गिरावट आना चिंता का कारण बन रहा है। इस गुणवत्ता स्तर को खतरनाक माना जाता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, 30 अक्टूबर को एक्यूआइ 64 दर्ज किया गया जो 31 अक्टूबर को 90 पहुंचा। एक नवंबर को दोपहर 3 बजे तक 143 था जो शाम 6 बजे तक 173 एक्यूआइ तक पहुंच गया। दो दिनों से वायु गुणवत्ता स्तर में यह गिरावट अप्रत्याशित है।
वहीं, यह शहर की वायु गुणवत्ता को सुधारने में जुटे नगर निगम के प्रयासों को भी झटका लगने जैसा भी है। इसे लेकर नगर निगम आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी ने भी चिंता जताई है। नेगी ने कहा कि दीपावली पर वाहनों के बढ़ते दबाव व पटाखे प्रयोग के कारण वायु प्रदूषण में वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने शहरवासियों से पर्यावरणीय अनुकूल तौर-तरीकों से दीपावली मनाने की अपील की, जिसमें प्रकृति व वन्य जीव एवं पक्षियों का संरक्षण भी हो सके।
तारीख और वायु गुणवत्ता स्तर
- 28 अक्टूबर - 60
- 29 अक्टूबर - 63
- 30 अक्टूबर - 64
- 31 अक्टूबर - 90
- एक नवंबर (दोपहर 3 बजे तक) - 140
- शाम 6 बजे तक - 173
(नोट- वायु गुणवत्ता स्तर एक्यूआइ में दर्शाया गया है)
निगम ने ड्रोन से पानी का छिड़काव किया
दीपावली पर वायु को जहरीला होने से रोकने के लिए नगर निगम ऋषिकेश ने ड्रोन के रूप में अभिनव प्रयोग किया है। इस ड्रोन से ऊंचाई से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि 31 अक्टूबर से ड्रोन का संचालन शुरू किया गया है, जिसे लगातार तीन दिन तक संचालित किया जाएगा।ड्रोन में 11 लीटर पानी ले जाने की क्षमता है। बताया कि ड्रोन को मुख्य रूप से राजकीय उप जिला चिकित्सालय ऋषिकेश, त्रिवेणी घाट, एम्स ऋषिकेश व अन्य महत्वपूर्ण राजकीय व सार्वजनिक स्थलों में संचालित किया जा रहा है। पहली प्राथमिकता मरीजों को हानिकारक वायु से बचाना है।नेगी ने कहा कि निगम अपने स्तर से स्प्रिंकल मशीन से शहर के प्रमुख चौक-चौराहा एवं भीड़भाड़ वाले स्थान में पानी का छिड़काव किया जा रहा है। यह मशीन लगभग 40 से 50 मीटर की ऊंचाई तक जल का छिड़काव करती है। जिससे वातावरण के धूल-कण एवं अन्य धुंआ आदि को दूर करने में सहायता मिलती है ।
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