Rishikesh: लोक सूचना अधिकारी व सहायक आयुक्त समेत तीन पर जुर्माना, सूचना उपलब्ध न कराने पर करना होगा भुगतान
ऋषिकेश में सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत मांगी गई सूचना समय पर उपलब्ध न कराए जाने तथा आयोग के आदेश के बाद भी सूचना न देने पर राज्य सूचना आयुक्त ने नगर निगम ऋषिकेश के तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी पर पांच हजार रुपये तथा वर्तमान लोक सूचना अधिकारी तथा वर्तमान सहायक नगर आयुक्त पर ढाई-ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत मांगी गई सूचना समय पर उपलब्ध न कराए जाने तथा आयोग के आदेश के बाद भी सूचना न देने पर राज्य सूचना आयुक्त ने नगर निगम ऋषिकेश के तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी पर पांच हजार रुपये तथा वर्तमान लोक सूचना अधिकारी तथा वर्तमान सहायक नगर आयुक्त पर ढाई-ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही अपीलकर्ता को एक सप्ताह के भीतर सूचना उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।
संपत्ति हस्तांतरण के संबंध में मांगी थी सूचना
बनखंड ऋषिकेश निवासी आशोक चौधरी पुत्र स्व. चौधरी कंचन सिंह ने नगर निगम ऋषिकेश जो पूर्व में नगर पालिका परिषद ऋषिकेश थी, से संपत्ति हस्तांतरण के संबंध में सूचना मांगी थी। वर्ष 2014 में संपत्ति दर्ज कराने संबंधी शासनादेश नगर पालिका की ओर से उन्हें उपलब्ध कराया गया। जबकि नगर पालिका ने इसी शासनादेश का उल्लंघन कर एक संपत्ति को वर्ष 2017 में नियम विरुद्ध नामांतरण कर दिया।
विरोधाभाषी नियमों को लेकर लोक सूचना अधिकारी ने मांगी थी सूचना
इन्हीं विरोधाभाषी नियमों को लेकर अशोक चौधरी ने लोक सूचना अधिकारी/ सहायक नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश से कुछ बिंदुओं पर फिर से 24 जनवरी 2020 को सूचना मांगी थी। मगर तय समय पर सूचना उपलब्ध न कराए जाने के बाद अशोक चौधरी ने 25 फरवरी 2020 को राज्य सूचना आयोग में अपील की। जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने एक सप्ताह के भीतर वांछित सूचनाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे।
मगर, आयोग के आदेश के बाद भी डेढ़ माह तक कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। इस संबंध में जब पुन: आयाेग से अपील की गई तो आयोग ने नोटिस जारी कर लोक सूचना अधिकारी नगर निगम ऋषिकेश को जवाब दाखिल करने के आदेश दिए।
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अधिशासी अधिकारी नगर पालिका विकास नगर बीपी पर जुर्माना
इस पूरे मामले को लेकर राज्य सूचना आयुक्त अर्जुन सिंह ने 29 अगस्त को सभी पक्षों को सुना। राज्य सूचना आयुक्त ने अपीलकर्ता को समय पर सूचना उपलब्ध न कराने के लिए तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी नगर निगम ऋषिकेश व वर्तमान में अधिशासी अधिकारी नगर पालिका विकास नगर बीपी भट्ट को दोषी पाते हुए उन पर पांच हजार रुपये शास्ति अधिरोपित की।
जबकि सहायक नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश रमेश सिंह रावत व वर्तमान लोक सूचना अधिकारी चंद्रकांत भट्ट पर 2500-2500 रुपये की शास्ति अधिरोपित की है।
आयोग ने तीन माह के भीतर उक्त राशि राजकोष में जमा करने के आदेश दिए। साथ ही अपीलकर्ता को एक सप्ताह के भीतर मांगी गई सूचनाएं निश्शुल्क उपलब्ध करने के आदेश दिए हैं।
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