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Rishikesh News: आवारा कुत्ते पकड़ने वाली संस्था का अनुबंध समाप्त, 10 प्रतिशत बढ़े डाग बाइट के केस

ऋषिकेश में डाग बाइट के मामलों में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिसमें रोजाना 16 से अधिक लोग सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज टीका लगवा रहे हैं। नगर निगम की कुत्ते पकड़ने वाली संस्था का अनुबंध समाप्त होने से जून के बाद से एक भी आवारा कुत्ता नहीं पकड़ा गया। इससे लोग डाग बाइट का शिकार हो रहे हैं।

By gaurav mamgain Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Mon, 21 Oct 2024 08:37 PM (IST)
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Rishikesh में आवारा कुत्ते पकड़ने वाली संस्था का अनुबंध समाप्त (फाइल फोटो)
तुहिन शर्मा, ऋषिकेश। तीर्थनगरी में डाग बाइट के केस में 10 प्रतिशत की उछाल आई है। रोजाना 16 से अधिक मरीज सरकारी अस्पताल पहुंचकर एंटी रेबीज टीके लगवा रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ नगर निगम की कुत्ते पकड़ने वाली संस्था का अनुबंध समाप्त हो गया। जिससे जून के बाद से शहर में एक भी आवारा कुत्ता नहीं पकड़ा गया। ऐसे में रोजाना भारी संख्या में लोग डाग बाइट का शिकार हो रहे हैं।

दरअसल, नगर निगम ने जून 2022 में शहर में आवारा कुत्तों का आतंक कम करने के लिए देहरादून की संस्था ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल से अनुबंध किया था। जिसमें तय हुआ था कि संस्था शहर के आवारा कुत्तों को पकड़कर देहरादून नगर निगम की ओर से संचालित एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर में ले जाएगी और वहां कुत्तों को 10 दिन तक अपनी निगरानी में रखकर उनकी नसबंदी करेगी।

इसके अलावा कुत्तों को एंटी रेबीज टीका लगाकर वापस उसी स्थान पर छोड़ेगी, जहां से कुत्तों को उठाया था। जिससे, कि शहर में कुत्तों की संख्या में अंकुश लगे और वह लोगों के लिए घातक न बनें। जून 2024 तक नगर निगम ने संस्था के सहयोग से करीब 1,520 कुत्तों की नसबंदी कराकर उन्हें एंटी रेबीज टीका लगाया।

वहीं, अनुबंध समाप्त होने के बाद अब तक उसका नवीनीकरण नहीं हुआ। जबकि सरकारी अस्पताल में आ रहे डाग बाइट के केस में जरा भी कमी नहीं आई। वर्ष 2023 में सरकारी अस्पताल में कुत्ते काटने का शिकार हुए 5,241 लोगों ने एंटी रेबीज टीका लगवाया था। वहीं, इस साल जनवरी से सितंबर के बीच 4,345 लोग एंटी रेबीज लगवा चुके हैं। डाग बाइट के केस में पिछले साल के मुताबिक इस वर्ष करीब 10 प्रतिशत इजाफा हुआ है।

नगरवासी क्या करें

  • आवारा कुत्तों से बचकर निकलें
  • पालतू कुत्ते को एंटी रेबीज जरूर लगवाएं
  • डाग बाइट पर घाव को साबुन के झाग से धोएं
  • तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचकर टेटनेस टीक लगवाएं
  • एंटी रेबीज टीका समय से लगवाते रहें
  • साथ में इम्यून बढ़ाने वाले टीके भी लगवाएं

एबीसी सेंटर बनाने के लिए भेजा प्रस्ताव

नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि ऋषिकेश में एबीसी सेंटर बनाने के लिए उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव भेजा है। एबीसी सेंटर बनने से आवारा कुत्तों की संख्या में काफी अंकुश लग सकेगा। इसके अलावा कुत्ते पकड़ने वाली संस्था के अनुबंध के लिए फिर से टेंडरिंग प्रक्रिया की जा रही है।

जल्द ही नई संस्था का अनुबंध होगा। उन्होंने बताया कि जब तक नया अनुबंध नहीं होता, तब तक पुरानी संस्था के माध्यम से कुत्ते पकड़वाएं जाते हैं। हालांकि कुत्तों से बचने के लिए शहरवासियों को भी जागरूक होना होगा।

नगर निगम को करें शिकायत

यदि आपके गली-मोहल्ले में आवारा कुत्तों का आंतक है तो आप नगर निगम के नंबर (0135-2431472) में सूचना दे सकते हैं। इसके बाद नगर निगम संस्था के माध्यम से उन कुत्तों को पकड़वा कर उनकी नसंबदी करेगा और एंटी रेबीज टीका भी लगाएगा।

सरकारी अस्पताल में आने वाले डाग बाइट के केसों में वृद्धि हुई है। लेकिन अस्पताल आने वाले सभी मरीजों को महीने में चार बार के हिसाब से समय पर एंटी रेबीज टीका लगाकर उचित परामर्श दी जा रही है।

डॉ. देवेंद्र रावत, इमरजेंसी मेडिसिन फिजिशियन, शांति प्रपन्न शर्मा राजकीय चिकित्सालय, ऋषिकेश।

शिकायत मिलने या मालिक एवं अन्य शुभचिंतक के द्वारा कुत्ते को लाने पर उसकी नसबंदी कर उसे एंटी रेबीज टीका लगाया जा रहा है। अप्रैल से सितंबर के बीच करीब 20 कुत्तों की नसबंदी हुई है और लगभग 300 कुत्तों को एंटी रेबीज टीका लगाया गया है, जिसमें पालतू कुत्ते भी शामिल हैं।

डॉ. अमित वर्मा, पशु चिकित्साधिकारी, ऋषिकेश।

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