Rishikesh-Karnprayag Rail Project : पहली एस्केप टनल तैयार, पढ़ें पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की आठ खास बातें
Rishikesh-Karnprayag Rail Project ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियाजना के पैकेज सात-ए में 1.9 किमी लंबी एस्केप टनल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। बात दें कि यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: Rishikesh-Karnprayag Rail Project : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियाजना में पैकेज सात-ए में 1.9 किमी लंबी एस्केप टनल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है।
नरकोटा से खांकरा के बीच परियोजना की यह ऐसी पहली टनल है, जो पूरी तरह बनकर तैयार हो चुकी है। टनल को तैयार होने में 521 दिन का समय लगा।
एप्रोच टनल को आर-पार करने का कार्य पूरा
- परियोजना के तहत मैक्स कंपनी ने इस एस्केप टनल का निर्माण किया।
- मंगलवार को नरकोटा से खांकरा के बीच पहला ब्रेक थ्रू कर कंपनी ने इस एप्रोच टनल को आर-पार करने का कार्य पूरा कर दिया।
- ब्रेक थ्रू होने पर टनल में काम कर रहे कंपनी के कर्मचारियों ने हर्ष जताया।
रात-दिन की मेहनत
- आरवीएनएल के परियोजना प्रबंधक सुरेंद्र कुमार आर्य ने बताया कि मैक्स कंपनी के 500 से अधिक इंजीनियर, एक्सपर्ट और श्रमिकों की मेहनत से यह कार्य पूर्ण हुआ।
- बताया कि मुख्य टनल को अक्टूबर तक आर-पार करने का लक्ष्य रखा गया है।
- मैक्स इन्फ्रा के जीएम राजेश कुमार ने बताया कि उनकी पूरी टीम ने रात-दिन मेहनत कर बेहद कम समय मे इस लक्ष्य को पूरा किया।
- परियाजना की यह पहली टनल है जो ब्रेक थ्रू हुई है।
इस मौके पर आरवीएनएल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एसके आर्य, मैक्स इन्फ्रा के सीएमडी पी. कुमार, सीईओ वीएस चौहान, जीएम राजेश कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर वी. खेत्रपाल, सीनियर साइट इंजीनियर प्रफुल्ल रमोला, एचआर राजेंद्र भंडारी, एजीएम संजय कुमार व राजेश राय, डीजीएम संदीप जैन आदि मौजूद रहे।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की खासियत एक नजर में
- कुल लागत 16216 करोड़ रुपये
- वर्ष 2019 में शुरू हुआ कार्य, वर्ष 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य
- कुल लंबाई 126 किमी लंबी
- 17 सुरंगों से होकर गुजरेगी इसमें से 105 किमी लाइन
- सबसे लंबी सुंरग 14.08 किमी (देवप्रयाग से जनासू के बीच)
- सबसे छोटी सुरंग 200 मीटर (सिवाई से कर्णप्रयाग के बीच)
- 11 सुरंगों की लंबाई छह किमी से अधिक
- परियोजना के तहत 13 स्टेशन बनने हैं
यहां बनने हैं 13 स्टेशन
इस परियोजना के तहत वीरभद्र, योग नगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, व्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर (चौरास), धारी देवी, रुद्रप्रयाग (सुमेरपुर), घोलतीर, गौचर व कर्णप्रयाग (सेवई) में 13 स्टेशन बनने हैं।