Rishikesh News : गंगा में छलांग लगाने वाले केदार के मामले में डीआइजी की जांच शुरू, इंस्पेक्टर से हुई पूछताछ
Rishikesh News 22 अगस्त 2022 को थाना लक्ष्मण झूला पुलिस की हिरासत से भागकर केदार सिंह ने गंगा में छलांग लगा दी थी तब से वह लापता है। इस मामले में तत्कालीन इंस्पेक्टर संतोष सिंह कुंवर को यहां से हटाया जा चुका है।
By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sat, 08 Oct 2022 12:03 PM (IST)
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : Rishikesh News : थाना लक्ष्मण झूला में पुलिस हिरासत से भाग कर लक्ष्मण झूला पुल से छलांग लगाने वाले उत्तरकाशी के चौड़ियाट धौंतरी निवासी केदार सिंह के मामले में डीआइजी करण सिंह नगन्याल जांच शुरू कर दी है।
इस मामले में तत्कालीन इंस्पेक्टर संतोष सिंह कुंवर को यहां से हटाया जा चुका है। डीआइजी ने कुंवर से पूछताछ कर बयान दर्ज किए। चोरी से संबंधित घटनास्थल का भी उन्होंने निरीक्षण किया।
पुलिस की हिरासत से भागकर केदार ने लगा दी थी गंगा में छलांग
22 अगस्त 2022 को थाना लक्ष्मण झूला पुलिस की हिरासत से भागकर केदार सिंह ने गंगा में छलांग लगा दी थी तब से वह लापता है। इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार के आदेश पर थाना प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह कुंवर को यहां से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर विनोद गुसाईं को भेजा गया है। इस मामले की जांच डीआइजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल सौंप दी गई थी।शुक्रवार को डीआइजी थाना लक्ष्मण झूला पहुंचे और उन्होंने च शुरू की। उन्होंने सबसे पहले जहां परमार्थ निकेतन में हुई चोरी के संबंध में कर्मचारियों और प्रबंधकों से पूछताछ की। लक्ष्मण झूला थाने पहुंचने के बाद उन्होंने अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों से भी मामले की जानकारी ली।निरीक्षक संतोष सिंह कुंवर को भी पौड़ी मुख्यालय से यहां तलब किया गया था। उनके भी इस मामले में बयान दर्ज किए गए। डीआइजी ने घटना के रोज क्षेत्र से लिए गए सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और उस कक्ष भी निरीक्षण किया जहां से केदार सिंह भागा था।
केदार के खिलाफ दर्ज नहीं मुकदमा
कोटद्वार में अग्निवीर की भर्ती में चयनित ना होने वाले जिस केदार सिंह को आश्रम के दानपात्र से चोरी के आरोप में हिरासत में लिया गया था उसके खिलाफ चोरी का कोई मुकदमा थाना लक्ष्मण झूला में दर्ज नहीं है। केदार के पिता लक्ष्मण सिंह के मुताबिक 18 अगस्त को वह कोटद्वार गया था। वहां चयनित ना होने के कारण वापस लौट कर वह 21 अगस्त को तपोवन स्थित एक होटल में रुका। रात वहां से चोरी के आरोप में उसे पकड़ा गया।
22 अगस्त को उसे थाना लक्ष्मण झूला के सुपुर्द कर दिया गया था। डीआइजी ने शुक्रवार को जब इस मामले की जांच शुरू की तो यह बात सामने आई कि परमार्थ निकेतन के दानपात्र से चोरी के आरोप में केदार सिंह के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। इतना जरूर है कि मामले की तहरीर पुलिस के पास आई थी। जब तक मामला दर्ज होता वह पुलिस से छूटकर गंगा में कूद गया था।इंस्पेक्टर सहित चार के खिलाफ न्यायालय जा चुके हैं पिता
थाना लक्ष्मण झूला से भागकर गंगा में छलांग लगाने वाले केदार सिंह के पिता लक्ष्मण इस मामले में न्यायालय की शरण में जा चुके हैं। उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी गढ़वाल के यहां आवेदन दाखिल कर निरीक्षक संतोष सिंह कुंवर, कोटद्वार से केदार के साथ आए उसके दोस्त निलेश निवासी उत्तरकाशी, तपोवन के होटल द लिली के प्रबंधक और एक उपनिरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी जिस पर न्यायालय ने जांच अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक सर्किल श्रीनगर को 11 अक्टूबर को न्यायालय में तलब किया है।
केदार सिंह मामले की जांच डीजीपी की ओर से हमें सौंपी गई है। शुक्रवार से जांच शुरू कर दी गई है। परमार्थ निकेतन प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों के इस मामले में बयान लेते हुए मौका मुआयना किया गया है। निरीक्षक संतोष सिंह कुंवर से भी पूछताछ कर बयान लिए गए हैं। शीघ्र ही केदार के पिता लक्ष्मण सिंह के भी बयान दर्ज किए जाएंगे।- करण सिंह नगन्याल, पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र
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