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Road Safety With Jagran : देहरादून में 49 ब्लैक स्पाट, सुधार को निकले आरटीओ

Road Safety With Jagran सबसे अधिक खतरा सड़कों पर बने ब्लैक स्पाट पर होता है जहां दर्जनों जान चली जाती हैं। जिले में 49 ब्लैक स्पाट को चिह्नित हुए हैं। यहां दुर्घटना के कारणों व उन्हें रोकने के लिए आरटीओ शैलेश तिवारी ने प्रयास शुरू कर दिए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sun, 27 Nov 2022 12:48 PM (IST)
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Road Safety With Jagran : सबसे अधिक खतरा सड़कों पर बने ब्लैक स्पाट पर होता है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : Road Safety With Jagran : दुर्घटना से देर भली। सड़क सुरक्षा के लिए इस तरह के तमाम स्लोगन सड़कों के इर्द-गिर्द लिखे दिख जाएंगे। यह बात और है कि रफ्तार के जुनून और मंजिल तक पहुंचने की हड़बड़ी में जिंदगी पीछे छूट जाती है।

जनवरी 2022 से नवंबर के मध्य तक 363 सड़क दुर्घटनाएं हुईं

सबसे अधिक खतरा सड़कों पर बने ब्लैक स्पाट पर होता है, जहां हर वर्ष दर्जनों जान चली जाती हैं। परिवहन विभाग के ताजा आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो जनवरी 2022 से नवंबर के मध्य तक 363 सड़क दुर्घटनाएं हुईं।

इनमें 139 व्यक्तियों की मृत्यु हुई, जबकि 285 घायल हुए। विभाग ने जिले में 49 ब्लैक स्पाट को चिह्नित किया है। यहां दुर्घटना के कारणों व उन्हें रोकने के लिए आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने प्रयास शुरू कर दिए हैं।

दैनिक जागरण की ओर से सड़क सुरक्षा को लेकर चलाए जा रहे अभियान को देख परिवहन विभाग व पुलिस समेत सरकार ने भी ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में शनिवार से आरटीओ शैलेश तिवारी ने दून में चिह्नित ब्लैक स्पाट का निरीक्षण करना शुरू कर दिया है।

प्रारंभिक चरण में उन्होंने शनिवार को चार ब्लैक स्पाट मसूरी रोड मैगी प्वाइंट, राजपुर रोड साईं मंदिर व एनआइईपीडी समेत डीआइटी कालेज मोड का निरीक्षण किया। यहां दुर्घटना का प्रमुख कारण ओवर स्पीड व गलत दिशा में वाहन चलाना रहा है। आरटीओ ने बताया कि इन सभी ब्लैक स्पाट में सुधार का प्रयास शुरू कर दिया गया है।

सड़क सुरक्षा की दिशा में ब्लैक स्पाट ठीक करने, पैराफिट, स्पीड ब्रेकर, रिफलेक्टर, चेतावनी बोर्ड आदि की दिशा में नए प्रयोग किए जाएंगे। आरटीओ ने बताया कि जिले के सभी एआरटीओ को ब्लैक स्पाट का निरीक्षण कर उनमें सुधार के उपाए बताने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को निरीक्षण में उनके साथ दून एआरटीओ प्रवर्तन एनके ओझा भी शामिल रहे। सभी ब्लैक स्पाट की रिपोर्ट सड़क सुरक्षा समिति को भेजी गई है।

परिवहन विभाग की ओर से चिह्नित 49 ब्लैक स्पाट

  • विकासनगर: 06,
  • पटेलनगर: 06,
  • राजपुर: 06,
  • ऋषिकेश: 05,
  • डोईवाला: 05,
  • रायवाला: 04,
  • सहसपुर: 04,
  • नेहरू कालोनी: 04,
  • कैंट: 03,
  • प्रेमनगर: 3,
  • मसूरी: 03

क्या है ब्लैक स्पाट

ब्लैक स्पाट राष्ट्रीय राजमार्ग का 500 मीटर का ऐसा भाग होता है, जहां पर बीते तीन कैलेंडर वर्ष में पांच सड़क दुर्घटना हुई हों। इसके अलावा ऐसा भाग, जहां पिछले तीन वर्ष में 10 मृत्यु हुई हों।

जिले में बढ़ी दुर्घटनाएं व मृत्यु

वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में जिले में दुर्घटना व मृत्यु का आंकड़ा बढ़ा है। परिवहन विभाग के अनुसार, वर्ष 2021 में 284 दुर्घटनाएं हुईं, जबकि इस वर्ष 2022 में अब तक 363 दुर्घटना हुई, जो गत वर्ष की तुलना में 27.82 प्रतिशत अधिक रही। वर्ष 2021 में दुर्घटना में 123 व्यक्तियों की मृत्यु हुई, जबकि इस वर्ष 139 की मृत्यु हो चुकी है, जो 13 प्रतिशत अधिक है। घायल का प्रतिशत भी 47.67 प्रतिशत बढ़ा है।

सड़क सुरक्षा समिति को भेजे ये सुझाव

मैगी प्वाइंट: दुर्घटना रोकने के लिए ब्लैक स्पाट पर डाउन स्ट्रीम पहले और बाद में रंबल स्ट्रिप लगाए जाने, कान्क्लेव मिरर लगाने, ओवरटेकिंग रोकने को सड़क के बीच में सफेद पट्टी बनाने एवं कैट आई लगाने के सुझाव दिए गए।

राजपुर रोड साईं मंदिर: जेब्रा क्रोसिंग, रोड मार्किंग, कैट आई, साइनेज व रंबल स्ट्रिप लगाने के सुझाव दिए गए।

एनआइईपीडी: रोड मार्किंग, यू-टर्न बोर्ड लगाने का सुझाव दिया गया।

डीआईटी मोड: राइनेज, रंबल स्ट्रिप, कान्क्लेव मिरर व रोड मार्किंग कराने का सुझाव दिया गया।

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