Road Safety With Jagran: डीएम ने बताई प्राथमिकता, कहा- ब्लैक स्पाट किए जा रहे चिह्नित, सुधार भी हो रहे
Road Safety With Jagran सड़क सुरक्षा की दिशा में देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका ने अपनी प्राथमिकता बताई। उन्होंने कहा कि ब्लैक स्पाट चिह्नित किए जा रहे हैं। साथ ही उनमें अपेक्षित सुधार भी किया जा रहा है।
By Suman semwalEdited By: Sunil NegiUpdated: Mon, 28 Nov 2022 11:49 PM (IST)
सुमन सेमवाल, देहरादून। सड़क सुरक्षा एक वृहद विषय है और इसकी पूर्ति भी सरकारी मशीनरी अपने समग्र प्रयास से कर सकती है। क्योंकि, सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने की जितनी जिम्मेदारी सड़कों का निर्माण करने वाली निर्माण एजेंसियों की है, उतनी ही जिम्मेदारी परिवहन व यातायात व्यवस्था को पुख्ता बनाने वाले परिवहन व पुलिस विभाग की भी है। सरकारी तंत्र के सभी अंग समग्रता से काम कर सकें, इसके लिए जिलाधिकारियों पर भी अहम जिम्मा होता है।
जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति के माध्यम से सड़क सुरक्षा पुख्ता करने के लिए जिलाधिकारी अध्यक्ष की भूमिका में होते हैं। विविध भूगोल वाले देहरादून में जिलाधिकारी की भूमिका और अहम हो जाती है। लिहाजा, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका से जब इस विषय पर बात की गई तो उन्होंने खुलकर अपनी प्राथमिकता साझा की। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा समिति के माध्यम से ब्लैक स्पाट निरंतर चिह्नित किए जा रहे हैं और उनमें अपेक्षित सुधार भी किया जा रहा है। प्रस्तुत है, उनसे बातचीत के प्रमुख अंश।
प्रश्न: देहरादून जिले में तमाम ब्लैक स्पाट और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की संख्या अधिक है। इनमें निरंतर दुर्घटना हो रही हैं। सड़क सुरक्षा समिति के माध्यम से सुधार के क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
- उत्तर: जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों में न सिर्फ ब्लैक स्पाट और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को दुरुस्त करने निर्देश दिए जा रहे हैं, बल्कि इस कार्य की समीक्षा भी की जा रही है। जिले में 49 ब्लैक स्पाट चिह्नित थे, जिनमें से 30 को ठीक किया जा चुका है और बाकी में सुधार कार्य गतिमान है।
प्रश्न: जिले में सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण क्या है और इसकी रोकथाम के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
- उत्तर: इस वर्ष अक्टूबर माह तक 363 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं और इनमें 139 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। सर्वाधिक हादसे ओवरस्पीड, गलत दिशा में वाहन चलाने व ओवरटेक करने के चलते हुई हैं। इस तरह की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन व पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं। ताकि प्रवर्तन कार्य तेज किए जा सकें।
- उत्तर: सड़क सुरक्षा की दिशा में चालान करना भी व्यवस्था का हिस्सा है। सड़कों की दशा से यातायात पुलिस काफी वाकिफ होती है। इसलिए सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में पुलिस के स्तर से सड़कों में अपेक्षित सुधार के सुझाव भी मांगे जाते हैं। इस प्रक्रिया को और विस्तार दिया जाएगा।
प्रश्न: शहर की व्यस्त सड़कों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर काफी शिकायतें मिलती हैं। विशेषकर स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने वाले वाहन चालकों, वाहनों को लेकर अभिभावक शिकायत करते रहते हैं। स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए चालकों व स्कूलों के लिए क्या दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- उत्तर: परिवहन विभाग व पुलिस को स्कूली बच्चों के वाहनों की फिटनेस का परीक्षण करने के सख्त निर्देश समय-समय पर जारी किए जाते हैं। विशेषकर चालकों को प्रशिक्षण देने के निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
- उत्तर: बल्लीवाला फ्लाईओवर को लेकर सड़क सुरक्षा समिति के सदस्यों से रिपोर्ट मांगी जाएगी। साथ ही इसके तकनीकी परीक्षण को लेकर अब तक जो अभी प्रयास किए गए हैं, उनका अध्ययन कर निर्णय किया जाएगा।
- उत्तर: देहरादून शहर बेहद तेजी से बढ़ रहा है। शहर की प्रमुख सड़कों पर यातायात का बोझ अत्यधिक है। इस लिहाज से सड़कों में सुधार के लिए अतिक्रमण हटाने, फुटपाथ खाली कराने, पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ ही सड़कों की राइडिंग क्वालिटी में सुधार के प्रयास गंभीरता से चल रहे हैं। साथ ही सार्वजनिक परिवहन के अलग-अलग विकल्पों पर भी काम चल रहा है।