Road Safety With Jagran: 'जादुई छड़ी' की फिटनेस आटोमेडेट में भी अटकी, उद्घाटन के बाद भी शुरू नहीं हुई फिटनेस
सरकार की ओर से देहरादून के डोईवाला में आटोमेडेट फिटनेस स्टेशन (एएफएस) का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार 11 नवंबर को किया जरूर लेकिन हैरानी की बात है कि स्टेशन में मंगलवार तक फिटनेस का काम शुरू ही नहीं हुआ।
By Ankur AgarwalEdited By: Sumit KumarUpdated: Wed, 16 Nov 2022 12:10 AM (IST)
अंकुर अगवाल, देहरादून: Road Safety With Jagran जनपद में दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन वाहनों की फिटनेस जांच की 'जादुई छड़ी' छोड़ने को परिवहन विभाग तैयार नहीं है। अकसर दुर्घटनाओं की तकनीकी जांच में वाहन अनफिट पाए जाते हैं, लेकिन हैरत देखिए कि परिवहन विभाग द्वारा उन्हें 'फिट' का प्रमाण पत्र मिला होता है। शायद यही है सांठगांठ का 'खेल'।
मुख्यमंत्री ने किया था एएफएस का उद्घाटन
इसे रोकने के लिए सरकार की ओर से देहरादून के डोईवाला में आटोमेडेट फिटनेस स्टेशन (एएफएस) का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार 11 नवंबर को किया जरूर, लेकिन हैरानी की बात है कि स्टेशन में मंगलवार तक फिटनेस का काम शुरू ही नहीं हुआ। इधर, आरटीओ कार्यालय में भी शुक्रवार से फिटनेस का कार्य को रोक दिया गया। ऐसे में जिन वाहनों की फिटनेस खत्म हो चुकी है, वह बिना फिटनेस नवीनीकरण के मार्गों पर दौड़ रहे हैं।
आरटीओ और एआरटीओ कार्यालयों में वर्षों से चल रहा 'खेल'
हालत ये है कि एक वाहन की फिटनेस जांच को जहां आधा घंटा लगता है, उससे कम समय में परिवहन विभाग लगभग 25 वाहनों को 'जादुई छड़ी' से जांच कर हरी झंडी दे देता है। आरटीओ और एआरटीओ कार्यालयों में ये 'खेल' वर्षों से चल रहा है, लेकिन सरकार इसे लेकर संजीदा नहीं रही। परिवहन कार्यालयों में जितनी तेजी के साथ नए वाहनों का पंजीकरण चल रहा है, उतनी ही तेजी से पुराने वाहनों की फिटनेस जांच को भी निबटाया जाता रहा।फिटनेस शुरू नहीं होने के पीछे दलालों का बड़ा नेटवर्क
सिर्फ भौतिक जांच कर वाहन को फिट या अनफिट का प्रमाण पत्र थमाया जा रहा था। इसी को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से पीपीपी मोड में डोईवाला लालतप्पड़ में फिटनेस के लिए आटोमेडेट फिटनेस स्टेशन (एएफएस) का निर्माण कराया गया, लेकिन चिंताजनक यह है कि यहां उद्घाटन के बाद भी वाहनों की फिटनेस शुरू नहीं हो सकी। इसके पीछे भी दलालों का बड़ा नेटवर्क बताया जा रहा है, जो नहीं चाहता कि फिटनेस कार्य मैलुअली के बजाय आटोमेटिक ढंग से किया जाए। इस बारे में आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि आटोमेडेट फिटनेस स्टेशन में फीस मैनुअल कटेगी, जबकि वाहन स्वामी एम-परिवहन एप पर आनलाइन फीस जमा कर रहे हैं। कहा कि स्टेशन में तकनीकी परेशानी आ गई थी, जिसे दूर किया जा रहा है।
318 दुर्घटनाओं में गई 121 की जान
पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में इस वर्ष एक जनवरी से 30 सितंबर तक कुल 318 दुर्घटना में 121 व्यक्ति की जान गई, जबकि 252 व्यक्ति घायल हुए। इनकी जांच में ओवरलोडिंग व ओवरस्पीड ज्यादा कारण रहे, लेकिन इस दौरान वाहन खराबी के चलते दुर्घटना के भी मामले सामने आए। हालांकि, वाहन में खराबी के चलते हुई दुर्घटनाओं की संख्या बेहद चिंताजनक नहीं रही, मगर ऐसे वाहनों से जो भी हादसे हुए, उनमें छह से दस लोगों की जान गई। इनमें मैक्स, निजी बसें व यूटिलिटी शामिल हैं।विकासनगर शामिल, ऋषिकेश छोड़ा
आटोमेडेट फिटनेस स्टेशन (एएफएस) में परिवहन मुख्यालय के आला अधिकारियों की मंशा भी सवालों में है। दरअसल, उक्त स्टेशन में दून आरटीओ कार्यालय के साथ विकासनगर एआरटीओ कार्यालय में हो रहे फिटनेस कार्य को शिफ्ट किया गया, लेकिन ऋषिकेश एआरटीओ कार्यालय को शामिल नहीं किया गया। विकासनगर एआरटीओ से डोईवाला में बनाए गए फिटनेस स्टेशन की दूरी लगभग 60 किमी है, जबकि ऋषिकेश से इसकी दूरी महज 20 किमी है।
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- वाहन के इंजन व एक्सीलेटर की जांच।
- स्टेयरिंग लाक की जांच।
- इंडीकेटर, वाइपर, रिफ्लेक्टर, ब्रेक और टायर की जांच।
- ड्राइवर केबिन का पार्टिशन, हेडलाइट आदि की जांच।
- निजी वाहनों को 15 साल में फिटनेस जांच करानी होती है।
- व्यावसायिक वाहनों को हर साल जांच के लिए वाहन आरटीओ लाना अनिवार्य।
- पर्वतीय क्षेत्र के व्यावसायिक वाहनों की हर छह माह में फिटनेस जांच अनिवार्य।