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अब तो सड़क बनेगी या होगा चक्का जाम... दी खुली चेतावनी, 40 सालों से अटका हुआ है काम; ग्रामीणों का टूटा सब्र का बांध

राज्य मार्ग मीनस-अटाल का सड़क कार्य 40 वर्ष से अधूरा है। 22 किलोमीटर लंबे इस मार्ग निर्माण कार्य को वर्ष 1983-84 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार में मंजूरी प्रदान की गई थी। नाराज ग्रामीणों ने छह फरवरी को पाटन में हरिपुर-क्वानू-मीनस मार्ग पर चक्का जाम करने का निर्णय लिया है। ग्रामीणों ने चक्का जाम एवं आंदोलन की सूचना पुलिस-प्रशासन और अन्य सभी विभागों को प्रेषित की है।

By chandram rajguru Edited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 02 Feb 2024 08:11 AM (IST)
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अब तो सड़क बनेगी या होगा चक्का जाम... दी खुली चेतावनी, 40 सालों से अटका हुआ है काम
चंदराम राजगुरु, त्यूणी। पिछले 40 वर्ष से अधूरे राज्य मार्ग मीनस-अटाल सड़क की बदहाली से नाराज ग्रामीणों के सब्र का बांध अब टूट रहा है। डीएम से लेकर सीएम तक सड़क चौड़ीकरण व डामरीकरण की मांग कर रहे ग्रामीणों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। तंत्र की उदासीनता से नाराज ग्रामीणों ने छह फरवरी को पाटन में हरिपुर-क्वानू-मीनस मार्ग पर चक्का जाम करने का निर्णय लिया है। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए आंदोलन शुरू करने का ऐलान है।

जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों को यातायात सुविधा से जोड़ने वाले राज्य मार्ग मीनस-अटाल का सड़क कार्य 40 वर्ष से अधूरा है। 22 किलोमीटर लंबे इस मार्ग निर्माण कार्य को वर्ष 1983-84 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार में मंजूरी प्रदान की गई थी। सीमांत क्षेत्र के 90 से अधिक गांवों को जोड़ने वाले इस मार्ग के निर्माण कार्य का जिम्मा कार्यदाई संस्था लोनिवि अस्थाई खंड साहिया के पास है।

यातायात समस्या से जुझ रहे ग्रामीण

सड़क निर्माण के नाम पर करोड़ों का सरकारी बजट खपाने के बाद भी इस मार्ग पर वाहनों का संचालन नहीं हो रहा। सड़क की बदहाली के कारण यातायात समस्या से जुझ रहे ग्रामीणों को हिमाचल प्रदेश की सीमा से होकर कई मील दूर घुमकर विकासनगर-देहरादून आना जाना पड़ता है। हिमाचल प्रदेश की सीमा से आवाजाही के दौरान किसानों को अपनी कृषि उपज मंडी ले जाने को टोल टैक्स के रूप में अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ता है। अगस्त 2019 से मार्ग के चौड़ीकरण व डामरीकरण की मांग कर रहे क्षेत्रवासियों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।

आंदोलन की बनाई रणनीति

नाराज ग्रामीणों ने बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई है। स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राकेश कंडमाणी, दीवान सिंह, सरदार सिंह, जयवीर तोमर, संदीप चौहान, राजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह व नरेंद्र आदि ने कहा मार्ग के चौड़ीकरण एवं डामरीकरण की मांग को लेकर ग्रामीण छह फरवरी को पाटन में एकत्र होकर हरिपुर-क्वानू-मीनस मार्ग पर चक्का जाम लगाए।

इसके साथ ग्रामीणों ने आमरण अनशन शुरू करने का भी निर्णय लिया है। सामाजिक कार्यकर्ता राकेश कंडमाणी व दीवान सिंह ने कहा कि शासन-प्रशासन क्षेत्रवासियों की यातायात समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा, जिस कारण लोगों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।

राज्य गठन के 23 वर्ष बाद भी सड़क की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। ग्रामीणों के पास आंदोलन के अलावा अब कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा। सड़क की हालत सुधारने को क्षेत्र के लोगों ने सरकार से शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की है। जिससे लोगों को सुगम यातायात सुविधा का लाभ पहुंच सके। ग्रामीण आंदोलन के जरिए आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है।

वहीं, एसडीएम चकराता हर गिरी गोस्वामी ने कहा ग्रामीणों की सड़क समस्या से जिलाधिकारी को अवगत कराया गया है। इस संबंध में अधिशासी अभियंता लोनिवि खंड साहिया को ग्रामीणों से बातचीत कर इसका समाधान निकालने को कहा है। ग्रामीणों ने चक्का जाम एवं आंदोलन की सूचना पुलिस-प्रशासन और अन्य सभी विभागों को प्रेषित की है।

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