उत्तराखंड रोडवेज में वेतन देने के लाले, कैसे घूमेगा वाहनों का पहिया
उत्तराखंड परिवहन निगम 200 करोड़ के सालाना घाटे में चल रहा है। ऐसे में निगम के पास अप्रैल और मई में कार्मिकों का वेतन देने के लिए ढेला तक नहीं है।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Sat, 23 May 2020 08:43 AM (IST)
देहरादून, अंकुर अग्रवाल। उत्तराखंड परिवहन निगम 200 करोड़ के सालाना घाटे में चल रहा है। ऐसे में निगम के पास अप्रैल और मई में कार्मिकों का वेतन देने के लिए ढेला तक नहीं है।
उत्तराखंड परिवहन निगम का पहिया साल 2020 के अगले नौ माह में कैसे घुमेगा, ये बड़ा सवाल बन गया है। इस साल मार्च के मध्य से बस संचालन बंद है और अभी भी कोरोना संक्रमण के चलते अगले कुछ माह सामान्य संचालन शुरू होता दिखाई नहीं दे रहा। ऐसे में रोडवेज के लिए अपने कर्मियों को वेतन देना भी मुनासिब नहीं होगा। सच तो ये है कि रोडवेज की झोली में कुछ नहीं है एवं पूरे साल सरकार से घाटे की प्रतिपूर्ति के रूप में मिलने वाली 59 करोड़ रुपये की मदद में से वह 52 करोड़ रुपये शुरुआती तीन माह में ही ले चुका है। शेष बचे सिर्फ सात करोड़ रुपये। बस संचालन ठप है और मासिक वेतन का खर्च ही करीब 22 करोड़ रुपये है। ऐसे में अप्रैल और मई का वेतन कैसे दिया जाएगा, यह रोडवेज प्रबंधन को ‘डूबते जहाज’ से कम नहीं लग रहा।
2020-21 के बजट में रोडवेज के लिए सरकार ने पर्वतीय मार्गो पर बस संचालन के घाटे की प्रतिपूर्ति की एवज में 35 करोड़ रुपये और जनकल्याणकारी मुफ्त यात्रा की एवज में कुल 24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। पर्वतीय घाटे की मद से रोडवेज फरवरी में 10 करोड़ व मार्च में दूसरी बार 20 करोड़ पहले ही ले चुका है। अब बचे पांच करोड़ भी एडवांस जारी हो गए। इसी तरह मुफ्त यात्रा के मद में से भी 17 करोड़ अब मंजूर हो गए।
ऐसे में कुल 59 करोड़ में से सरकार द्वारा रोडवेज को वित्तीय वर्ष के तीन माह में ही 52 करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिए हैं। अब सिर्फ सात करोड़ ही शेष बचे हैं। सवाल से उठ रहा कि जब भी बस संचालन सुचारू होगा तब रोडवेज इस घाटे की प्रतिपूर्ति कहां से वसूलेगा।
सालाना बजट में सरकार ने सभी मदों में रोडवेज के लिए कुल 110 करोड़ रुपये का प्रावधान किया हुआ है। इसमें पर्वतीय मार्गो पर घाटे व मुफ्त यात्र योजनाओं के घाटे के लिए ही आधा बजट रखा गया था। रोडवेज को सरकार से अब जो बजट मिलेगा उसमें केवल सात करोड़ रुपये ही वेतन पर खर्च किए जा सकते हैं। बाकी बजट निर्माण या विभागीय कार्यो के लिए है।
सरकार अनुदान देगी तो मिलेगा वेतन रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन के मुताबिक, सरकार यदि कोरोना काल के दो माह के अनुदान के रूप में 25-25 करोड़ रुपये की धनराशि रोडवेज को दे तभी कुछ हो सकता है, वरना रोडवेज के लिए आगे वेतन देना भी मुनासिब नहीं हो पाएगा।बचे हैं दो विकल्प
उत्तरांचल रोडवेज कर्माचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी के अनुसार, रोडवेज को जीवित रखने के लिए अब केवल दो ही विकल्प शेष हैं। स्मार्ट सिटी के लिए अधिग्रहित हरिद्वार रोड कार्यशाला की जमीन की एवज में सरकार 200 करोड़ रुपये रोडवेज को उपलब्ध करा दे। इसके अलावा यूपी से परिसपंत्तियों के बंटवारे के एवज में कम से कम 250 करोड़ की राशि मिल जाए।रोडवेज को 22 करोड़ रुपये जारी, मिलेगा मार्च का वेतन
वेतन के संकट से जूझ रहे उत्तराखंड परिवहन निगम को सरकार ने 22 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है। हालांकि, यह धनराशि पर्वतीय मार्गो पर बस संचालन व जनकल्याणकारी मुफ्त यात्रा के घाटे की प्रतिपूर्ति मद से दिए गए हैं। सरकार ने इन दोनों मदों में घाटे की प्रतिपूर्ति के लिए सालाना बजट में प्रावधान किया हुआ है। धनराशि उसी में से एडवांस दी गई है। रोडवेज में पिछले छह माह से वेतन के लाले पड़े हुए हैं। हालात ये हैं कि मौजूदा समय में मार्च तक का वेतन नहीं दिया गया है। बस संचालन ठप होने से कमाई भी ठप पड़ी है। कोरोना के कारण रोडवेज का पूरा स्टॉफ इस समय प्रवासी लोगों को लाने व ले जाने में लगा हुआ है। वेतन न मिलने से सबसे ज्यादा दिक्कत विशेष श्रेणी-संविदा चालक-परिचालकों एवं कर्मचारियों को हो रही है।
इनका आक्रोश लगातार बढ़ रहा है और कर्मचारी संगठन प्रबंधन पर वेतन देने का दबाव बना रहे थे। ऐसे में प्रबंधन द्वारा सरकार से सालाना बजट में से मदद मांगी गई थी। 2020-21 के बजट में रोडवेज के लिए पर्वतीय मार्गो पर संचालन के घाटे की प्रतिपूर्ति की एवज में 35 करोड़ रुपये और जनकल्याणकारी मुफ्त यात्राओं की एवज में 24 करोड़ रुपये का प्रावधान सरकार ने कर रखा था। इसमें वेतन के लिए ही रोडवेज ने फरवरी व मार्च में 30 करोड़ रुपये एडवांस ले लिए थे। अब सरकार द्वारा पर्वतीय घाटे के शेष पांच करोड़ रुपये और मुफ्त यात्रा के 24 करोड़ रुपये में से सत्रह करोड़ रुपये रोडवेज को फिर देने की मंजूरी दे दी है। रोडवेज को हर माह वेतन के रूप में 22 करोड़ की जरूरत होती है।
सचिव परिवहन शैलेश बगोली की ओर से 22 करोड़ रुपये जारी करने के आदेश दे दिए गए। यह राशि जल्द रोडवेज के खाते में आ जाएगी और रोडवेज प्रबंधन की ओर से मंगलवार तक मार्च का वेतन जारी करने की बात कही जा रही है। कर्मचारियों में इससे खुशी की लहर है, लेकिन अधिकारी यह सोच रहे कि अप्रैल व मई के वेतन का जुगाड़ कैसे होगा।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में ग्राम पंचायतों की बल्ले-बल्ले, अब 40 फीसद ज्यादा मिलेगा अनुदान
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी, उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के प्रदेश महामंत्री रविनंदन कुमार व रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री दिनेश पंत ने मदद को लेकर सरकार का आभार जताया है।यह भी पढ़ें: मनरेगा में महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिये भी हो सकेगी कार्य की मांग
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।