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रोडवेज यूनियन के तेवर हुए उग्र, सात जून से हड़ताल की चेतावनी

मांगों का समाधान न होने पर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के तेवर फिर उग्र हो गए हैं। मांगों को लेकर कर्मचारियों ने सात जून से प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।

By BhanuEdited By: Updated: Fri, 31 May 2019 12:29 PM (IST)
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रोडवेज यूनियन के तेवर हुए उग्र, सात जून से हड़ताल की चेतावनी
देहरादून, जेएनएन। शासन से बीते दिनों हुई समझौता वार्ता के बाद मांगों का समाधान न होने पर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के तेवर फिर उग्र हो गए हैं। यूनियन ने प्रबंध निदेशक को पत्र देकर नाराजगी जताई है कि मांगों के समाधान के बिना ही प्रबंधन ने झूठा कार्यवृत्त जारी कर दिया। यूनियन ने प्रबंधन को छह जून तक का समय दिया है। ऐसा नहीं होने पर सात जून से प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार पर जाने का एलान किया है। 

22 मई को शासन से वार्ता के बाद 24 मई से प्रस्तावित उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन का प्रदेश व्यापी कार्य बहिष्कार दो हफ्ते के लिए टल गया था। मालूम हो कि, वेतन समेत अन्य मांगों को लेकर यूनियन की तीनों मंडलीय कार्यकारिणी ने 16 मई से जबकि प्रदेश कार्यकारिणी ने 24 मई से सूबे में कार्य बहिष्कार का एलान किया था। 

इस हड़ताल से बचने को सरकार ने 14 मई को रोडवेज की हड़ताल पर छह महीने के लिए एस्मा लगा दी। अगले दिन 15 मई को 11 दौर में हुई बातचीत में यूनियन का सरकार से समझौता हो गया था व 16 मई से होने वाला कार्य बहिष्कार स्थगित हो गया था। 

समझौते के अनुसार कर्मचारियों का वेतन जारी हो गया और चारधाम यात्रा भी चल रही है, लिहाजा यूनियन ने 24 मई से होने वाला कार्य बहिष्कार छह जून तक के लिए टाल दिया है। यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि 15 मई को हुई समझौता वार्ता का कार्यवृत्त जारी हुआ तो उसमें काफी मांगें ऐसी हैं, जिनका अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है। प्रबंधन ने उन मांगों का समाधान होने का दावा किया है, जो गलत है। चौधरी ने कहा कि अगर छह जून तक उनकी मांगे नहीं मानी गई तो सात जून से यूनियन प्रदेशभर में फिर कार्य बहिष्कार पर चली जाएगी। 

प्रति किमी दर में वृद्धि की मांग

यूनियन ने प्रबंध निदेशक से संविदा और विशेष श्रेणी चालक व परिचालकों की प्रति किमी दर में वृद्धि की मांग की है। यूनियन ने छठे वेतनमान का हवाला देकर चालकों के प्रति किमी दर में सात पैसे व परिचालक के लिए छह पैसे वृद्धि की मांग की है। 

केंद्रीय पेंशनर्स ने लंबित मांगों पर तानी मुट्ठियां

केंद्रीय पेंशनर्स ने अपनी लंबित मांगों को लेकर मुट्ठियां तान ली हैं। उन्होंने सर्वे चौक स्थित सीजीएचएस वेलनेस सेंटर जल्द खोलने और हल्द्वानी व श्रीनगर में भी वेलनेस सेंटर स्थापित करने की मांग की। इसके अलावा अन्य जगह की भांति देहरादून सीजीएचएस में आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की मांग भी की। अपनी मांगों पर कार्रवाई के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को एक माह का समय दिया है। इस दौरान मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। 

दून केंद्रीय पेंशनर्स एसोसिएशन की कार्यसमिति की बैठक विजय कालोनी स्थित शिव मंदिर सभागार में हुई। बैठक में आंदोलन के संबंध में निर्णय लिया गया। इस दौरान 9 जून को एसोसिएशन का द्विवार्षिक अधिवेशन आयोजित करने पर भी सहमति बनी। 

वक्ताओं ने कहा कि सीजीएसएस के तहत देहरादून के अलावा उत्तराखंड में आज तक कोई वेलनेस सेंटर नहीं खोला गया है। उस कारण प्रदेश के करीब 32 हजार लाभार्थी उपचार के लिए देहरादून के दो वेलनेस सेंटरों पर निर्भर हैं। गत वर्ष एसोसिएशन के लंबे प्रयास से सर्वे चौक स्थित वेलनेस सेंटर का सीजीएचएस में विलय हुआ था। 

इसके संचालन की अधिसूचना भी सात माह पूर्व केंद्र सरकार ने जारी कर दी थी। इसे अब तक शुरू नहीं किया गया है। बैठक में अध्यक्ष मस्तान सिंह रावत, महासचिव एसएस चौहान, संयोजक केएस बांगरी, माधो सिंह रावत, विष्णु दत्त शर्मा, जीत सिंह नेगी, सीएम बिजल्वाण, हरमिंदर काला, जयानंद आदि ने विचार व्यक्त किए।

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